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- जो हाथ से खाते हैं .....
Posted by : achhiduniya
03 December 2014
वो रहते हैं सेहतमंद.....
मित्रो प्रणाम ........भौतिक युग के की आपा धापी मे हम अपनी
परम्पराओ केओ भूलते जा रहे है । चम्मच-छुरे
से खाना भारतीय शैली नहीं है। यहा लोग हाथों की पांच अंगुलियों का कौर बनाकर भोजन को
मुंह में पहुंचाते हैं। यह खाने का बेहद सधा और स्वस्थ तरीका है जिसका वर्णन आयुर्वेद
में मिलता है। आयुर्वेद में यह लिखा है कि हमारा शरीर पांच तत्वों से बना है जिससे
विज्ञान भी इंकार नहीं करता। ये तत्व हैं- भूमि, वायु,
जल, अग्नि और आकाश। इनसे ही हमारे शरीर का संतुलन
बना होता है। अभिभावकों की यह जिम्मेदारी है कि वे बच्चों को नियमित समय से खाने-पीने
के लिए प्रेरित करें। ब्रेकफास्ट, दोपहर व रात के भोजन का समय
पहले से ही सुनिश्चित करें।
इनमें जरा-सा परिवर्तन हमारे शरीर को असंतुलित करता है
जिसका परिणाम हमें बीमार होकर चुकाना पड़ता है । घर पर बना खाना ही खाएं। खानपान में
हरी सब्जियों को प्राथमिकता दें। भोजन के साथ सलाद अवश्य लें। जूस और सूप लें,
क्योंकि इनसे शरीर को शीघ्र ही ऊर्जा मिलती है। साबुत अनाज में फाइबर
पर्याप्त मात्रा में पाए जाते हैं, जिनसे पेट साफ रहता है। सुबह
या रात को सोते समय एक गिलास दूध अवश्य लें।
दूध में विटामिन सी को छोड़कर लगभग सभी
प्रमुख पोषक तत्व पाए जाते हैं।पिछले जमाने मे प्तल ,पाटल जो
पेड़ के पत्तो केओ जोड़कर बनाई जाती थी । खाना खाते वक्त हाथ की पांचों अंगुलिया मिलकर
एक आकार बनाती है जिससे भोजन से मिली उर्जा हमारे शरीर में रह पाती है। इससे शरीर में
पाँचों तत्वों का संतुलन बरकरार रहता है। शरीर के अंगों की क्रिया से दिमाग का सीधा
जुड़ाव होता है। खाने को हाथ में लेकर मुंह तक ले जाने से पहले ही दिमाग तक इसका संदेश
पहुंच जाता है और तरंगों के माध्यम से पेट पहले ही खाने को पचाने के लिए तैयार हो जाता
है। खाने के स्पर्श मात्र से ही हाथ से गुजरने वाली तरंगें दिमाग तक यह संदेश पहुंचा
देती है कि भोजन कितना गर्म है।
इससे मुंह और शरीर पहले ही उस गर्मी से बचने की तैयारी
कर लेते हैं। इससे मुंह और जिह्वा जलने से बच जाती है। चम्मच और छुरे से खाने पर यह
एहसास भोजन को मुंह में ले जाने से पहले नहीं हो पाता । वैसे तो ताउम्र खानपान का ध्यान
रखना सेहत के लिए लाभप्रद है, लेकिन परीक्षाओं की तैयारियों के
दौरान छात्र-छात्राओं (स्टूडेंट्स) को खान-पान का विशेष ध्यान रखना चाहिए। ऐसा इसलिए,
क्योंकि शारीरिक अस्वस्थता इम्तहान में स्टूडेंट्स की परफार्मेन्स पर
प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती है, लेकिन कुछ सुझावों पर अमल कर स्टूडेंट्स
स्वस्थ बने रह सकते हैं।
स्टूडेंट्स को ब्रेक फास्ट जरूर करना चाहिए। लंच व डिनर में
भूख से कम खाना बेहतर है। ड्राई फ्रूट्स लें, क्योंकि इनमें विटामिन
और मिनरल्स पर्याप्त मात्रा में पाए जाते हैं, जो शरीर के साथ
मस्तिष्क की सक्रियता को भी बढ़ाते हैं।प्रतिदिन आधे घंटे का व्यायाम करें या फिर
लगभग एक घंटे तक कोई आउटडोर गेम खेलें। कसरत या शारीरिक श्रम करने से शरीर में
रक्त संचार सुचारु रूप से होता है। इस कारण आप शारीरिक तौर पर तरोताजा और सक्रिय
महसूस करेंगे।


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