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- हर दिन को अंतिम समझकर....
Posted by : achhiduniya
16 January 2015
आप जो
भी काम कर रहे हैं,पढ़ाई या करियर में आगे बढ़ने और पहचान बनाने के लिए
उमंग और उत्साह बेहद जरूरी है। इसके अलावा अगर कॉलेज या संस्थान इंडस्ट्री की
आवश्यकता के अनुसार जरूरी प्रैक्टिकल ट्रेनिंग पर ध्यान नहीं दे रहे,तो खुद की पहल से ऐसी ट्रेनिंग हासिल करने का प्रयास करें।
आखिर आपके
बेहतर करियर का सवाल जो है।इसके लिए समय निकालें। कंपनियों/संस्थानों में संपर्क
करें। प्रैक्टिकल नॉलेज हासिल करें। भले ही इसके एवज में शुरुआत में पैसे न मिलें।
इस तरह पढ़ाई पूरी होने के साथ-साथ आप जरूरी स्किल भी हासिल कर लेंगे। जॉब नहीं मिल
रही, तो आप अपनी पढ़ाई वाले क्षेत्र में मार्केट/इंडस्ट्री
की रिक्वायरमेंट के मुताबिक जरूरी स्किल सीखें और खुद को लगातार अपडेट करते रहें।
यह
स्वाभाविक है कि प्रजेंट यानी हर दिन को अंतिम समझकर काम करने जैसी लाइनों पर
भरोसा करना आसान नहीं होता। हम हमेशा फ्यूचर को ध्यान में रहकर काम करते हैं। पर
यकीनन यदि हर दिन के काम पर फोकस करें, उन्हें फ्यूचर का बेस
मानें, तो पॉजिटिव रहना आसान होगा।

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