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Posted by : achhiduniya
18 December 2014
फल और सब्जिया कब...?और क्यू......?खाए …..
मित्रो प्रणाम ......यू तो फलों- सब्जियों का हमारे जीवन में बेहद महत्व है। सेहत की दृष्टि से तो फल उपयोगी
होते ही हैं, शीघ्र एनर्जी प्राप्त करने के लिए रोगी को भी फलों- सब्जियों के सेवन की ही सलाह दी जाती है लेकिन अक्सर हम यह भूल जाते हैं कि
कौन-सा फल कब खाया जाना चाहिए। आइए यहा हम आपसे कुछ फलों- सब्जियों
के सेवन से संबंधी महत्वपूर्ण जानकारी सांझा करने की कोशिश करते है।
@सेब :-लंबे समय तक
पेट भरा लगेगा,इसे स्नैक्स के रूप खाए इसमे फाइबर व आइरन ,विटामिन सी तथा टार्टरिक एसिड होने से एक घंटे के भीतर पच कर खाए गए भोजन को
भी पचाने मे सहायता करता है । @संतरा :- विटामिन सी से भरपूर संतरे को भूख
लगने पर खाए इससे आपको फ्लेवेनोइड्स और फाइबर मिलेगा । सुबह खाली पेट नही और रात को
भोजन के बाद खाएं, दिन मे कभी भी खाएं। खाना खाने के 1 घंटा पहले या बाद में खाएं।
पहले लेने से भूख बढ़ती है और बाद में लेने से भोजन पचाने में मदद करता है।
@बींस :-बींस को रोटी के साथ खाने मे शामिल
करे हर तरह की दाल प्रोटीन व पोस्टिक तत्वो से भारी होती है,लेगयुम
यानी छीमी या फल्ली मे प्रोटीन,फाइबर प्रचुर मात्रा मे पाया जाता
है। @मौसमी : मौसमी का सेवन दोपहर में करें। धूप
में जाने से कुछ देर पहले या धूप से आने के कुछ देर बाद मौसमी खाना या जूस पीना अधिक
लाभदायक होता है। इससे शरीर में पानी की मात्रा कम नहीं होगी। @पालक :-पालक की ग्रेवी बनाकर या पालक पनीर की सब्जी बनाकर ,सैंडविच के साथ अपनी रोज कि डिश मे शामिल कर सकते है। इसमे कैल्शियम,आयरन से भरपूर पालक सेहत के साथ आंखो कि रोशनी बड़ाने मे मददगार होती है।
@अंगूर : अंगूर या अंगूर का जूस भी शरीर में
पानी की मात्रा बनाए रखता है। इसका सेवन धूप में जाने से कुछ देर पूर्व या धूप से लौटने
के कुछ देर बाद ही करें, लेकिन अंगूर और भोजन में कुछ देर का
अंतर रखें।
@आलू :-सदाबहार आलू हर मौसम मे खाया जाने
वाला,इसमे पोटैशियम होता है इसे सेककर या उबाल कर खाए। डी फ्राय
या बटर के साथ खाने से परहेज करे क्योकि ज्यादा खाने से इससे शुगर बड़ने का खतरा होता
है।
@नारियल पानी : वैसे तो नारियल पानी कभी भी
पिया जा सकता है, जिन्हें पेट संबंधी परेशानियां , एसिडिटी या अल्सर की समस्या है उनके लिए यह लाभदायक है। कोशिश करें कि नारियल
पानी खाली पेट न पिएं। नारियल पानी अन्य जूस में मिलाकर पीना लाभकारी रहता है।अगर नारियल
को कच्चा न खाया जा सके तो उसकी चटनी या ग्रेवी बनाकर समोसे ,डोसे ,इडली ,ढोकले के साथ भी खाई जा सकती है।
@मशरूम :-मशरूम को सलाद,सूप या स्नैक्स ,हल्का फ्राई करके और ग्रेवी की सब्जी
के साथ भी खाया जा सकता है। मशरूम लो-कैलोरी
फूड होने के साथ विटामिन सी ,डी ,बी 6और
बी 12 से भरपूर होता है।
@लहसुन:- लहसुन का उपयोग सब्जी को स्वादिस्ट
बनाने मे किया जाता है । इससे ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल लेवल सामान्य रहने के साथ
मोटापा भी कंट्रोल होता है।
@आम :-आम की तासीर गर्म
होती है, अत: आम के साथ दूध का प्रयोग करना चाहिए। यदि आम काटकर
खाया जा रहा है तो आम के टुकड़ों में शक्कर और थोड़ा-सा दूध मिलाकर पीना फायदेमंद होगा।
आम के शेक में नमक मिलाकर पीना उचित रहता है। आम भी खाली पेट लेना वर्जित है। इसे एकदम
सुबह और देर रात नहीं लेना चाहिए। आम को किसी भी रूप में लेने के लिए शाम 5 से 8 का
समय सही होता है।
@शकरकंद :- आलू कि जगह इसका उपयोग किया जा
सकता है। बीटा कैरोटिन इनमे प्रचुर मात्रा मे होने से इम्यून सिस्टम को ठीक करने मे
मदद मिलती है।
@सालमन :- करी के रूप मे खाने के साथ आप इसे
सलाद मे भी इस्तेमाल कर सकते है। ओमेगा 3 फैटी एसिड से भरपूर सालमन दिल और दिमाग को
दुरुस्त रखने मे मददगार होता है। @प्याज:- इसे सलाद के रूप मे कच्चा खाए ,ग्रीष्म ऋतु मे धूप से बचने के लिए इसे खाने से उष्णता ,धूप का असर कम होता है। प्याज का रस शहद मे मिलाकर खाने से
@सीताफल:-आधुनिक विज्ञान के मतानुसार सीताफल मे कैल्शियम ,लौह तत्व ,फास्फोरस,विटामिन –थायमीन
,राइबोफ़्लोविन एव विटामिन सी आदि अच्छे प्रमाण मे पाए जाते है।
जिन लोगो की प्रकर्ति गर्म अर्थात पीत्रप्रधान है,उनके लिए सीताफल
अम्रत के समान गुणकारी है।
@अनार :-पेट के कीड़ो का नाश करने व ह्रदय
को बल देने व इसके रस से पितशामक है इसका रस स्वर यन्त्र ,फेफड़ो
,यक्र्त,आमाशय तथा आंतों के रोगो मे लाभप्रद
है,शरीर मे स्फूर्ति व स्निग्धता लाता है।
@अमरूद / जामफल /जेतून :- शीतकाल मे उत्पन
होने वाला सस्ता व गुणकारी फल जो प्राय सम्पूर्ण भारत मे पाया जाता है।इसे अमृत फल
भी कहा जाता है जिनकी पाचन शक्ती कमजोर हो
उन्हे अमरूद कम खाने चाहिए ,अधिक खाने से वायु ,दस्त सर्दी भी हो सकती है
@तरबूज :- ग्रीष्म ऋतु का फल पका हुआ लाल गुदेवाला तरबूज स्वाद मे मधुर गुण
मे शीतल ,पिट एवम गर्मी का शमन करने वाला पौष्टिकता त्रपती देने
वाला ,पेट साफ करने वाला,मूत्रल वात एवम
कफकारक है। ग्रीष्म ऋतु से शरीर मे उत्पन्न होने वाली पानी की कमी को पूरा करने मे
मदद मिलती है।
@नींबू :- इसमे मे अम्ल {साइट्रिक एसिड }की मात्रा 6.5%होती है। गर्मी के मौसम
मे नींबू का शरबत बना कर पीने से पाचन क्रिया मजबूत होने साथ स्वास्थ्य ठीक रहता है।
सूजन,जोड़ो के दर्द ,सफ़ेद दाग इन रोगो मे
नींबू का सेवन डाक्टरी सलाह के बाद करना चाहिए।
@गाजर :- इसमे विटामिन ए काफी मात्रा मे पाया
जाता है,इसके सेवन से नेत्र रोगो से लाभ प्राप्त होता है। गाजर
को प्राकर्तिक रूप मे यानी कच्चा खाना से ज्यादा
लाभहोता है।गाजर का हल्वा भी बनाकर खाया जाए तो क्या बात है ।
@आवला :- दाँतो मे मज़दूती ,वीर्य व्रधी,कब्जियत, सिरदर्द मे
लाभदाई होता है। आवला बालो मे लगाने से बाल हमेशा काले व घने रहते है।आवले का मुरर्बा
,जूस या कच्चा आवला थोड़ा नमक लगाकर भी खाने से सेहत चुस्त और
शरीर तंदरुस्त रहता है ।
@करेला :- वर्षा ऋतु मे पाया जाने वाला फल
व सब्जी । मधुमेह {शुगर },बुखार ,आमवात एवम यक्र्त के मरीजो के लिए अत्यंत उपयोगी सब्जी है।करेले का जूस ,करेले की खाल या करेले के बीज भी सेहत के लिए लाभदाई होते है।
@अदरक :- पेट की गैस ,सर्दी -खांसी ,स्वास रोग ,उल्टी
,शरीर ठंडा पड़ने पर चाय के द्वारा या सब्जी मे ग्रेवी के रूप
मे खाई जा सकती है। अदरक रूखा ,तीखा ,उष्ण
–तिष्ण होने के कारण कफ तथा वात का नाश करता है। इसका निरंतर सेवन रक्त की पुष्टी करने के साथ उतम
आमपाचक है।
सबसे अच्छी खुराक आपका चिंता रहित आहार और मुस्कुराहट होती है इसलिए जो खाए खुशी से खाए बिना
किसी टेंशन के खाए जिससे आपकी सेहत भी अच्छी रहेगी,मन
मे भी उत्साह बना रहेगा । शुक्रिया दोस्तो.......... श्री अनिल भवानी ॥
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