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- कौन है भारतीय नागरिक-कौन नहीं,क्या कहता है संविधान...?
Posted by : achhiduniya
01 November 2025
संविधान में भारतीय नागरिक को स्पष्ट तौर
पर पारिभाषित किया गया है। संविधान का
अनुच्छेद 5 कहता है कि अगर कोई व्यक्ति भारत में जन्म लेता है और उसके
मां-बाप दोनों या दोनों में से कोई एक भारत में जन्मा हो तो वो
भारत का नागरिक होगा। भारत में संविधान लागू होने के 5 साल पहले यानी 1945 के पहले से रह रहा हर व्यक्ति भारत का
नागरिक माना जाएगा। अगर कोई भारत में नहीं भी जन्मा हो, लेकिन वो यहां रह रहा हो और उसके मां-बाप में से कोई एक भारत में पैदा हुए हो तो वो भारत का
नागरिक माना जाएगा। अगर कोई व्यक्ति यहां 5 साल तक रह चुका हो तो वो भारत की नागरिकता के लिए अप्लाई
कर सकता है। संविधान का अनुच्छेद 6
पाकिस्तान से भारत आए लोगों की नागरिकता को पारिभाषित करता
है। इसके मुताबिक 19 जुलाई 1949 से पहले पाकिस्तान से भारत आए लोग भारत के नागरिक माने
जाएंगे। इस तारीख के बाद पाकिस्तान से भारत आए लोगों को नागरिकता हासिल करने के
लिए रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। दोनों परिस्थितियों में व्यक्ति के मां-बाप या दादा-दादी का भारतीय नागरिक होना जरूरी है। संविधान का अनुच्छेद 7 पाकिस्तान जाकर वापस लौटने वाले लोगों के लिए है।
इसके
मुताबिक 1 मार्च 1947 के बाद अगर कोई व्यक्ति पाकिस्तान चला गया, लेकिन रिसेटेलमेंट परमिट के साथ तुरंत
वापस लौट गया हो वो भी भारत की नागरिकता हासिल करने का पात्र है। ऐसे लोगों को 6 महीने तक यहां रहकर नागरिकता के लिए
रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। ऐसे लोगों पर 19 जुलाई 1949 के बाद आए लोगों के लिए बने नियम लागू होंगे। संविधान का
अनुच्छेद 8 विदेशों में रह रहे भारतीयों की नागरिकता को लेकर है। इसके
मुताबिक विदेश में पैदा हुए बच्चे को भी भारतीय नागरिक माना जाएगा अगर उसके मां-बाप या दादा-दादी में से से कोई एक भारतीय नागरिक हो। ऐसे बच्चे को
नागरिकता हासिल करने के लिए भारतीय दूतावास
से संपर्क कर पंजीकरण करवाना होगा।
संविधान का अनुच्छेद 9 भारत की एकल नागरिकता को लेकर है। इसके
मुताबिक अगर कोई भारतीय नागरिक किसी और देश की नागरिकता ले लेता है तो उसकी भारतीय
नागरिकता अपने आप खत्म हो जाएगी। संविधान का अनुच्छेद 10 नागरिकता को लेकर संसद को अधिकार देता
है। इसके मुताबिक अनुच्छेद 5 से लेकर 9 तक के नियमों का पालन करने वाले भारतीय नागरिक होंगे। इसके
अलावा केंद्र सरकार के पास नागरिकता को लेकर नियम बनाने का अधिकार होगा। सरकार
नागरिकता को लेकर जो नियम बनाएगी उसके आधार पर किसी को नागरिकता दी जा सकेगी।
संविधान का अनुच्छेद 11 संसद को नागरिकता पर कानून बनाने का अधिकार देता है। इस
अनुच्छेद के मुताबिक किसी को नागरिकता देना या उसकी नागरिकता खत्म करने संबंधी
कानून बनाने का अधिकार भारत की संसद के पास है।
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