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Posted by : achhiduniya
28 November 2014
स्त्री
–पुरुष अपनी मर्यादाओ का.......
मित्रो
प्रणाम ....... आज के भौतिक युग मे रिश्तो के मायने दिन प्रति दिन बदलते दिखाई देने
लगे है । जहाँ प्यार सांजस्य के साथ एक दूसरे
को समझने कि जरूरत होती है,वही इन रिश्तो को एक मजबूरी के तहत निभाने कि कोशिश की जाती है।
माँ ,बाप ,भाई,बहन सारे रिश्ते सिर्फ
नाम मात्र के लगने लगे है,इन रिश्तो के साथ एक महत्वपूर्ण रिश्ता
जिसे शादी या विवाह समारोह के रूप मे दो परिवार एक दूसरे से संबंध जोड़ने का प्रयास
कर दो युवाओ को एक साथ जीवन जीने और आपस मे मिलकर हर कठिनाइयो से लड़ने और समाज मे इज्जत
से जीने का अधिकार देते है। उसी रिश्ते के
मायने आज कम होते दिखाई दे रहे है । हनीमून के बाद विवाहित जोड़े धीरे-धीरे अपनी असली
जिंदगी में लौटने लगते हैं।
जब आप अपने साथी की आदतों को और करीब से जानने और समझने
लगते हैं। आप पाते हैं,आपका साथी ज्यादा समय तो स्पोर्ट्स चैनल
से ही चिपका रहता है। या फिर पड़ोसियों के गॉसिप में ही वक्त बिताता है। ये छोटी-छोटी
बातें भी आपके बीच दूरियाँ पैदा कर सकती हैं। ऐसी नौबत भी आ जाती है जब पति-पत्नी एक
ही छत के नीचे किसी अनचाहे रूम मेट की तरह रहने लग जाते है । नए जोड़ों के लिए शुरूआती एक साल काफी मुश्किल भरा
होता है । जीवनभर साथ निभाने के उस वादे के बोझ तले उनका रिश्ता घुटने लगता है । ऐसे
स्थिति में वो हमेशा गुस्से और परेशानी में नजर आते हैं।
उनको लगने लगता है कि उनसे
बहुत बड़ी गलती हो गई है। ऐसी स्थिति भी आती है जब दोनों का प्यार धीरे-धीरे खत्म होने
लगता है। जिस प्यार और विश्वास की नींव पर रिश्ते का महल खड़ा करते हैं वो भी चटकने
लगता है। जबकी हकिकत कुछ और होती है थोड़ी सी गलत फहमी इन रिश्तो मे ऐसी दरार पैदा कर
देती है,जिसे भरने का विकल्प सिर्फ तलाक के सिवा कुछ नजर नही
आता परंतु ऐसा कदापी नही है। इन गलत फहमीयों को दूर करने का एक ही विकल्प है आपस मे
दोनों {लड़का –लड्की ,नव दंपती,पति –पत्नी }बैठ कर एक दूसरे से हर विषय पर खुल कर बात
करे,दोनों मिया बीबी अपनी रोज़मर्रा की परेशानियों से एक दूसरे
को अवगत कराते रहे,समय – समय पर एक दूसरे की सलाह का भी पूरे
दिल से उपयोग करे। जब आप अपनी नई जिंदगी शुरू कर रहे हैं उन सारे मुद्दों पर खुलकर
बात करें जो विवाद का कारण बन सकते हैं। अपने जीवन के लक्ष्यों पर स्पष्ट रूप से बात
करें ।
अपने बजट तय कर लें ।इससे आप नई शादी-शुदा जिंदगी में उठने वाले विवादों को कम कर सकते हैं ।क्योकी अगर लड्की अपने
माँ –बाप का घर छोड़कर आई है ,तो कही न कही लड़का भी अपने माँ
–बाप के पास रहकर भी दूर हो जाता है। ऐसी स्थिति न आए उसके लिए आप इन बातों का खास
ध्यान रखें। शादी के दिन अपने साथी से जो वादा करें उसे कभी न भूलें। परिस्थितियां
कितनी भी विपरीत हों अपने साथी के प्रति प्यार कम नहीं होना चाहिए। आपका वचन विश्वास
और सच्चाई पर टिका होना चाहिए। ध्यान रहे, कि आपके वचनों से जोश,
आकर्षण और खुशी नदारद न हो ।
छोटी –छोटी बातों पर अपने जीवन साथी पर
शक करना छोड़ कर उसे समझने और समझाने का प्रयास करे । एक दूसरे पर विश्वास का ऐसा सुरक्षा कवच बनाए जिसे कोई भी बाहरी व्यक्ती भेद न पाए । साधारण मार्ग
से चलने पर भी उतार चड़ाव आते है यह तो ज़िंदगी का सफर है ,जिसे रेल की दो पटरियो की तरह रहने देना चाहिए दोनों
ही अपनी सीमाओ का पालन करे तो रेल दुर्घटना
कभी नही होगी ।
परेशानी शुरू होने से पहले ही उसे सुलझा लें उसी प्रकार स्त्री –पुरुष
अपनी मर्यादाओ का पालन करते हुए एक दूसरे को समझते हुए चले तो जीवन की रेल गाड़ी सभी
मुश्किल, कठीनाई रूपी स्टेशनो को पार करती हुई खुशियो और घर रूपी
स्वर्ग की मंजिल पर जरूर पहुचेगी हमारी तरफ से ढेरों शुभकामनाए ।
=+= श्री अनिल भवानी


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