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- फ्रॉड बिल्डरों-फाइनेंशियल संस्थानों के 47 ठिकानों पर CBI की छापेमारी….
Posted by : achhiduniya
30 July 2025
सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश में कहा था कि
बिल्डरों और कुछ फाइनेंशियल संस्थानों के अधिकारियों के बीच सांठगांठ है,
जिसकी वजह से होमबायर्स को जानबूझकर एक
फर्जी और जालसाजी वाली सबवेंशन स्कीम के ज़रिए फंसाया गया। अप्रैल 2025
में सुप्रीम कोर्ट ने CBI
को 7 प्रीलिमिनरी इंक्वायरी शुरू करने को कहा था। सीबीआई ने 3
महीने के भीतर 6 प्रीलिमिनरी इंक्वायरी पूरी कर ली और कोर्ट में स्टेटस
रिपोर्ट सौंपी। CBI ने बिल्डरों और फाइनेंशियल संस्थानों के बीच
मिलीभगत के मामले में कुल 22 केस दर्ज किए हैं और 47 ठिकानों पर छापेमारी की है। ये कार्रवाई सुप्रीम
कोर्ट के निर्देश पर की गई है। हजारों परेशान होमबायर्स,
जो ना तो मकान पा सके और
ऊपर से बैंकों की
वसूली का सामना कर रहे थे, उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई थी। कोर्ट ने इस मामले
को गंभीरता से लेते हुए सीबीआई को जांच के आदेश दिए थे। दिल्ली-एनसीआर में
घर के सपने देखने वाले हजारों लोगों से धोखाधड़ी करने वाले बिल्डरों के खिलाफ CBI
ने बड़ी कार्रवाई की। इसके बाद कोर्ट ने 22
रेगुलर केस दर्ज करने का आदेश दिया। इन मामलों की जांच
के तहत सीबीआई ने दिल्ली, गुरुग्राम, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद समेत एनसीआर में 47
ठिकानों पर छापेमारी की।
इस दौरान कई
महत्वपूर्ण दस्तावेज और डिजिटल सबूत भी बरामद किए गए हैं। सीबीआई ने साफ किया
है कि जांच अभी जारी है और आगे और भी खुलासे हो सकते हैं। इस स्कीम के तहत
बिल्डर और बैंक साथ मिलकर होम लोन की ईएमआई शुरू में खुद भरते थे और ग्राहक को
भरोसा दिलाते थे कि कब्जा मिलने तक उसे कुछ नहीं चुकाना होगा। बाद में ना तो मकान मिला और ना ही बिल्डर ने बैंक
की किश्तें भरीं, जिससे सारा बोझ होमबायर्स पर आ गया।