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- सरकारी नौकर या जमाई राजा ....?
Posted by : achhiduniya
02 February 2015
आलसी बनाती सरकारी नौकरी....
आज जिसे देखो सरकारी नौकरी के पीछे पड़ा है
इसके पीछे क्या...?कारण हो सकता इस पर गंभीरता
से विचार करना जरूरी होता जा रहा है या तो हम सरकारी सहूलतों को आसानी से पाना
चाहते है या काम न करके सिर्फ पैसा पाना चाहते है। ऊपरी मलाई अलग से ।वही प्राइवेट
,कॉर्पोरेट सेक्टर मे सहूलतों के साथ पैसा भी अधिक दिया जा
रहा है हा इसके लिए आपको पूरी ईमानदारी ,सजगता के साथ मेहनत
भी देनी होगी क्या ....?इसके लिए तैयार है या इनसे दूर भागने
की कोशिश का रास्ता ढुढने मे समय जाया करना ज्यादा लाभकारी समझते है।
भगवान ने इंसान को जन्म देने के साथ ही उसे पेट
भी दिया, ताकि कमाने-खाने और परिवार का पेट भरने में ही उसका
पूरा जीवन व्यतीत हो जाए। पेट की खातिर आदमी मेहनत-मजदूरी करता है कोई काम-धंधा
करता है या फिर नौकरी करता है। जिन्होंने अपने पूर्वजन्म में कुछ दान-पुण्य या
नेकी की हो उन्हें इस जन्म में सरकारी नौकरी प्राप्त होती है। सरकारी नौकरी मानव
जीवन को सार्थकता प्रदान करती है। आर्थिक सुरक्षा देती है। वैसे तो सरकारी
कर्मचारियों के लिए हर कार्य दिवस अवकाश जैसा ही होता है। इसके बावजूद 52 रविवारों
व कई तरह की धार्मिक-अधार्मिक छुट्टियों की सुविधा होती है।
वैसे इनमें यह
चमत्कारिक क्षमता भी होती है कि दफ्तर में गैर-हाजिर रहने के बावजूद उपस्थिति
रजिस्टर में इनकी हाजिरी दर्ज रहती है। यह कार्यालयों में आपसी सौहाद्र्र का सशक्त
उदाहरण है। लेकिन अनजाने मे ही सही हम अपना फायदा देख कर देश का ही नुकसान करते है
जिसका नुकसान अप्रतक्षय रूप से हमे ही होता है ।व्यक्ती का काम देरी से पूरा होगा मानसिक तकलीफ के साथ समय और
पैसे की भी बरबादी होगी ।
वैसे तो सरकार ने कर्मचारियों के लिए कई नियम-कायदे बनाए
हुए हैं मगर यदि कर्मचारी नियमानुसार काम करना शुरू कर दें तो सारा काम ही ठप्प हो
जाए। सरकारी नौकरी आपको सरकारी आदमी होने
का रुतबा प्रदान करती है। मौका आने पर एक बड़े सेठ को एक मामूली-सा इंस्पैक्टर
तिगनी का नाच नचा सकता है। उसकी कलम की मामूली जुंबिश आपको छठी का दूध याद दिला
सकती है। सरकारी नौकरी के साथ सबसे बड़ी फैसिलिटी यह है कि इसमें आपके काम के घंटे
तो निर्धारित होते हैं मगर न तो काम की मात्रा निर्धारित होती है और न ही समय
सीमा।सरकारी कर्मचारी के हाथ से यदि कुछ सही-गलत हो भी जाए तो उसके लिए आपको
जिम्मेदार ठहराना खुद सरकार के लिए टेढ़ी खीर होती है।
यदि आपका पद अच्छी ऊपरी
आमदनी देने वाला हो। विदेशी कर्ज और बजट घाटे के बोझ तले दबी सरकार एक झटके में
अपने बोझ से मुक्त हो सकती है।अगर आप अपनी मेहनत पर भरोसा रखे,अपने सपनों को पूरा करना छाते है , तो आप बहुत कुछ पा
सकते है बशर्ते इसके लिए आपको आलस छोड़ना होगा और अगर आप सपनों के भरोसे जीना चाहते
तो आप इन स्वादिष्ट व्यंजनों का प्रतिदिन रसास्वादन करना चाहें तो कोई अच्छी-सी
सरकारी नौकरी ढूंढ लीजिए।