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Posted by : achhiduniya
22 January 2015
जहॉ
चाह..... वहॉ राह ......
मित्रो प्रणाम .....ऐसा लगता है काफी समय
बीत चुका है आपसे बात नही हो पाई इसलिए आपके साथ कुछ महत्वपूर्ण विषय
“चाह”+”राह”+”तरक्की”[ Interest + Way + Progress ]
पर जानकारी सांझा करने का मन करने लगा । जिस प्रकार आपके पास कोई भी गाड़ी हो उसमे
सारी चीजे ठीक-ठाक हो,पेट्रोल भरा हो ,ब्रेक
,कलच,गेयर,टायर ,ट्यूब इत्यादी सब ठीक हो लेकिन इन
टायरों के ट्यूबो मे हवा न हो या कम हो तो क्या.....? आपकी
गाड़ी मे वह रफ्तार होगी जिसकी आप कल्पना व चाह रखते है।
जिस प्रकार उनमे हवा का
होना महत्वपूर्ण है। अब आप सोचेंगे हवा....। हमे आप यह बताए की क्या.....? गुब्बारा बिना हवा के आसमान मे उड़ सकता है बिलकुल नही क्योकि हवा के भी
प्रकार एक जो आप और हम प्रकर्ती से लेते है,लेकिन गुब्बारों
को आसमान मे उड़ाने के लिए गैस रूपी हवा की जरूरत पड़ती है। उसी प्रकार मित्रो अपने जीवन मे भी उमंग,उत्साह,आशा
की गैस रूपी हवा को मन मे भरे और मंजिल को पाने की “चाह” मे “कामयाबी”+ ”तरक्की” की “राहो” मे कदम
बढ़ाइए।
आप सफलता चाहते हैं तो आपको कष्टों को अपनाना ही होगा। स्मरण रखें कि
प्रत्येक सफल व्यक्ति की एक कष्टमय कहानी होती है, प्रत्येक
कष्टमय कहानी का एक सफल अंत होता है। जीवन में सफलता पाने के लिये आशावादी बनना
तथा चिंता को त्यागना अत्यावश्यक है। अगर जीवन मे कठनाईया आती भी है तो वे
आपको कुछ दे या ना दे अनुभव रूपी ज्ञान का
खजाना जरूर देकर जाती है, जिसे आपसे कोई भी छिन नही सकता आप
उसे औरों के साथ बाट सकते है । यदि आप सोचते हैं, कि किसी
समस्या को हल किया जा सकता है तो चिंता करने की क्या आवश्यकता है, यदि आप सोचते हैं कि किसी समस्या को हल नहीं किया जा सकता तो चिंता करने
से फायदा ही क्या है.....? सफलता ही आपका उद्देश्य है तो कभी
भी पीछे जा कर खराब शुरुवात को बदलने का प्रयास न करें बल्कि इसी क्षण से एक नई
शुरुवात कर दें।
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स्वयं की गलतियों को पहचानने वाला व्यक्ति अवश्य ही सफलता प्राप्त
करता है। दूसरों की गलती निकालना बहुत सरल है। अपने कीमती समय की बरबादी के सिवा
कुछ नही ,किन्तु स्वयं की गलती को स्वीकार करना अत्यन्त
मुश्किल काम है। गलतियाँ ही अनुभव का आधार है। यद्यपि गलती कष्ट देती है किन्तु
स्वयं के द्वारा की गई अनेकों गलतियों का संग्रह ही अनुभव है। दूसरों की शिकायत
करने वाला व्यक्ति हमेशा अशांत रहता है और कभी भी सफल नहीं हो पाता ।
सफलता और
शांति पाने के लिये बेहतर है कि स्वयं को बदलें। आँसू न बहाए यह कायर का काम हैं।
अतः साहसी बनें और किसी अवसर के खो जाने पर कभी भी आँसू न बहायें। जीवन में
परिवर्तन एक प्राकृतिक नियम है। अतः परिवर्तन को स्वीकारें। परिवर्तन को स्वीकारने
पर अन्य सभी बातें अपने आप ही परिवर्तित हो जायेंगी। दुःखी होने वाले व्यक्ति की
जग हँसाई होती है। प्रत्येक परिस्थिति में
प्रसन्न रहने वाले को प्रसंशा मिलती है।
दूसरों को प्रसन्न रखने वाले को जीवन सलाम
करती है। इन सभी बातों का सार यही है की जब तक आप अपने मन मे उमंग,उत्साह ,आशा ,चाह [की हवा ]नही
[भरते ]जगाते तब तक आप तरक्की ,सफलता पाने की कितनी भी
पुस्तके पड़े सभी बिना गैस वाले हवा के गुब्बारे के तरह है जो हमेशा जन्म दिन पर
फोड़ने के काम आते है।
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ALL THE BEST |
आपका मित्र श्री
अनिल भवानी ।