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- हार किसे मानते कहते.....?
Posted by : achhiduniya
22 November 2014
मन के हारे हार मन के जीते जीत
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मित्रो प्रणाम....... आज हम आपसे बहुत ही विख्यात शब्द "हार" के बारे मे चर्चा करना चाहते है.आपके हमे 300 सेंकड यानी सिर्फ पाँच
मिनट चाहिए .मित्रो आप हार किसे
मानते या कहते है,किसी देवी-देवता को
पुजा के बाद पहनाया जाने वाला हार,किसी नेता- मंत्री के स्वागत सम्मान मे पहनाया जाने वाला हार,किसी कार्यक्रम को सफल
बनाने के लिए बुलाए गए अतिथि को पहनाया जाने वाला हार या किसी मुर्दे को दफनाने या
जलाने से पहले पहनाया जाने वाला हार इन सभी हारो को आप भली-भांती जानते है,
लेकिन यहा हम आपसे
इनमे से किसी भी हार के बारे मे नही बल्कि जीवन से हार मानने,कामयाबी के तरफ बडते
समय आने वाली मुश्किलो ,मुसिबतो से हार मानने,नई उचाँईयो को छुने,सफलता न मिलने के डर से उत्पन्न होने वाली हार के विषय मे बात करना चाहते
है.
तो आईए आगे बडते है,अगर कछुआ खरगोश से रेस लगाने के पहले ही हार से डर जाता तो क्या..? वो दौड जीत पाता,कछुए और खरगोश की कहानी
आपको पता है,सापँ के विष से अगर
नेवला हार मान जाए तो क्या..? वह सापँ को हरा पाएगा,हाथी के विशालकाय शारिरिक बल से चींटी हार मान जाए तो क्या..? वह हाथी को मार पाएगी.
नावँ समुद्र की लहरो
से हार मान ले तो क्या..? वह समुद्र को पार कर पाएगी.पानी मे डुबने के डर से पहले ही {पानी से} कोई तैराकी हार मान
ले.तो क्या..? कोई तैराकी अरब सागर
को पार करने की कोशिश करेगा.ये तो थी आम बाते लेकिन असल जीदंगी मे ये बाते नही बुलन्द हौसले चलते है,क्योकी
जीवन चलने का नाम चलते रहो सुबह शाम के रस्ता कट जाएगा मित्रा.......उसी प्रकार अगर हम कोई
कोशिश ही ना करे और दुसरो पर हार का दोष दे.यह तो सरासर गलत बात होगी.“लहरो से डरकर
नौका पार नही होती कोशिश करने वालो की हार नही होती.असफलता एक चुनौती है,स्वीकार करो.क्या कमी
रह गई देखो और सुधार करो.जब तक न सफल हो नीन्द चैन की त्यागो तुम,सघ्ंर्षो का मैदान
छोड मत भागो तुम.कुछ किए बिना ही जयजयकार नही होती. कोशिश करने वालो की हार नही होती.”
घैर्य और सब्र जीवन
की धुरी है,इनके बिना जीवन की कल्पना भी नही की जाती जीवन मे जिस तरह की होड है.ऐसे
मे घैर्यवान होना बहुत आवश्यक है,तथा इसके लिए जरुरी है हम अपने पर काबु रखे.जीवन की
होड मे हम भी न शामिल हो जाए.हार और जीत सिक्के की तरह जीवन के दो पहलुओ कि तरह है
,जैसा कि हमने आपको पहले
ही सरल शब्दो द्वारा "म" और "ठ" का कमाल सफलता और कामयाबी
को पाने का रास्ता बताने कि कोशिश की अगर आपने हमारा वह आर्टिकल नही पडा है {MOTIVATION COLOUM
} मे
जरुर पडे. हार सिर्फ मन मे उत्पन्न
होने वाला एक भय है,जिसका मुकाबला आपको अपनी समझदारी,सुझ-बुझ और हिम्मत से करना
चाहिए जिससे आप कामयाबी पा सकते है
क्योकी डर के आगे जीत है.हारने के डर को हमेशा के
लिए मार देंगे तो हमेशा जीत ही जीत है."जीत जाएगे हम तु अगर संग है,जिदंगी हर कदम इक नई
जंग है." मन के हारे हार मन
के जीते जीत "जिदंगी की यही रीत है
हार के बाद ही जीत है".थोडे आसुँ है थोडी खुशी आज गम है तो कल फिर खुशी.जिदंगी की यही रीत है हार
के बाद ही जीत है".
इसलिए हमेशा जीतने का हौसला रखे हार अपने आप आपसे कोसो दुर भागती जाएगी.यकिन
न आए तो सिर्फ एक सप्ताह आजमा के देख ले.जीतने की ठान ले तो आपकी जीत पक्की.
समय देने
का शुक्रिया दोस्तो.............. =+= श्री अनिल भवानी
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