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- एक कप चाय हो जाए...?
Posted by : achhiduniya
23 January 2015
जानिए चाय पीने-पिलाने के नुकसान व फायदे......?
मित्रो चाय पीने के क्या...?नुकसान,फायदे यह तो हम जानेगे ही लेकिन पिलाने से नुकसान
आपकी जेब जरूर ढीली होगी।[यानी खर्चा ] आइये अब सेहत पर क्या....?होगा यह भी जानने की कोशिश करते है,नियमित चाय पीने वाले प्रायः भूख न लगने की शिकायतें
करते पाए गए हैं। इसका कारण यही है कि पाचन शक्ति कमजोर हो जाने के कारण कोई
भी भोजन ठीक से पचता नहीं है, इसलिए खुलकर भूख भी नहीं लगती।चाय में जो विषैले तत्व पाये जाते हैं, उनकी तो चर्चा करना ही व्यर्थ है, क्योंकि सभी जानते हैं कि चाय पीने
वालों को कैंसर और डायबिटीज होने की सम्भावना सबसे अधिक होती है। इसके अन्य कई हानिकारक प्रभाव
भी होते हैं.चाय को गर्म-गर्म पिया जाता है, इससे आंतों पर इसका बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है।
हमारे शरीर में ठंडी
वस्तुओं को गर्म करने की व्यवस्था तो है, परन्तु गर्म वस्तुओं को ठंडा करने की
कोई व्यवस्था नहीं है। इसलिए गर्म-गर्म चाय पेट और आंतों में काफी समय तक पड़ी रहती है और हमारी
पाचन शक्ति को बिगाड़ देती है। चाय के प्रयोग
से आंतें धीरे-धीरे निर्बल हो जाती हैं और मल निष्कासन प्रणाली भी शिथिल हो जाती है। इससे सड़ी सामग्री
आंतों में जमती रहती है और तरह-तरह की बीमारियां
पैदा करता है। बहुत से लोगों में बेड टी की आदत होती है अर्थात् सोकर उठने पर सबसे पहले बिस्तर पर ही चाय पीते हैं।
यह आदत अति हानिकारक है। उन्हें चाय पीने के बाद ही शौच होता है, इससे वे समझते हैं कि चाय पेट साफ करती है। जबकि बात इससे ठीक उल्टी है। चाय पीने
के बाद शौच इसलिए आ जाता है कि उससे आंतों में प्रतिक्रिया होती है, जिसके कारण शौच निकल जाता है।
यदि इसके बजाय वे केवल एक गिलास सादा या गुनगुना
जल पी लें, तो पेट अधिक अच्छी तरह साफ होगा और चाय के कुप्रभावों से भी
बचे रहेंगे। बेड टी की आदत यूरोप के ठंडे देशों में तो कुछ हद तक स्वीकार्य है, परन्तु भारत जैसे गर्म देशों में बिल्कुल स्वीकार्य नहीं है। यह घर-घर में पी जाती है और दिन में कई
बार भी पी
जाती
है। इसके कारण हमारे स्वास्थ्य का सत्यानाश हो रहा है। इसमें कोई पौष्टिक तत्व नहीं होता, बल्कि हानिकारक नशीली सामग्री होती
हैं। इसको कुछ दिन
तक नियमित पीने से इसकी लत लग जाती है और यदि एक दिन भी समय पर न मिले, तो सिर दर्द से फटने लगता है और शरीर
शिथिल हो जाता है। इससे सिद्ध होता है कि यह एक नशा है और नशे के अलावा कुछ नहीं
है। चाय के साथ चीनी भी हमारे शरीर में बड़ी मात्रा में प्रतिदिन चली जाती है, जो स्वयं बहुत हानिकारक है। इसलिए चाय
पीना तत्काल बन्द कर देना चाहिए। जो चाय के लती हैं, उनको एकदम चाय छोड़ देने से एक-दो दिन थोड़ा कष्ट होगा, लेकिन यदि वे उसे झेल जाएं, तो फिर कोई कष्ट नहीं होगा और
स्वास्थ्य
सुधार
की राह पकड़ लेगा। स्टार अनिस चाय
पाचनक्रिया को सुधारती है।
यह चाय चीन में पूरे साल फलने वाले पौधे के फल से बनती
है। इस चाय का उपयोग पाचन संबंधी बीमारियों को ठीक करने में किया जाता है,
जैसे पेट खराब होना, दस्त और उल्टी होने पर।
यह चाय एक पूरी फली को गर्म पानी में 10 मिनिट तक डालकर बना सकते हैं। पानी को छान
लें और अगर आप इसे मीठा पीना चाहते हैं तो इसमें शकर या शहद मिला लें और छोटे-छोटे
घूंट ले-लेकर इसे पिएं। आपको पेट संबंधी बीमारियों से छुटकारा मिल जाएगा । ग्रीन
टी शोध के हिसाब से इस चाय में पाया जाने वाला रसायन EGCG शरीर
के मेटाबोलिज्म को बढ़ाता है, जो कि शरीर से वजन कम करने का
काम करता है। यह एक दिन में करीब 70 कैलोरी तक कर देता है। ग्रीन टी में
एंटीऑक्सीडेंट केटेचिंस होता है, जो कि मेटाबोलिज्म बढ़ाता है
और चर्बी को घटाता है।
यह चाय 85 डिग्री सेल्सियस पर करीब 2 से 3 मिनट में तैयार
हो जाती है। रोज टी सबसे पुराने स्वाद में पाई जाने वाली चाय में से एक है। इसे
ताजा गुलाब और कलियों से बनाया जाता है। यह शरीर के लिए एक थैरेपी की तरह है। यह न
केवल शरीर में मौजूद जहरीले तत्वों को दूर करके त्वचा को सुन्दर बनाता है बल्कि
इसमें विटामिन A, B3, C, D और E होते
हैं, साथ ही साथ ये संक्रमणों से भी निजात दिलाता है। काली
चाय सबसे अधिक आयरलैंड में पी जाती है। बिक्री के आंकड़ों के मुताबिक, वहां प्रति व्यक्ति एक साल में काली चाय का उपभोग दो किलोग्राम है।
इसके
बाद ब्रिटेन व तुर्की का स्थान है। इन तीनों ही देशों में मधुमेह का स्तर कम उपभोग
करने वाले अन्य देशों की तुलना में कम है। कई कंपनियों ने वजन कम करने के उद्देश्य
को ध्यान में रख कर स्पेशल हर्बल टी पैकेट निकाले हैं। प्रज्ञा चाय, गुरु कांगडी, खादी ग्राम उद्योग या हर्बल उत्पाद
बेचने वाले आश्रमों के अलावा आप विभिन्न ब्रांड्स द्वारा निकाली गई हर्बल टी खरीद
सकते हैं।