- Back to Home »
- Judiciaries »
- फेसबुक का अधिक इस्तेमाल पहुचा सकता है....जेल.....
Posted by : achhiduniya
19 March 2015
सोशल मीडिया को सोशल ही रहने दें मनमानी का अड्डा न
बनाएं.......
किसी अन्य व्यक्ति के नाम
से एकाउंट बनाना और उसका फोटो इस्तेमाल करना कानूनी तौर पर गलत है। ऐसा करने पर
आईटी एक्ट की धारा 66सी के तहत तीन साल की सजा हो
सकती है। दूसरे व्यक्ति के एकांउट से छेड़छाड़, हैकिंग या फिर इस्तेमाल
करने पर भी आईटी एक्ट की धारा 67 के तहत सजा हो सकती है। सोशल
साइट्स पर किसी पोस्ट पर कमेंट या लाइक करने से पहले एक बार ध्यान से जरूर पढ़
लें। यदि कंटेट आपत्तिजनक है, तो उस पर कमेंट या लाइक बिल्कुल
ना करें।
बरेली के वुडरो स्कू्ल में 11 वीं कक्षा में पढ़ने वाले
आरोपी छात्र विक्की खान ने पोस्ट में आजम का फोटो भी लगाया है और उसके नीचे आजम
खान का नाम लिखा। पोस्ट में धार्मिक उन्माद पैदा करने और सांप्रदायिकता को बढ़ाने
वाली बात कही गई हैं जबकि आजम ने इस तरह की बात कभी नहीं कही है। आरोप है कि इस
पोस्ट से उनकी प्रतिष्ठा को धूमिल करने की कोशिश की गई।
अगर आपने ऐसी पोस्ट पर
कमेंट या लाइक किया तो कंटेट पोस्ट करने वाले के साथ-साथ आपको भी आईटी एक्ट के तहत
सजा हो सकती है। सोशल साइट्स पर कंटेंट पोस्ट करने
से पहले सोच-समझ लें। यदि आपका पोस्ट अश्लील, भड़काऊ, मानहानि करने वाला या
किसी की छवि खराब करने वाला है या उससे किसी की प्राइवेसी भी भंग होती है, तो आप पर आईटी एक्ट के
तहत कार्रवाई हो सकती है।
साम्प्रदायिक माहौल खराब करने वाला और अफवाह फैलाने वाला
कंटेंट पोस्ट न करें। किसी का मजाक बनाना, फोटो से छेड़छाड़, अश्लील टिप्पणी से भी आप
कानून के दायरे में फंस सकते हैं। ऐसा करने पर आपको आईटी एक्ट के तहत सजा हो सकती
है। एक्ट की धारा 66ए के तहत तीन साल की सजा और
पांच लाख का जुर्माना हो सकता है। सोशल साइट्स पर अश्लील सामग्री का आदान-प्रदान, किसी के सेक्सुअल एक्ट को
सर्कुलेट करना, चाइल्ड पोर्नोग्राफी देखना या
भेजना, किसी का ऑनलाइन शोषण करना भी
कानूनी तौर पर गलत है।
इससे जुड़ी शिकायत होने पर पांच साल की सजा और जुर्माना हो
सकता है। आईटी कानून आईटी यानी सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम इलेक्ट्रॉनिक संचार
माध्यमों के बीच होने वाली सूचना, जानकारी और आंकड़ों के आदान
प्रदान पर लागू होता है। इसी कानून में एक धारा है 66 ए है, जिसमें झूठे और आपत्तिजनक
संदेश भेजने पर सजा का प्रावधान है। इस धारा के तहत कम्प्यूटर और संचार उपकरणों से
ऐसे संदेश भेजने की मनाही है, जिससे परेशानी, असुविधा, खतरा, विघ्न, अपमान, चोट, आपराधिक उकसावा, शत्रुता या दुर्भावना
होती हो।
इसका उल्लंघन करने पर तीन साल तक की सजा और जुर्माना हो सकता है। अधिवक्ता
निर्मल मिश्रा का कहना है कि फेसबुक पर अगर आप कमेंट करते हैं तो आपकी पहचान हर
हाल में हो जाती है।
किसी का ऑनलाइन शोषण, किसी की छवि खराब करना, साम्प्रदायिकता, पोर्नोग्राफी आदि या किसी
गलत कंटेट पर लाइक और साइबर टेरेरिज्म का समर्थन आदि आपको मुसीबत में डाल सकता है।
इसलिए सोशल मीडिया को सोशल ही रहने दें मनमानी का अड्डा न बनाएं।[साभार]