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- चार दीवारी मकान या घर ....?
Posted by : achhiduniya
05 January 2015
रहे घर मे मकान मे नही.....क्योकि.....?
मित्रो प्रणाम....आप तो जानते ही होंगे
कि मकान और घर मे क्या अंतर होता है।ईट ,पत्थर
,रेती ,सीमेंट का ढांचा या कुछ और यदि आप
इस बात मे फर्क नही जानते तो आइये आज कुछ जानने की कोशिश करते है।जो आपकी ज़िंदगी को
सफलता कि ओर लेकर जा सकती है। बहुत मेहनत करने पर भी आपको दौलत, शोहरत, कामयाबी नहीं मिल रही है, तो जरा अपनी इन आदतों को बदल कर देखिए। भाग्य जरूर आपका साथ देगा और आपकी सफलता के दरवाजे खोल देगा। कुछ
चोटी बातों का ध्यान रख कर यदि आपका बिस्तर हमेशा फैला हुआ रहता है,उसमें सिलवटें ज्यादा होती हैं,चादर कहीं, तकिया कहीं, कम्बल कहीं पड़ा रहता है, तो अब संभल जाइए। ऐसे लोगों की
पूरी दिनचर्या कभी भी व्यवस्थित नहीं रहती, जिसकी वजह से वे
खुद भी परेशान रहते हैं और दूसरों को भी परेशान करते हैं।
इससे बचने के लिए उठते
ही स्वयं अपना बिस्तर समेट दें।फिर आप अपने रोज –मर्रा के कामो मे लग जाइए। रोज़
खाली हाथ घर लौटने पर धीरे-धीरे उस घर से लक्ष्मी चली जाती है और उस घर के सदस्यों
में नकारात्मक या निराशा के भाव आने लगते हैं। इसलिए कभी भी घर लौटते समय कुछ न
कुछ वस्तु लेकर आएं, जिससे घर में बरकत बनी रहे। हर रोज घर
में कुछ न कुछ लेकर आना वृद्धि का सूचक भी माना गया है। ऐसे घर में सुख, समृद्धि और धन बढ़ता जाता है और घर में रहने वाले सदस्यों की भी तरक्की
होती है।
इसके साथ आप वस्तु को भी अपना सकते है जैसे भोजन ग्रहण करते समय अन्न की थाली पूर्व-दक्षिण
दिशा की ओर रख भोजन करें।सोते समय सिरहाना दक्षिण-पश्चिम या दक्षिण दिशा की ओर
होना चाहिए।पूजा कक्ष में शिवलिंग रखना वर्जित माना गया है।भोजन का पहला ग्रास
प्रतिदिन किसी गाय को खिलाना चाहिए।मकान में जब भी जल का पीएं, अपना मुख उत्तर-पूर्व की ओर रखें।घर
में पूजन कक्ष ईशान कोण में होना चाहिए एंव हनुमान जी की मूर्ति को दक्षिण-पश्चिम
दिशा में स्थापित करना चाहिए।बोरिंग मकान के उत्तर-पूर्व दिशा में ही होनी चाहिए।खाने के
बाद जूठी थाली या बर्तन इधर-उधर रखने वाले को सफलता कभी भी स्थायी रूप से नहीं
मिलती.! ऐसे लोगों को बहुत मेहनत करनी पड़ती है और वे अच्छा नाम भी नहीं कमा
पाते.! खाने के बाद थाली में हाथ धोने से भी यही परिणाम मिलता है। जूठे बर्तनों को
उठाकर उनकी सही जगह पर रखकर आप चन्द्रमा और शनि का सम्मान करते हैं, जिससे
यशमिलता है।
यह जरूरी नही कि आप वह चीजे खरीदे जिसकी आपको जरूरत नही सोच समझ कर उपयोगी
वस्तु ही खरीदे । परेशानियां किसी के जीवन में न आएं, ये
संभव नहीं है। मगर, जिस घर में सुबह-शाम पौधों को पानी दिया
जाता है, उस घर के सदस्य परेशानियों से डटकर लड़ पाते हैं।
नियमित रूप से पौधों को पानी देने वाले लोगों को डिप्रेसन और ब्लड प्रेशर जैसी
बीमारियां भी नहीं होती हैं।जब भी घर पर कोई मेहमान या काम करने वाला कोई आए,
उसे स्वच्छ पानी जरुर पिलाएं। ऐसा करके आप उस व्यक्ती का सम्मान
करते हैं,अगर आपको कहीं पर भी थूकने की आदत है, तो निश्चित है कि आपको यश, सम्मान नहीं मिलेगा। यदि
मुश्किल से मिल भी गया, तो स्थाई रूप से टिकेगा नहीं। हमेशा
वॉश बेसिन में या नाली में ही थूंके।थूकने के बात उस जगह पर पानी का छिड़काव जरूर करे
जिससे स्वछता के साथ आपकी सभ्यता का भी प्रदर्शन होता है।
चप्पल, जूते, मोज़े इधर-उधर फेंकने वालों को उनके शत्रु
बहुत परेशान करते हैं। इससे बचने के लिए अपने चप्पल, जूते
आदि को यथा स्थान रखें, इससे आपकी प्रतिष्ठा बनी रहेगी।गंदे
जूते ,चपप्ल घर मे ले जाने से बचे इससे आप बीमारियो और घर मे
प्रवेश करती नकारात्मकता को दूर कर सकते है। पैरों की सफाई पर हर वक्त ख़ास ध्यान
देना चाहिए। नहाते समय पैरों को अच्छे से धोयें, कभी भी
बाहर से आएं, तो पांच मिनट रुक कर मुंह और पैर धोएं। आप खुद
यह पाएंगे कि आपका चिड़चिड़ापन कम हो गया है। इससे आपकी दिमागी शक्ति बढ़ेगी और
गुस्सा भी धीरे-धीरे कम होने लगेगा। घर के सदस्यो मे आपसी प्रेम और आदर का भाव रखे,एक दूसरे का सहारा बने न कि एक दूसरे की मुसीबत का कारण । खुशिया दे खुशिया
ले,क्योकि ये बाटने से बडती है।
आपका मित्र अनिल भवानी
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