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- धूम्रपान[ सिगरेट ] कैसे छोड़ें.....?
Posted by : achhiduniya
17 January 2015
दोबारा धूम्रपान के लिए उकसाता.....
अध्ययनों से पता चलता है कि धूम्रपान छोड़ने
वालों में 80 प्रतिशत लोग एक सप्ताह के अंदर ही दोबारा धूम्रपान शुरू कर देते हैं।
धूम्रपान की आदत से छुटकारा पाने में ब्लड टेस्ट लोगों के लिए मददगार साबित हो सकता
है.कैसे आइए जानने का प्रयास करते है,लांसेट जर्नल
में प्रकाशित शोध में कहा गया है कि ख़ून की जांच से यह पता चल सकता है कि इस आदत को
छोड़ने के लिए कौन सा तरीक़ा अख़्तियार किया जाए,
लेकिन शोधकर्ताओं
का कहना है कि एक व्यक्ति निकोटिन के सामने कितनी जल्दी हथियार डाल देता है,
अगर इसका पता लग जाए तो सफलता का प्रतिशत बढ़ाया जा सकता है। निकोटिन,
सिगरेट में सबसे अधिक लत वाला तत्व होता है। जब शरीर में इसकी मात्रा
कम हो जाती है तो निकोटिन की और ज़रूरत महसूस होती है, जो दोबारा
धूम्रपान के लिए उकसाता है।
लेकिन अलग-अलग लोगों में निकोटिन की चाहत भी अलग-अलग होती
है। कुछ वैज्ञानिकों का कहना है कि जो लोग निकोटिन की लत के सामने जल्दी टूट जाते हैं,
वो सिगरेट ज़्यादा पीते हैं और इस आदत से छुटकारा दिलाना और मुश्किल
हो जाता है। यूनिवर्सिटी ऑफ़ पेन्सिल्वेनिया में शोधकर्ताओं ने 2,540 लोगों पर एक शोध किया। उन्होंने हर व्यक्ति के ख़ून की जांच कर ये पता
लगाया कि उनके ख़ून में निकोटिन कितनी तेज़ी से टूटता है,इसके
साथ लोगों को वारेनिक्लिन नामक दवा दी गई और उनकी काउंसिलिंग भी की गई। ग़ैर-निकोटिन
वाली इस दवा को चिकित्सकों की सलाह पर दिया जाता है।
चिकित्सक धूम्रपान के ख़तरे से
निपटने के लिए अवसाद और ख़ुदकुशी समेत संभावित अन्य दुष्प्रभावों को संतुलित करते हैं।
शोधकर्ताओं ने पाया कि जिन लोगों के ख़ून में निकोटिन के टूटने की दर सामान्य होती
है,उनमें वैरेनिक्लिन दवा के साथ इस लत को छुड़ाने की संभावना
उन लोगों के मुक़ाबले कहीं ज़्यादा होती है, जिन्हें वैकल्पिक
निकोटिन युक्त दवा दी जाती है।
इस शोध से जुड़े अग्रणी शोधकर्ता प्रोफ़ेसर कैरिन लर्मैन
ने कहा,अगर इन जांचों का इस्तेमाल किया जाता है, तो इनमें सफलता की संभावना बढ़ सकती है।
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