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- तिल गुड खाओ मीठा – मीठा बोलो....
Posted by : achhiduniya
13 January 2015
देशभर
में मकर संक्रांति पर्व की तैयारियां
कम्प्यूटर के इस युग में आजकल गिल्ली-डंडा
और सितोलिया का खेल ज्यादा प्रचलन में नहीं है, लेकिन कई
परिवारों और कई सामाजिक संस्थाओं द्वारा गिल्ली-डंडा और सितोलिया की परंपरा का
निर्वाह आज भी किया जाता है। खासतौर पर बच्चों में गिल्ली-डंडा खेलने का बहुत
उत्साह रहता है। मकर संक्रांति पर देशभर के कई जगहों पर सुबह से ही आकाश में
पतंगें इठलाती नजर आएंगी। पतंग महोत्सव में प्रधानमंत्री मोदी के नाम की धूम हर
जगह दिख रही है। पतंगों पर गणतंत्र दिवस पर भारत आने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति बराक
ओबामा भी दिख रहे हैं। लेकिन ओबामा, अमिताभ जैसी हस्तियों से
भी ज्यादा नरेंद्र मोदी की तस्वीरों वाले पतंग लोग ज्यादा खरीद रहे हैं।
शास्त्रों
के अनुसार मकर संक्रांति पर तिल खाना, तिल से स्नान करना और
तिल का दान करने से व्यक्ति को काफी पुण्य मिलता है। गरीब व्यक्ति को कपड़ा दान
करने से मानसिक शांति मिलती है। तिल दान से ग्रहों का प्रकोप भी मिटता है। महाराष्ट्रीयन
परिवारों में मकर संक्रांति का विशेष महत्व होने से महिलाएं विशेष तैयारी करती है।
संक्रांति के दिन सुहागन महिलाएं एक-दूसरे को मिट्टी के सुघड़ (वाण) देंगी। सुघड़
में खिचड़ी, बटला, गन्ना, गाजर, हरा छोड़, बेर आदि
सामग्री भरी जाती हैं। मंदिर में महिलाएं सुघड़ का आदान-प्रदान कर एक-दूसरे को
हल्दी-कुंकू लगाकर वस्तु का दान करेंगी। इसके पीछे यह मान्यता है कि सुहागन
महिलाओं द्वारा वस्तु का दान करने से पति की आयु लंबी होती है।
ठंड के दिनों में तिल-गुड़ खाना स्वास्थ्य की
दृष्टि से काफी लाभदायक है। मान्यता है कि मकर संक्रांति पर सूर्य के उत्तर दिशा
में जाने से दिन बड़े होने लगते हैं और इसी के साथ वसंत ऋतु का आगमन होगा। सूर्य का
उत्तर दिशा में होने का आध्यात्मिक रूप से काफी महत्व है। उत्तरायण में सूर्य के
होने से व्यक्ति में नई ऊर्जा का संचार होता है और रोग, दोष,
संताप से मुक्ति मिलती है। साथ ही मकर संक्रांति से छः माह तक देह
त्याग करने वाले व्यक्ति को मोक्ष प्राप्त होता है।
एक वक्त था जब इन पंतगों पर फिल्म एक्टर और
कॉमिक करेक्टर का ही कब्जा हुआ करता हुआ था, लेकिन पंतग
विक्रेताओं का मानना है कि पिछले कुछ सालों से राजनेता भी पंतगों पर छाए हुए हैं ।
बच्चों को लेकर बड़े हर पतंगबाज कि पहली पंसद मोदी पंतग ही है हर साल पंतगों का
लाखों रुपये का कारोबार होता है ऐसे मे कुछ लोगों का यह भी दावा है कि पंतग बाजार
में पहली बार कोई प्रधानमंत्री इस तरह आसमान में छाया हुआ है।
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| आप सभी देश वासियो को मकर संक्रांति की हार्दिक शुभकामनाऍ |

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