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- उत्तर प्रदेश जलमार्ग से परिवहन व व्यापार होगा सुगम नए रोजगार के अवसर होंगे सर्जन...
Posted by : achhiduniya
22 July 2025
देश
में 111 राष्ट्रीय
जलमार्ग घोषित किए गए हैं, जिनमें उत्तर प्रदेश में गंगा, यमुना सहित कुल 11 राष्ट्रीय
जलमार्ग मौजूद हैं। जलमार्गों के जरिए परिवहन को किफायती और सुविधाजनक बनाने के
उद्देश्य से प्राधिकरण की स्थापना की जा रही है। सरकार का मानना है कि जल परिवहन
प्रणाली विकसित होने से यातायात के अन्य साधनों पर दबाव कम होगा। व्यापारिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा। बीते
एक माह पहले बिहार में इनलैंड वॉटरवेज की बड़ी बैठक
हुई थी, जिसमें उत्तर प्रदेश में जल परिवहन की संभावनाओं को
लेकर विचार विमर्श हुआ। भविष्य में किस तरह से यूपी में जल परिवहन को बढ़ाया जाए, इसके लिए योजनाओं पर
मुहर लगी। नदियों में किस तरह जल की मात्रा बढ़ाई जाए, जिससे आराम से शिप और
कार्गो संचालित हो सकें, इसकी भी रणनीति तैयार हुई। सड़क और रेल
परिवहन के साथ
ही जल परिवहन से यातायात और भी सुगम हो जाएगा। माल ढुलाई का काम भी जल परिवहन से
आसान होगा, जिससे यूपी की तरक्की का मार्ग प्रशस्त हो सकता है। उत्तर
प्रदेश में पहली बार अंतर्देशीय जलमार्ग परिवहन प्राधिकरण का गठन किया गया। लखनऊ
में शहीद पथ के किनारे जल परिवहन प्राधिकरण का मुख्यालय बनाने के लिए स्थान भी तय
हो गया है। जल परिवहन की संभावनाएं बढ़ने से प्रदेश के डेवलपमेंट पर पॉजिटिव असर
पड़ेगा। इसके साथ ही बड़े स्तर पर रोजगार के अवसर सृजित होंगे। स्थानीय लोगों को
भी बड़े स्तर पर इसका लाभ मिलेगा।
परिवहन विभाग के अधिकारी बताते हैं कि उत्तर
प्रदेश में बिहार की तरह ही जल परिवहन को लेकर काम शुरू होगा। इसके लिए कई राज्यों
के अधिकारी बिहार में आयोजित बड़ी बैठक में शामिल होने आए थे। उत्तर प्रदेश की तरफ
से भी भविष्य की जल परिवहन की योजनाओं की रूपरेखा तैयार की गई। उत्तर प्रदेश में 11 नदियों
को जल परिवहन के लिए मुफीद माना गया था। हालांकि, इन नदियों में सई नदी
में पानी की मात्रा काफी कम है, इसलिए अब 11 की जगह 10 नदियों में वॉटरवेज के काम को लेकर प्लान तैयार किया
जाएगा। अधिकारियों के मुताबिक जल परिवहन
प्राधिकरण में कई विभाग शामिल होंगे और बड़े स्तर का काम होगा, इसलिए कई शाखाएं भी
होंगी। इनका सबका अपना काम होगा। तकनीकी, ड्रेनेज और रजिस्ट्रेशन का काम होगा। परिवहन विभाग की
तरह ही जल परिवहन होगा, यहां जलयानों का पंजीकरण होगा।
रजिस्ट्री कार्यालय
खोले जाएंगे। लखनऊ के अलावा कई अन्य शहरों में भी रीजनल कार्यालय खोले जाएंगे
जिसमें बनारस और प्रयागराज प्रमुख हैं। उत्तर
प्रदेश में जल परिवहन प्राधिकरण का गठन हो चुका है।
इसके बाद प्राधिकरण का कार्यालय बनाने के लिए जगह भी चिन्हित कर ली गई है। लखनऊ में शहीद पथ के किनारे सहकारी विभाग की
बिल्डिंग में जल परिवहन प्राधिकरण का दफ्तर बनेगा। 11,800 स्क्वायर फीट में कार्यालय
स्थापित होगा। आठ लाख रुपए से कुछ ज्यादा
किराया हर माह का होगा। हालांकि अभी कार्यालय बनकर
तैयार होने में कुछ माह का समय जरूर लगेगा, लेकिन इसके बाद उत्तर प्रदेश
में जल परिवहन की दिशा में बेहतर काम हो इस दिशा में तेजी से काम होगा।