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Posted by : achhiduniya
02 February 2015
आपके खुले व्यक्तित्व को दर्शाने का संदेश देगा......
आज के दौर मे हर कोई आगे बड़ना चाहता है,लेकिन इसका मतलब ये तो नही की सत्य कि राह को छोड़ कर असत्य ,झूठ ,बेईमानी ,धोखे की शरण मे
जाकर उनसे कामयाबी की भीख मांगे यह राह आसान जरूर लगती है लेकिन इसकी अवधी, लाईफ कम होती है। अगर जब भी आपका करियर आगे नहीं बढ़ पा रहा हो, तो लोग इसका ठीकरा किसी न किसी के सिर पर फोडऩे की कोशिश में रहते हैं
क्योंकि उन्हें सबसे आसान यही प्रतीत होता है कि वे जीवन में आई रुकावट के लिए जिम्मेदार
वे नही और उन लोगों की तलाश शुरू कर देंते उन्हीं पर सारा दोष मढ़ कर दिल ही दिल
में तसल्ली अनुभव करते हुए यह सोचते है की सारा दोष उन लोगो का है ।
दरअसल,
इस तरह से वे स्वयं को सांत्वना देते हैं कि उनकी कोई गलती या हममें
कोई कमी नहीं है और जो हुआ, उसके लिए कोई और दोषी है। ऐसा कम ही होता है कि करियर में आई रुकावट के
लिए कोई खुद को जिम्मेदार माने। इसके उलट, वे खुद को छोड़कर
अन्य सभी को इसके लिए जिम्मेदार मानते हैं। क्षमता से ज्यादा का वादा करना और उसको
पूरा नहीं कर पाना, बदलाव का विरोध करना, नए विचारों को अपनाने में विफल रहना, अपने बॉस का
दिल जीतने की कोशिश करना लेकिन सहकर्मियों का नहीं,निश्चिंतता,
आगे बढऩा छोड़ देना, समस्याओं को गिनाना तथा
समाधान नहीं तलाश करना। व्यवसाय के लिए वह जो जरूरी है।
उसे लगातार करते रहिए। इसे पूरे
विश्वास के साथ कीजिए। दूसरे शब्दों में, आवाज उठाने के लिए
माफी मत मांगिए, खुलकर बोलिए और सच बोलिए। पिछली सफलताओं की ड़िंगे
हाकने की जगह, अगर
आप खुद को मुश्किलों को सुलझाने वाले के रूप में पेश करें तो यह आपको एक ऐसे लीडर
के रूप में स्थापित करेगा जो संगठन की भलाई के लिए काम करने का इच्छुक है न कि
अपने स्वार्थ के लिए।
इससे आप अपने आप ही लोगो अपनी ओर आकर्षित करेंगे । आपका साफ दिल
होना ,सच की राह पर चलना लोगो के बीच आपके खुले व्यक्तित्व को
दर्शाने का संदेश देगा।