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- जय जवान – जय किसान
Posted by : achhiduniya
13 January 2015
किसानों का आंदोलन .....
मित्रो प्रणाम... हमारा भारत देश कर्षी
प्रधान देश कहा व माना जाता है। जिसका नारा जय जवान –जय किसान क्या.....? सिर्फ नारा लगाने से किसानो की समस्या का समाधान होगा या उन्हे आत्म
हत्या करने और आंदोलन करने पर मजबूर किया जाना ठीक है क्योकि महाराष्ट्र में गन्ना किसानों के आंदोलन का
मुद्दा जोर पकड़ता जा रहा है। पिछले काफी समय से गन्ना किसान मांग कर रहे हैं
सरकार गन्ने की ज़्यादा कीमत दे।
अपनी इस मांग को लगातार नजरअंदाज किए जाने से
नाराज गन्ना किसानों ने पुणे के शक्कर संकुल पर तोड़फोड़ की थी। गन्ना किसानों का
आरोप है की शक्कर कारखानों को गन्ना दिए 70 से ज्यादा दिन हो गए हैं लेकिन अबतक
उन्हें पैसे नहीं मिले हैं। गन्ना किसानों का कहना है शक्कर कारखानों के मालिक
प्रति टन गन्ना महज 1300-1500 रुपए दे रहे हैं जबकि हमें दोगुनी कीमत चाहिए। गन्ना
किसानों के आंदोलन को खत्म करने का रास्ता निकालने के लिए सरकार ने राज्य के शक्कर
कारखाना मालिकों की मीटिंग बुलाई ।
राज्य सरकार ने साफ कर दिया है कि अगर शक्कर
कारखाना मालिकों ने प्रशासन की बात नहीं मानी तो उनके कारखानों में जमा शक्कर को
जब्त करने के आदेश दे दिए जाएंगे। साथ ही मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने किसानों
से हिंसा नहीं करने की अपील की है।क्या सरकार इतनी मजबूर या बेबस है जो किसानो को
उनके मेहनत के हक से वंचित करने और उनकी मांगो को नजर अंदाज कर रही है। फिर इस
नारे का क्या औचित रह जाता है जो किसानो के भलाई का दावा करती है।
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