- Back to Home »
- Religion / Social »
- क्या...? आप उन्हे पहचान पाएंगे
Posted by : achhiduniya
27 November 2014
बड़ी क्रांती ला सकता है......
मित्रो
प्रणाम ....आपके सिर्फ 300 सेक्ड यानी पाँच मिनट चाहिए
दोस्तो.....आज के क्रांतिकारी
युग मे इन्टरनेट के बड्ते चलन से जहा
युवा,बच्चे,बुड़े-स्त्री पुरुष एक
दूसरे के निकट आते जा रहे है वही आए दिन
रिश्तो मे बड़ती दूरिया और पड़ती दरार भी बहुत
बड़ा कारण होता जा रहा
है।लोगो को किसी रिश्तेदार से मिलने बात करने हाल चाल जानने के
लिए
जरा भी समय नही वही फेस बुक,वाट्स अप,ट्विटर,यूट्यूब के लिए इतना
समय है जिसकी कल्पना करना
भी मुश्किल है। आज कंप्यूटर
की
स्क्रीन ने सारी दीवारें तोड़ दी हैं।
अब आप को गर्लफ्रेंड की तलाश के लिए कॉलेज और घर के चक्कर
लगाने की जरूरत नहीं अब सब बदल चुका है। अगर आप ऑनलाइन
प्यार की तलाश
में हैं तो थोड़ी ऐहतियात बरतने की भी जरूरत है।इटनेट
के माध्यम से लोग एक दूसरे
की भावनाओ से खुला खिलवाड़ करते है।
लोग
अपनी पुरानी, सबसे अच्छी और युवा दिखने वाली फोटो अपलोड
करते हैं। आज वे कैसे दिखते हैं, उन्हें इसकी परवाह नहीं। सीधा फंडा है,
बाद में देखा जाएगा, पहले लड़की इंटरेस्ट तो दिखाए।लड़के आमतौर
पर
सबसे ज्यादा झूठ अपनी हाइट के बारे में बोलते हैं। वे खुद को 6 फुट का
तो बताते ही हैं। सैलरी या कमाई के
बारे में भी खूब झूठ बोला जाता है।
हर कोई खुद को पैसे वाला बताना चाहता है।बात लड्की-लड़को तक ही हो
तो सोचा
जाए लेकिन अधेड़ और शादीशुदा लोग
भी डेटिंग साइट पर
जमकर सर्फिंग करते हैं और पार्टनर की तलाश में दिखते हैं। ऐसे लोग
अपने लुक्स और शादी के बारे में झूठ बोलते हैं।
शायद ही कोई बताता हो कि उसके कितने
बच्चे हैं।बड़ी-बड़ी
बाते करके
सिर्फ एक दूसरे को बेवकूफ बनाने के सिवा कुछ नही करते साथ ही साथ
इतने खुश होते है मानो जैसे उन्हे किसी राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा जा
रहा है।
लड़के खुद को किसी भी नशे से दूर रहने वाला
और फिट रहने का शौकीन
बताते हैं। यहां तक कि अपनी खाने की आदतों के बारे में भी झूठ
बोलते
हैं। अगर आज आप किसी व्यक्ती से एक
सवाल पूछे की आपके कितने
{फ्रेंड्स} दोस्त है,तो वह बड़े गर्व
से कहता है कि फेस बुक पर मेरे आठ
सौ {800-फ्रेंड्स} दोस्त है,कभी आपने सोचा अगर उनमे से सिर्फ अस्सी
दोस्त
{80-फ्रेंड्स} या सिर्फ आठ दोस्त {8 –फ्रेंड्स }ही आपके सामने आ
जाए
तो क्या...? आप उन्हे पहचान पाएंगे।
इंटेनेट माध्यम का लोग दुरुपयोग
कर रहे है जिसमे लड़को का साथ
लड्किया भी खूब साथ निभा रही है,लड़कियां सबसे ज्यादा झूठ अपने
लुक्स के
बारे में बोलती हैं। फोटो भी इस तरह अपलोड किया जाता है कि
असली सूरत का अंदाजा ही
न लगे। लड़कों की खूबसूरत
पार्टनर की चाहत
को समझते हुए लड़कियां अपने कम्प्लेक्शन और हाइट के बारे में सबसे
ज्यादा झूठ बोलती हैं। लड़कियां अपने फिगर के बारे में भी खूब झूठ बोलती हैं।
बड़े बाप की बेटी भी बताती हैं।एजुकेशनल क्वॉलिफिकेशन को भी बढ़ाकर
बताना चलन
में है। लड़कियां मशहूर कॉलेजों/यूनिवसिर्टी में पढ़ने का झूठ
बोलती हैं।बात यही तक सीमित रहे तो ठीक भी
कहा जाए लेकिन किसी
को धोखा देना,झूठ बोलना,किसी कि भावनाओ को ठेस पहुचाना
झूठ के
आधार पर रिश्ते बनाना।
किसी के साथ फ़्राड करके उस व्यक्ती को
आर्थिक संकट मे
डाल देना यह मानवता नही,अगर किसी का दुख दूर नही
कर सकते तो उन्हे
बड़ाने के दोषी बिलकुल न बने। इस
दुनिया में कदम
बढ़ाने वाले इस बात का ध्यान रखें कि यह असल जिंदगी का विकल्प
नहीं, बल्कि सिर्फ एक्सटेंशन है। ऑनलाइन डेटिंग साइट्स
पर ऐसे लोगों के
मिलने की गुंजाइश ज्यादा है, जो किसी न किसी कारण से
लोगों के साथ
घुलने-मिलने में कामयाब नहीं हो पा रहे हैं।
समय रहते सचेत होने कि जरूरत
है।इन्टरनेट का उपयोग भलाई और जन
जागर्ती के साथ लोगो को प्यार,एकता,भाईचारे के एक सूत्र मे पिरोने के
लिए करे। आपका छोटा प्रयास भी बड़ी क्रांती
ला सकता है। उस नन्ही
चिड़िया कि तरह....इस कहानी को आप हमारे मित्रो के नाम संदेश मे
जरूर पड़कर हमारे मिशन के सहभागी बने। समय देने का शुक्रिया दोस्तो...
=+=श्री अनिल भवानी
.jpg)

.jpg)

.jpg)
.jpg)
.jpg)
.jpg)