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- इंसानियत और श्रद्धा की मिसाल....मंदिर मे पड़ी नमाज........
Posted by : achhiduniya
19 February 2015
इबादत के तरीके
भिन्न -भिन्न लेकिन भगवान और अल्लाह एक......
आज भी देश मे ऐसी कई बाते सामने आती है जो जाती
धर्म, मझब से उठकर इंसानियत का परिचय देती है हाल ही मे आगरा घूमने आई दो ईरानी महिलाओं ने हनुमान मंदिर में नमाज
अदा की। इस दौरान मंदिर में फूल बेचने वाले ने उन्हें फर्श पर बिछाने को अखबार
दिया। पुजारी ने भी उसकी मदद की। जाते जाते ईरानी महिलाओं ने पुजारी और फूल बेचने
वालों को धन्यवाद कहा। दरअसल, ये महिलाएं ताजमहल का दीदार करने के लिए आगरा पहुंची थी। वह
इसके बाद ताज व्यू चौराहे के पास पहुंची। शाम को अशर की नमाज का वक्त हो गया।
उसने आस-पास मस्जिद ढूंढा। फारसी भाषा में लोगों से इसके बारे में पूछा, लेकिन कोई उनकी बात नहीं समझ सका। कुछ देर वह भटकती रही। तब
दोनों महिलाओं को हनुमान मंदिर दिखा। मंदिर के बाहर उस वक्त फूल बेचने वाला श्रवण मौजूद था। उसे
भी महिलाओं की भाषा समझ में नहीं आई। लेकिन इशारों से वह समझ गया कि महिलाओं को
नमाज पढ़ना है। उसने महिलाओं से इशारों में कहा कि वे यहां पर नमाज अदा कर सकती
हैं। श्रवण
ने बताया कि महिलाओं को बिलकुल उम्मीद नहीं थी मंदिर में नमाज अदा करने के लिए
जगह मिलेगी। जब उसने नमाज के लिए इशारा किया तो महिलाएं बेहद खुश हुईं।
महिलाओं ने
इशारा करके फर्श पर बिछाने के लिए अखबार
मांगा। श्रवण ने उन्हे अखबार दिया और इसी को बिछाकर महिलाओं ने नमाज
अदा की। मंदिर
के पुजारी रामब्रज शास्त्री कहते हैं कि इबादत का तरीके भिन्न-भिन्न हो सकते
हैं, लेकिन भगवान और अल्लाह एक हैं। वह ईरानी पर्यटकों का नाम
भी नहीं जानते हैं। मंदिर सबके लिए है। धर्म के नाम पर यहां पर किसी को आने और
इबादत करने से नहीं रोका जाना चाहिए। यही उन्होंने किया। नमाज जिस तरफ से महिलाएं
अदा कर रही थीं, उस ओर मंदिर का पट बंद था। [साभार]