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Posted by : achhiduniya
23 December 2014
निर्णय
में बहुत सहनशीलता.....सजगता की.....
मित्रो प्रणाम .....ज़िंदगी
का विकल्प क्या हो सकता है.....? सिर्फ मौत या जीते जी सही समय पर सही निर्णय जो घुटन की मौत
से कही बेहतर हो। आज के समय में जबकि हमारे सामने बहुत सारे विकल्प उपस्थित हैं तो
सही निर्णय बहुत महत्वपूर्ण हो गया है। सही निर्णय करने की क्षमता हमारे जीवन को शांतिपूर्ण
और आनंदित बनाती है,जबकि गलत निर्णय हमारे जीवन की लय को बिगाड़ते हैं इसलिए किसी
भी निर्णय में बहुत सहनशीलता ,सजगता की जरूरत है।
लंबे समय तक टाल-मटोल और जोश –गुस्से,आवेश में निर्णय
लेना बड़ी मुश्किलें खड़ी कर सकता है। जब भी कोई महत्वपूर्ण निर्णय लें तो उसे पूरे मानसिक
एकाग्रता से लें ताकि सफलता पाने में आसानी हो। निर्णय मात्र लेना ही जरूरी नही उस
पर सही दिशा मे कदम उठाना उस पर अमल करना भी उतना ही जरूरी है। किसी एक निर्णय तक पहुंचना
बाकी तमाम संभावनाओं के लिए दरवाजे बंद करने की तरह है। जिस तरह कुछ पाने के लिए कुछ
खोना पड़ता है लेकिन याद रखें कि आप हमेशा सभी चीजों को नहीं पा सकते। हमेशा कुछ ऐसे
रास्ते रहेंगे जिन्हें छोड़ना पड़ेगा, कुछ ऐसे करियर रहेंगे जो आप चुन नहीं पाएंगे और ऐसे अनुभव रहेंगे
जिनकी राह छोड़नी ही होगी।
जिन विकल्पों को
आप पहले छोड़ चुके हैं उनके बारे में वर्तमान में सोचते हुए निराशा व्यक्त करने का कोई
अर्थ नहीं है। आपने जो भी निर्णय लिया है उसके साथ खुश रहना सीखें। किसी निर्णय पर
पहुंचने से पहले सोचना ठीक होता है लेकिन ज्यादा विचार करना आपके लिए ठीक नही होता।
किसी भी विषय के बारे में जानकारी या अधिक छानबीन आपको एक सीमा तक मदद कर सकती है लेकिन
उसके बाद आपको सही रास्ता दिखाने के बजाय दुविधा में भी डालती है। कोई भी अच्छा निर्णय
जितनी अच्छी जानकारियों के आधार पर लिया जाता है, उसमें
अपनी जरूरतों और अपनी आशाओ की भूमिका भी उतनी ही महत्वपूर्ण होती है। कई बार आपको अनुमान
होता है कि यह वस्तु आपके लिए सही है या नहीं। आपके इस सोच के पीछे आपका अनुभव और आपकी
तजुर्बे की सोच होती है।
अगर आपका अनुमान आपको किसी विशेष निर्णय पर पहुंचने के लिए
कह रहा है तो उसकी अनदेखी ना करें। लेकिन अनुमान,अनुभव और जोश,आवेग में अंतर जरूरी
है। जब आप अचानक जरूरत महसूस करते हुए किसी निर्णय पर पहुंचने की हड़बड़ी की गड़बड़ी में रहते हैं तो वह जोशपूर्ण या उतावले पन की अवस्था
है और उसमें बहुत संभव है कि आपको आगे चलकर अपने निर्णयों पर पछतावा हो। अनुभवो के
या दिल के कहे पर निर्णय लें जोश पूर्ण अवस्था में मूर्खता न कर बैठे। जीवन में यह
हमेशा ही होता है कि कुछ निर्णय हमारे पक्ष में तो कुछ हमारे विपक्ष मे रहते हैं। अपने
खराब निर्णयों को लेकर खुद को दोष देने से हम आगे के अच्छे निर्णय नहीं ले पाते हैं।
अपने पुराने निर्णयों से सबक लेकर आगे बढ़ें। खराब निर्णयों के लिए खुद को दोषी ठहराकर
भी आप उन निर्णयों के प्रभावों को बदल नहीं पाएंगे इसलिए उन निर्णयों से सबक लेकर अच्छे
निर्णय करना सीखें।अपने रोज के जीवन में हमें कई निर्णय लेने होते हैं।जो किसी भी भावनाओ मे बहकर नही लेने चाहिए
। लोग निर्णय लेने में देर नहीं लगाते हैं जबकि कुछ लोगों के लिए किसी महत्वपूर्ण निर्णय
पर पहुंचना सबसे कठिन कार्य होता है।क्योकि वे व्यक्तिगत भावनाओ से ऊँचा उठ कर निर्णय
लेने की कोशिश करते है शायद इसलिए किसी भी निर्णय पर पहुंचने के लिए विकल्प भी आपको
चिंता में डाल देते हैं।
ज्यादा विकल्पों के कारण ही कई बार निर्णय लेने के बाद भी
दिमाग में शांती नहीं आ पाती है। ऐसा लगता है कि दूसरा विकल्प चुन लेते तो शायद ज्यादा
बेहतर होता। कुछ चीजें हैं जिन्हें अपनाकर आप अपनी निर्णय क्षमता को बेहतर बना सकते
हैं और जीवन में प्रसन्नाता पा सकते हैं। किसी भी निर्णय के लिए एक निश्चित सीमा तय
करना बहुत जरूरी है। यह संभव है कि आपको ज्यादा जानकारी की जरूरत हो या आप कम तनाव
वाले वक्त का इंतजार कर रहे हों लेकिन इतनी ज्यादा देर इंतजार करना ठीक नहीं कि आपके
निर्णय किसी दूसरे के द्वारा ले लिए जाए ।
लोग कहें कि आपने निर्णय ही नहीं लिया इसलिए जैसा भी उचित समझता था वैसा कर दिया। समय
पर निर्णय न कर पाने की वजह से आप अपने दिमाग पर दबाव बढ़ा लेते हैं जिससे आपका बल्ड
प्रेशर बड़ जाता है और फिर अचानक जोश और गुस्से में आकर कोई भी निर्णय लेने पर आमादा
हो जाते हैं। ऐसे में गलत निर्णय से ज्यादा
सही और समझदारी से निर्णय लेना महत्वपूर्ण
हो जाता है।जिसके लिए आपको धैर्य के साथ दूसरों पर विश्वास करने की कला को विकसित करना
होगा ।जब आप किसी पर विश्वास करते है तो महत्वपूर्ण निर्णय लेने मे वे आपके लिए बहुत ही मददगार साबित हो सकते है जिससे उस निर्णय
पर आपको नाज होगा।

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