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- हिप्नोटिसम का गोरख धन्दा.......
Posted by : achhiduniya
24 November 2014
सम्मोहन और जादू-टोने के चक्कर में ……..
मित्रो प्रणाम..... आज के युग मे जहाँ नित
नई तकनिक विकसित हो रही है जिसकी जानकारी
लोगों को सरल माघ्यमो से उपलब्ध हो रही है.वही
लोग अपनी छोटी-छोटी बातो से
परेशान होकर,जीवन मे आने वाली दिक्कतो से पीछा छुडाने के लिए ढोगी बाबाओ का सहारा
ले रहे है वही अपने पैसे और समय को बर्बाद कर अपने ही पैरो पर कुल्हाडी मार रहे
है.झोला छाप बाबा और उनके चमचे भी ऐसे ही बेवकुफो लोगों कि तलाश मे रहते है.
बाबा
ऐसे लोगों को मामुली से चमत्कार दिखाकर हिप्नोटिसम के माघ्यम से लोगों को लुटने का खुले आम गोरख धन्दा कर रहे है.
जिसके अपराघी वे नही होते उनके पास
जाने वाले वे लोग होते है.जिनके कारण इन बाबाओ के हौसले बुंलद होते जाते है. भोले –भाले
देहाती गाँव के लोग ही नही शहर के
बुध्जिवी,पडे लिखे लोग भी इनके मोह जाल से अपने आप को नही बचा पाते और अपने साथ-साथ
अपने मित्रो,रिश्तेदारो को भी इस दलदल मे घकेलते जाते है. अंधविश्वास और जादू-टोना समाज के लिए बहुत
बड़ा नासूर है परंतु आजादी के बाद भी लोग
तंत्र-मंत्र और जादू-टोने के मोहजाल से नहीं निकल पा रहे।
हालांकि समय-समय पर ऐसी कई
घटनाएं सामने आती रहती हैं जिनमें जादू-टोना करने वालों के चक्कर में पड़ कर लोगों
ने अपने ही मासूमों तक की जिंदगी छीन ली। दुख की बात यह है कि आम लोगों के साथ-साथ
बड़े-बड़े राजनीतिज्ञ और स्वयं को ‘बुद्धिजीवी’ कहने वाले लोग भी इस जाल में फंसे
हुए हैं। इनमें कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बी.एस. येद्दियुरप्पा का नाम
उल्लेखनीय है जो अपनी मनोकामना सिद्धि के नाम पर फर्श पर निर्वस्त्र सोने के अलावा
किसी धर्म स्थान पर जाकर गधे की बलि भी दे चुके हैं। यहां हम ऐसी ही कुछ और घटनाएं
प्रस्तुत कर रहे हैं जो स्पष्ट प्रमाण हैं कि अंधविश्वासों में पड़ कर स्वार्थ
सिद्धि की खातिर मनुष्य किस कदर नीचे गिर सकता है .
गोरखपुर के निकट खोराबार की एक
महिला ने एक बाबा के कहने पर अपनी इकलौती दुधमुंही बेटी की इसलिए हत्या कर दी
क्योंकि बाबा ने उसे घर की बरकत और उसके पति की तरक्की के मार्ग में बाधा बताया
था। चौरीचौरा में एक महिला ने अपनी भाभी
से बदला लेने के लिए एक तांत्रिक के चक्कर में पड़ कर अपनी ही 2 बेटियों को पानी
में फैंक कर मार डाला।उत्तर प्रदेश के बेतियाहाता में एक परिवार की परेशानी को दूर
करने के नाम पर तांत्रिक ने घर में पूजा-हवन के धुएं में नशा मिलाकर पूरे परिवार
को बेहोश कर दिया और उसके बाद घर में रखी सारी नकदी, गहने
और सामान बटोर कर रफूचक्कर हो गया।
अनूपगढ़ के निकटवर्ती गांव में रहने वाली एक
महिला अपने पति से झगड़ कर चक्क-77 जी.बी. में रहने वाले एक ढोंगी बाबा कर्म सिंह
के जाल में फंस गई जो उसके पति की जान को खतरा बताकर व उसे पागल कर देने की धमकी
देकर लगातार उससे बलात्कार करता रहा। बाबा तथा उसके चेले ने उससे सोने के गहने और
70,000 की नकदी भी हड़प ली। छत्तीसगढ़ के रायपुर के बंजारपुर
गांव में 25 अक्तूबर को 12 लोगों ने एक 55 वर्षीय वृद्ध महिला की जादू-टोना करने
के संदेह में पकड़ कर दिन-दिहाड़े हत्या कर दी।
पहले अभियुक्तों ने उसे घर से घसीट
कर बाहर निकाला। फिर गांव के चौक में लाकर निर्वस्त्र करने के बाद पहले उसके मुंह,
नाक और गुप्तांग में लाल मिर्चें डालीं और फिर लाठियों से पीट-पीट
कर उसकी हत्या कर दी। समूचे गांव वासी यह हृदय विदारक दृश्य देखते रहे परंतु किसी
ने भी विरोध नहीं किया।अब अंधविश्वास की दिल दहलाने वाली नवीनतम घटना महाराष्ट्र
के वर्धा में हुई है जहां एक बाबा के कहने पर गुप्त खजाना पाने के लिए ‘विशेष
शक्तियां’ प्राप्त करने के उद्देश्य से 8 नवम्बर को आसिफ शाह उर्फ मुन्ना पठान
नामक एक ऑटो चालक ने अपने 5 साथियों की सहायता से अपने एक परिचित के 9 वर्षीय बेटे
रूपेश हीरामन मुले का अपहरण कर लिया। वह इस मासूम बालक को एक सुनसान स्थान पर ले
गया और वहां चाकुओं से गोद-गोद कर उसकी हत्या कर दी।
इसके बाद उसने रूपेश के शरीर
से उसकी आंखें और किडनियां निकालीं और उन्हें पका कर खा गया।पकड़े जाने पर उसने
बताया कि उसने यह कर्म इसलिए किया ताकि गुप्त खजाने पर पहरा दे रहे भूतों को वहां
से भगा सके। पठान ने यह भी बताया कि यह काम उसने अपने 5 साथियों के कहने पर किया
जो एक महीने से उसे इस लड़के की हत्या के लिए यह कह कर उकसा रहे थे कि गड़ा खजाना
निकालने के लिए नरबलि आवश्यक है। वे उसे ऐसे किसी स्थान पर लेकर भी गए जिसके बारे
में उन्होंने कहा था कि वहां खजाना दबा हुआ है। हालांकि जादू-टोने को अपराध की
श्रेणी में रखा गया है इसके बावजूद यह सिलसिला जारी है।
लोगों को समस्याओं से
मुक्ति दिलाने के नाम पर न सिर्फ उनसे ठगी की जा रही है बल्कि
महिलाओं से बलात्कार
और नरबलि तक दी जा रही है और इसके लिए अधिकांशत: मासूम बच्चों को निशाना बनाया जा
रहा है। इस दुष्चक्र को रोकने का एक ही उपाय है-लोगों में जागरूकता बढ़ाना और ऐसे
अपराधों में संलिप्त लोगों को कठोरतम दंड देना।
=+=श्री अनिल भवानी

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