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Posted by : achhiduniya
03 December 2014
लोकप्रियता का राज..कम बोलें..मीठा बोलो ...धीरे बोलो...
मित्रो
प्रणाम ....... आज आपसे बात करेगे अपने मान –सम्मान को बनाए रखने और सरल तरीको से दूसरों
को अपने बस मे करने की । दूसरों की बातों को अच्छी तरह सुनें। इसके बाद विनम्रता
से जो बोलें, वह तार्किक और नपा-तुला हो।अपने द्वारा
कही गई बात को बार-बार न बदलें। इससे आपकी इमेज बिगड़ सकती है।अपनी आवाज की
कर्कशता या रुखेपन को रेगुलर रियाज से बेहतर बना सकते हैं। इससे आपको भी अच्छा
लगेगा।बातचीत के दौरान कभी भी उत्तेजित न हों । अपनी बात कहने से पहले दूसरों की
बात गौर से सुनें-गुनें और उनकी उम्मीदों-अपेक्षाओं को समझें, ताकि जब आपके कहने की बारी आए, तो दूसरे भी आपकी
बातों को ध्यान से सुनें और प्रभावित हों।
जॉब सर्च, इंटरव्यू
या नौकरी के दौरान अपनी बात से दूसरों को मुरीद बनाने की कम्युनिकेशन स्किल के
टिप्स दे रहे हैं । इस साल के पहले तक आमतौर पर अमेरिका के प्रेसिडेंट बराक ओबामा
ही अपनी सरल-सहज और पीपुल कनेक्ट शैली से दुनिया में जाने और सराहे जाते थे,
लेकिन केंद्र में सरकार बनाने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी भी सिर्फ
भारत में ही नहीं, बल्कि दुनिया के तमाम देशों में अपनी
इंटरैक्टिव स्टाइल से लोगों को अपना मुरीद बना रहे हैं।क्या आपने कभी यह सोचा है
कि ओबामा और मोदी दोनों अपने विचारों को प्रभावशाली ढंग से किस तरह ज्यादा से
ज्यादा लोगों तक पहुंचाने में सफल हो पा रहे हैं?
दरअसल,
ओबामा और मोदी दोनों ही इस बात को अच्छी तरह जानते हैं कि कब बोलना
है? क्या बोलना है? कैसे बोलना है?
ये दोनों वही बोलते हैं, जो लोग सुनना चाहते
हैं। इनकी बढ़ती लोकप्रियता का राज यही है कि ये अपनी बातें जबरन लोगों पर थोपते
नहीं, बल्कि सबसे पहले लोगों की भावनाओं को पढऩे-समझने का
प्रयास करते हैं और फिर उनकी उम्मीदों के मुताबिक अपनी बात सामने रखते हैं। उपरोक्त
दोनों नेताओं की शैली से आप भी अपने करियर में आगे बढऩे के मंत्र ले सकते हैं। आप
अपनी बात को कितने प्रभावशाली ढंग से रखते हैं, उसी पर आपका
करियर या जीवन के किसी भी क्षेत्र में कामयाबी निर्भर करती है। जरा सोचें, आप किसी प्लेटफॉर्म या मंच पर अपनी बात रख रहे हैं, तो
लोग उसे क्यों सुनना चाहेंगे? अगर आप वहां उपस्थित लोगों की
मन:स्थिति, उनकी रुचियों, अपेक्षाओं को
ध्यान में रखते हुए प्रस्तावित विषय को जोड़ेंगे, तभी लोग
उससे प्रभावित होंगे। आप चाहे जितनी हायर स्टडी कर लें या तकनीकी ज्ञान हासिल कर
लें, जब तक उसके बारे में लोगों को अच्छी तरह बताने की कला
में पक्के नहीं हो जाते, तब तक लोग आपकी नॉलेज से कतई नहीं
प्रभावित हो सकते। इसलिए जितना जरूरी नॉलेज गेन करना है, उससे
कहीं ज्यादा जरूरी अपनी कम्युनिकेशन स्किल को डेवलप करना भी है।
अगर आप एक बार
कहने की कला में पारंगत हो गए, तो चाहे पब्लिक स्पीकिंग हो
या फिर इंटरव्यू या ग्रुप डिस्कशन या फिर मार्केटिंग फील्ड में अपने क्लाइंट को
इंप्रेस करना हो, हर जगह आप कामयाबी हासिल कर सकते हैं,अगर आप किसी संस्थान में जॉब हासिल करना चाहते हैं, तो
वहां अप्लाई करने से पहले या साथ-साथ उसके बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी
जुटाने का प्रयास करें, जैसे-कंपनी क्या काम करती है,
मार्केट में उसकी रेपुटेशन कैसी है, वहां के
लोगों को मार्केट में कितना आदर-सम्मान दिया जाता है आदि-आदि। यह सब जानने के बाद
ही इंटरव्यू के दौरान वहां के एचआर को बता सकते हैं कि आप वहां के लिए कितने
उपयोगी हो सकते हैं। 70 फीसदी से ज्यादा कैंडिडेट ऐसा नहीं करते। ऐसे में इंटरव्यू
के वक्त जब उनसे पूछा जाता है कि आप संस्थान की तरक्की में किस तरह का योगदान दे
सकते हैं, तो कैंडिडेट्स के पास तार्किक जवाब नहीं होता। फिर
वे जो भी जवाब देते हैं, उसकी कोई वैल्यू नहीं होती। अगर
कंपनी के बारे में आपको जानकारी है, तो आप कॉन्फिडेंस के साथ
अपनी बात कह सकते हैं।
जब कभी इंटरव्यू के लिए जाएं, तो अपने
रेज्यूमे में लिखी बातों का ध्यान रखें। अपने बारे में वहीं बताएं, जो आपने रेज्यूमे में पहले लिख कर भेजी हैं। इंटरव्यू के दौरान पूरी
विनम्रता से मीडियम टोन में अपनी बात रखें। न तो इतनी जोर से बोलें कि आपकी आवाज
कमरे से बाहर तक सुनाई दे और न ही इतना धीमे बोलें कि सामने वाले लोग आपकी बात समझ
ही न पाएं। अगर आपकी आवाज कर्कश, बेसुरी है, तो संगीत साधना की तरह घर पर इसे विनम्र-मधुर बनाने का रियाज करें।
आगे
आपको हर जगह इसका फायदा मिलता नजर आएगा। इंटरव्यू या क्लाइंट मीटिंग के दौरान बीच
में बोले बिना सामने वाले की बातों को गौर से सुनें। उनकी बात खत्म होने के बाद दस
सेकंड सोचें और अपनी सूझ-बूझ का परिचय देते हुए विनम्रता से जवाब दें या अपनी बात
रखें। एक बार जो बोलें, उसे बदलें नहीं। न ही किसी बात पर
उत्तेजित ही हों । सयम,धैर्य,संतोष को अपनी जीवन मे शामिल करके अपना सुरक्षा कवच बना
ले कभी भी निराशा नही होगी ।
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