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- पति से शारीरिक संबंध न बनाना दूसरी महिला का शक करना क्रूरता व तलाक का आधार..हाई कोर्ट
Posted by : achhiduniya
18 July 2025
मुंबई हाई कोर्ट ने
महिला की उस याचिका को खारिज कर दिया,जिसमें उसने फैमिली कोर्ट के आदेश को चुनौती दी
थी। उक्त आदेश में पति की तलाक याचिका को मंजूरी दी गई थी। महिला ने याचिका में
अपने पति से एक लाख रुपये मासिक गुजारा भत्ता दिलाने के लिए निर्देश देने का
अनुरोध किया था। दरअसल,मुंबई हाई कोर्ट ने एक फैमिली कोर्ट के तलाक संबंधी आदेश को चुनौती देने वाली महिला
को राहत देने से इनकार करते हुए कहा कि पति के साथ शारीरिक संबंध बनाने से इनकार
करना और उस पर विवाहेत्तर संबंध रखने
का संदेह करना क्रूरता है। इसलिए यह तलाक का
आधार है। जज रेवती मोहिते डेरे और नीला गोखले की खंडपीठ ने कहा कि महिला के आचरण
को उसके पति के प्रति क्रूरता माना जा सकता है।व्यक्ति ने कई आधार पर क्रूरता का आरोप
लगाया,जिसमें महिला
के शारीरिक संबंध बनाने से इनकार करना, पति पर विवाहेत्तर संबंध रखने का संदेह करना और व्यक्ति
के परिवार, दोस्तों
और कर्मचारियों के सामने उसे शर्मिंदा कर मानसिक पीड़ा पहुंचाना शामिल है। व्यक्ति
ने दावा किया कि उसकी पत्नी ने उसे उस वक्त ही छोड़ दिया था,
जब वह उसका घर छोड़कर अपने मायके चली गई।
हाई कोर्ट ने कहा,अपीलकर्ता (महिला) का व्यक्ति के कर्मचारियों के
साथ व्यवहार निश्चित रूप से उसे पीड़ा पहुंचाएगा। इसी तरह, व्यक्ति को उसके दोस्तों के सामने अपमानित करना
भी उसके प्रति क्रूरता है। कोर्ट ने कहा कि महिला का उस व्यक्ति की दिव्यांग
बहन के साथ उदासीन व्यवहार भी निश्चित रूप से उसे और उसके परिवार के सदस्यों को
पीड़ा पहुंचाएगा। कोर्ट ने महिला की याचिका खारिज करते हुए कहा कि दंपति के बीच
विवाह संबंध टूट चुका है और इसमें सुधार होने की कोई संभावना नहीं है।


