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- झूठ की फौज.....
Posted by : achhiduniya
22 December 2014
हिंग
लगे न फिटकरी रंग भी चोखा......
मित्रो प्रणाम .....आज
हम और आप झूठ बोलने की कोशिश करेगे क्योकि यह सबसे आसान और सरल कार्य है,जिसमे हिंग लगे न
फिटकरी रंग भी चोखा । झूठ बोलने और झूठी कसम खाने में अड़चन क्या है? बात
तो ठीक हैं कि जब कोई झूठ ही बोलता है तो उसकी कसम पर भरोसा कैसा ? वह कसम
भी झूठी खा लेगा। वे यह भी कहते हैं कि चूंकि हम झूठ नहीं बोलते, इसलिए
हम यह कसम कैसे खाएं कि हम झूठ नहीं बोलेंगे।
अदालत मे गीता या कुरान पर हाथ रख कर
मुजरिम से सच बोलने को कहा जाता है,इस बात की क्या गारंटी की वो सच बोलेगा जाने –अंजाने मे गीता
या कुरान जैसे पवित्र ग्रंथो का अपमान नही ....?इस पर विचार करना
भी जरूरी होगा । कोई सच्चा आदमी कसम क्यों खाए? कसम
का तो मतलब ही यह हो जाता है कि बिना कसम खाए जो बोलते हैं वह झूठ है। फिर जो झूठ ही
बोलता है उसे कसमों से क्या भेद पड़ेगा? याद रखना, जो आदमी
बार-बार कहे कि मैं कसम खाता हूं, रामजी की दुहाई, गीता छू लें, बाइबिल पर हाथ रख दें, उस से
तो सावधान ही हो जाना चाहिए ।
यह तो कसम खाने में हमने मान ही लिया है कि हम झूठ बोलते
थे, हम झूठ बोलते हैं, कि हम झूठ बोल सकते हैं और हम कसम
खा रहे हैं कि झूठ नहीं बालेगें। सच्चा आदमी कसम क्यों खाएगा? सच्चा
आदमी सच बोलता है, इसकी दुहाई नहीं देता। इसको पुनरुक्त नहीं करना होता। लेकिन
झूठे को खुद ही शक होता है। झूठे को भीतर लगा रहता है कि कौन मानेगा मेरी, चलो
कुरान का सहारा ले लूं, बाइबिल, गीता का, चलो राम को बीच में , कृष्ण को बीच में , अल्लाह
को बीच में, शायद उनकी आड़ में काम बन जाए। इस प्रकार वो एक झूठ को छुपाने
के लिए झूठ की फौज तैयार करने मे लग जाता है यानी एक झूठ के लिए झूठ पर झूठ बोलते जाता
है।
बहुत कसमें खाकर आदमी अपने झूठ को चलाने
का उपाय बनाता है, झूठ के लिए रास्ता बनाता है। कसम खाना कोई अच्छा लक्षण नहीं
है। कसम झूठे का लक्षण है। जो आदमी एक झूठ बोलता है, उसे
फिर हजार झूठ बोलने पड़ते हैं। फिर चौबीस घंटे खयाल रखना पड़ता है कि वह एक झूठ बोले
हैं उसको बचाए रखना है, कहीं भूल-चूक से सच निकल न जाए। और निकल ही जाएगा। कितना बचाओगे, कब तक
बचाओगे कभी आपने खयाल किया है, एक झूठ
बोलकर आप कितनी मुश्किल में पड़ सकते है? अपने
जीवन मे हमेशा सच की राह पर चलने का पूरा प्रयास करना चाहिए।
किसी को मुसीबत से बचाने या किसी की जान बचाने के लिए या किसी का भला करके की गई
भलाई को छुपाने के लिए बोले गए झूठ को बोलने पर किसी भी पाप के भागी नही होते,किसी को नुकसान पहुचाने, चोरी
करके कबूल न करने,किसी का खून करके,प्यार करके झूठ बोलना या किसी से बदला
लेने और दिल दुखने के लिए झूठ बोलना पाप के भागी होना है।
लेकिन एक न एक दिन
झूठ कितना भी छुपाओ, वह सामने आ ही जाता है।झूठ की उम्र बहुत छोटी होती है,इसलिए दोस्तो सच
के रास्ते पर चले शान- मान और सम्मान से जिए..........
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