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- उधार के धन से काम चलाने में कोई भरोसा नहीं.....
Posted by : achhiduniya
07 February 2015
विवेकपूर्ण राजकोषीय नीति नहीं...
जेटली ने व्यय में दस प्रतिशत की कटौती के अलावा भी कटौती
का संकेत दिया जिसकी घोषणा सरकार ने राजकोषीय घाटे को बजट में प्रस्तावित 4.1 प्रतिशत के लक्ष्य को प्राप्त करने
के लिए की थी। राजकोषीय घाटा नवंबर में ही लक्ष्य के पार चले जाने के बीच वित्त मंत्री
अरुण जेटली ने व्यय में और कटौती का शुक्रवार को संकेत दिया। जेटली ने कहा कि उन्हें
उधार के धन से काम चलाने में कोई भरोसा नहीं है।
हालांकि, यह लक्ष्य 31 मार्च को समाप्त हो रहे चालू वित्त
वर्ष से चार महीने नवंबर
में ही पार हो चुका है।जेटली ने उद्योगपतियों और योजना निर्माताओं को विडियो कॉन्फ्रेंसिंग
के जरिए कहा, जहां तक सरकार
का संबंध है, हम व्यय को
तर्कसंगत बनाने की कोशिश कर रहे हैं, क्योंकि हम नहीं चाहते कि सरकार अनिश्चितकाल
तक उधार के धन से काम चलाए। उन्होंने कहा, अपनी आय से ज्यादा खर्च करने और कर्ज
चुकाने का जिम्मा अगली पीढ़ी पर छोड़ देने की पूरी अवधारणा पर आज जरूरत से ज्यादा खर्च
कर रहे हैं, लेकिन यह कभी
भी विवेकपूर्ण राजकोषीय नीति नहीं है।
जेटली ने स्थिर कर प्रणाली का संकेत दिया और
कहा कि राजस्व जुटाने के लिए राज्य और केंद्र की तरफ से कोई अनुचित पहल नहीं होगी।
उन्होंने कहा कि बीते दस साल मौके गंवाने का दशक रहा है। लेकिन, अब सरकार सुधारों के रास्ते पर आगे
बढ़ने के लिए दृढ़ है।