- Back to Home »
- Entertainment / AjabGajab »
- बिना रस के गुल्ले हसगुल्ले.....
Posted by : achhiduniya
21 January 2015
कुछ खट्टी-मीठी हंसी मज़ाक हो जाए .....
@सरकारी नौकरकी महिनेके गुजरते दिनके
अनुसार अलग अलग अवस्थायें
तारीख 1 से तारीख 10 - गरम
तारीख 11 से तारीख 20 - नरम
तारीख 21 से तारीख 30 - बेशरम
सरकारी नौकर के बिवी की महिने के गुजरते
दिन के अनुसार अलग अलग अवस्थायें
तारीख 1 से तारीख 10 - चंद्रमुखी
तारीख 11 से तारीख 20 - सुर्यमुखी
तारीख 21 से तारीख 30 – ज्वालामुखी
@चिंटी
- ऑटो में बैठी और 1 पैर बहार रखा। ड्राईवर- मैम पैर अंदर रखो। चिंटी
-
नहीं ,रास्ते
में हाथी मिले तो लात मारनी है...
@स्कूल में आग लग गयी। सब बच्चे खुश थे कि अब
स्कूल नही आना पड़ेगा पर
एक बच्चा उदास था। अध्यापक (छात्र से) - बेटा तुम उदास
क्यों हों? छात्र – सर
आप जिंदा कैसे बचे ?
@मुकेश अम्बानी : अगर मै सुबह से अपनी
कार में निकलू तो शाम तक अपनी आधी प्रॉपर्टी भी नहीं देख सकता
संता : हमारे पास भी ऐसी खटारा कार थी।
.... बेच दी
@बुधवार – जुते के दुकानदार को उल्लू
बनाया. एकही जुतेके किमतमें दो जुते खरीदे ( उसने एकही जुतेपर किमत लिखी थी,
दुसरे जुतेपर लिखना शायद वह भूल गया होगा)
गुरवार – दवाई के दुकान से नौकरी से हाथ
धोना पडा. दुकानदारने बॉटल के लेबल्स प्रिंट करने के लिए बोले थे. लेकीन क्या करे
बॉटल प्रिंटर में नही जा रही थी.
शुक्रवार – रात को बहुत ठहाके लगा लगाकर
हंसा,
पांडेजी ने बुधवार को सुनाया हुवा चुटकुला बहुत अच्छा था
शनिवार - बारीश आ गई और शाम को पौधों को
बारीश में पाणी देना पडा.
रविवार - वॉटर स्कीईंग के लिए घर से बाहर
निकला. सारा शहर ढूंडा लेकिन ढलान वाला तालाब कही नही मिला.
@एक सुंदर युवतीने प्लेनमें सफर करते हूए
अपने बगलमें बैठे साधुसे कहा,
स्वामीजी
आप मुझपर एक मेहरबानी करेंगे…..?
जरुर...
आप बोलीयेतो मै आपकी क्या मदद कर सकता हूं….?
मैने एक किमती इलेक्ट्रॉनीक हेअर ड्रायर
खरीदा है... लेकिन वह कस्टमके लिमीटके उपर जा चूका है... और मुझे चिंता है की वे
कस्टमवाले उसे मुझसे जब्त करेंगे... क्या आप उस हेअर ड्रायरको आपके चोंगेक अंदर
छुपाकर ले जाओगे…? युवतीने कहां.
मुझे आपको मदद करनेमें खुशी होगी,
लेकिन मै आपको अभीसे इत्तला कर दु की मै झुठ नही बोलूंगा स्वामीजीने
कहा.
स्वामीजी
आपके मासूम चेहरेके वजहसे आपको कोई पकडेगा नही ... तो झुट बोलनेका सवालही नही आता''
युवतीने कहा.
ठिक है ... जैसी आपकी मर्जी स्वामीजी राजी होगए.
जब प्लेन लॅंड हूवा और सब कस्टमसे जाने लगे
तो उस युवतीने स्वामीजीको अपने आगे जाने दिया. कस्टमके ऑफीसरने हर यात्रीकी तरह
स्वामीजीसे पुछा,
स्वामीजी
क्या आपने गैरकानुनी तौर पर कुछ छिपाया है....?
मेरे
सरसे निचे कमरतक मैने गैरकानुनी तौर पर कुछ छुपाया नही है स्वामीजीने कहा.
ऑफीसरको यह स्वामीजीका जवाब कुछ अटपटासा
लगा. इसलिए उसने आगे पुछा, और कमर से निचे जमिन तक
क्या आपने गैरकानुनी तौर पर कुछ छिपाया है.... ?
हां एक छोटीसी सुंदर चिज छिपाई हूई है ...
जिसका इस्तेमाल औरते करती है ... लेकिन मेरे पास जो है उसका इस्तेमाल अभितक हूवा
नही है स्वामीजीने कहा.
जोर से ठहाका लगाते हूए ऑफीसरने कहा,
ठिक है स्वामीजी आप जा सकते
है ...
@संता
ने बंता को दी सलाह- एक बात हमेशा याद रखना। दुनिया में कुछ मिले या
न मिले, दो
चीजें हक से लेनी चाहिए। एक समोसे के साथ एक्स्ट्रा चटनी और दूसरा
गोलगप्पे के बाद
पानी।
@1. यह तो एक बिल्ली है.
2. यह तो सरदार बिल्ली है.
3.यह तो पांच बिल्ली है.
4.यह तो मिनट बिल्ली है.
5.यह तो तक बिल्ली है.
6 यह तो कैसे बिल्ली है.
7 यह
तो उलझा बिल्ली है.
8.यह
तो रहा बिल्ली है.
अब हर एक लाईन पढीये.
अब तिसरे शब्दपर जाईए और उपर से निचे तक हर
लाईनका तिसरा शब्द पढिए.
.@एक बुढा
आडमी एक मॉलमें बेंचपर बैठा था. इतनेमें वहा एक अपने बाल अलग अलग रंगसे रंगाया
हूवा युवक आकर बैठ गया. उस युवकके बाल कही पिले, कही हरे तो
कही गुलाबी रंगसे रंगाये हूवे थे. उसके आंखोके आसपासभी काला रंग लगाया हूवा था. वह
बुढा आदमी एक टक उस युवककी तरफ देख रहा था. उस बुढेको अपनी तरफ एकटक देखता देखकर
उस युवकने गुस्सेसे कहा, '' ऐसे क्या देख रहा है बुढ्ढे,
कभी अपनी जवानीमें तुने ऐसी मस्ती नही की थी क्या?''
उस बुढे आदमीने जवाब दिया,
'' की थी ना ...जब मै जवान था तब एक बार मै बहुत पिया था.. वैसी
हालतमें मुझे एक तोता मिल गया... मुझे उस तोतेसे इश्क होगया था, और फिर बहुत कुछ होगया ... मै सोच रहा था कही तुम उस तोतेका और मेरा लडका
तो नही हो''
लेडीज रुममें सुधारके लिए सुझाव प्रस्ताव
मंगाए जाते है. एक बदमाश लडकेने नोटीसके निचे लिख दिया,
'' लडकोंको लेडीज रुममें जानेकी अनुमती
दी जाए''
@संता - पता है जब मै छोटा था तब दसवे
मालेसे गिरा था. .
बंता - तो? ... तो फिर बच गया की टपक गया ?
संता - याद नही यार ... बहुत पुरानी बात
है.
@एक बार जंता सिंगका इंटरव्हू था.
इंटरव्हू लेनेवालेने जंता सिंगको सवाल पुछा
इंटरव्हूअर - सरदारजी यह फोर्ड क्या है?
जंता सिंग - फोर्ड गड्डी है.
इंटरव्हूअर - अच्छा सरदारजी अब यह बताओ
ऑक्सफोर्ड क्या है?
जंता सिंग - ऑक्स यानीकी बैल और फोर्ड यानी
गाडी. यानीकी ऑक्सफोर्डका मतलब होता है बैलगाडी.
.@सवाल -
सरदारजीको कन्फ्यूज कैसे करे ?
जवाब - ...
....
जवाब - सिम्पल... उसे एक गोल कमरेमे ले
जावो और एक कोनेमे बैठनेके लिए कहो.
@दो भाई एक आठ साल का और दुसरा दस साल का,
बहुत ही शरारती थे. उस इलाकेमें कुछ भी गडबड हो जाती तो आखिर पता
चलता की उसमें इन दोनोंकाही हाथ है.
उनके घरवाले सब तरहके प्रयास कर थक चूके
थे. लेकिन उनकी शरारतें कम नही होती थी. एक दिन उन्होने उस इलाकेमें एक साधुके
बारेंमे सुना. और यह भी सुना की वह ऐसे शरारती बच्चोंको एक झटकेसे ठिक कर देता है.
इसलिए लडकोंके घरवालोंने उनको उस साधूकी तरफ भेजनेका ठान लिया.
उन लडकोंके घरवाले उस साधूके पास गए और
उन्होने उसे उनके लडकोंको ठिक करनेके लिए आग्रह किया. साधु तैयार हो गया लेकीन वह
पहले उन लडकोंमेसे छोटेसे मिलना चाहता था और वह भी अकेलेमें.
लडकोंके घरवालोंने आठ सालके छोटे लडकेको
साधुके पास भेजा.
साधुने उस लडकेको अपने सामने बिठाया. लगभग
पांच मिनट वे दोनो सिर्फ एकदुसरेंकी तरफ देखते रहे.
आखिर साधुने उस लडकेकी तरफ उंगली दिखाकर
कहा,
'' भगवान कहा है?''
वह लडका कमरेंमे इधर उधर देखने लगा,
कमरेंमेकी सारी चिजे निहारने लगा लेकिन बोला कुछ नही.
फिरसे साधूने उस लडकेकी तरफ उंगली उठाकर
बडे स्वरमें पुछा, '' भगवान कहा है?''
फिरभी वह लडका कुछ नही बोला,
सिर्फ कमरेकी सारी चिजे निहारता रहा.
अब तिसरी बार साधूने उस लडकेकी तरफ झुककर
अपनी उंगली उसके नाकपर रखते हूए पुछा, '' कहां
है भगवान?''
वह लडका बेचारा घबरा गया और उठकर सिधा घरकी
तरफ दौड पडा. घर पहूंचकर वह सिधा उसके बडे भाईकी तरफ गया और उसे बोला,
'' अपनी कुछ खैर नही... एक बडी गडबड होगई है''
'' क्या हुवा? ... क्या
गडबड होगई?'' बडे भाईने पुछा.
छोटा भाई बोला,
'' उधर भगवानको किसीने अगवा कर लिया है... और उन लोगोंको लगता है की
इसमें हमाराही हाथ है'