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- चिंता ही सभी बीमारियों की जड़ है....?
Posted by : achhiduniya
06 November 2025
चिंता असहजता, डर और अनसेफ महसूस करने या कोई ऐसी बात जिससे आप डर रहे हों से
हो सकती है। डर आमतौर पर खतरे के बाद गायब हो जाता है, जबकि
चिंता बिना किसी खतरे के बनी रहती है। डर या किसी खतरे से पहले चिंता
होना एक सामान्य क्रिया है। जब आपको लंबे समय तक डर बना रहता है तो शरीर को नुकसान
पहुंचता है। लंबे समय तक चलने वाली चिंता शरीर को स्ट्रेस देती है। कैसे दूर करें
एंग्जाइटी? इससे
छुटकारा पाने के लिए अपनाएं ये 7 टिप्स:- तनावपूर्ण स्थिति या बुरे अनुभव के दौरान हमारा शरीर
अलग तरह से प्रतिक्रिया देने लगता है, जिसे एंग्जाइटी (Anxiety) कहा
जाता है। हम अपने जीवन के अलग-अलग चरणों के दौरान बहुत-सी
चीजों के बारे में सोचते
हैं, बच्चों
को अपने एग्जाम की चिंता हो सकती है, जबकि वयस्क लोगों को नौकरी या पारिवारिक जिम्मेदारियों
की चिंता सता सकती है। क्या हैं चिंता के कारण? चिंता एक घबराहट पर निर्भर करती है, जितना
ज्यादा आप घबराएंगे उतनी ज्यादा आपकी चिंता बढ़ती चली जाएगी। आपके लिए यह खतरनाक
स्क्सपीरिंस हो सकता है। चिंता बीमारी होने, फाइनेंशियल परेशानियों की वजह से या घरेलू
कारणों से हो सकती है।
कुछ लोग इस कंट्रोल करने के लिए ड्रग्स या शराब का सेवन
करना शुरू कर देते हैं। ऐसे में आप लगातार स्ट्रेस की चपेट में आना शुरू हो जाते
हैं,अगर आप कुछ भी मानसिक परेशानी महसूस कर रहे हैं तो यह इसके लक्षण हो सकते हैं।
क्या होते हैं बेचैनी के लक्षण? काम में मन लगना, हर चीज से निराश होना, ज्यादा
पसीना आना, सांस
की तकलीफ होना, तेजी
से सांस लेना या घुटन महसूस करना इसके लक्षण हो सकते हैं। साथ ही कांपना, बार-बार
टॉइलेट आना, मुंह
सूखना, उल्टी, दस्त
या कब्ज, स्ट्रेस, चिड़चिड़ापन, ध्यान
केंद्रित करने में परेशानी,
नींद न आना या सेक्स से संबंधित परेशानियां भी हो सकती हैं।
क्या
करें कि न हो किसी चीज की चिंता:- चिंता के हल्के मामलों की पहचान मेडिकल जांच के
दौरान या किसी स्वास्थ्य संबंधी जांच के दौरान की जा सकती है। गंभीर चिंताया
घबराहट होने पर आमतौर पर लोगों डॉक्टर के पास जाना चाहिए। ऐसी हालत में आप
हार्ट-अटैक जैसी बीमारी की चपेट में आ सकते हैं। तुरंत ही डॉक्ट के पास जाएं और जो
परेशानियां आपकों हो रही हैं डॉक्टर को बताएं। चिंता का क्या है इलाज? इस
तरह की बीमारी का इलाज सिर्फ डॉक्टर की सलाह पर ही लें। खुद कुछ न अपनाएं शराब, कॉफी
पीने से बचना चाहिए। ऐसे में आप साइकोथैरेपी लें और डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाइयों
को लें। साथ ही आराम करें और रोजाना एक्सरसाइज को अपने रुटीन में शामिल करें।
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