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- बोलने की गुलामी से मिली आजादी.........
Posted by : achhiduniya
24 March 2015
सही मायने मे लोकतंत्र
की जीत..किसी की
गिरफ्तारी नहीं होगी.....
सुप्रीम कोर्ट ने आज सूचना
प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66A
पर ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए इसे
अंसवैधानिक घोषित करते हुए रद कर दिया। न्यायालय ने अहम फैसला सुनाते हुए कहा कि
आईटी एक्ट की यह धारा संविधान के अनुच्छेद 19(1) A का उल्लंघन है, जो कि भारत के
हर नागरिक को "भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार" देता है।
कोर्ट ने कहा, धारा 66A
अभिव्यक्ति की आजादी के मूल अधिकार
का हनन है। अदालत के आदेश के बाद अब फेसबुक, ट्विटर, लिंकड इन, व्हाट्स एप
सरीखे सोशल मीडिया माध्यमों पर कोई भी पोस्ट डालने पर किसी की गिरफ्तारी नहीं
होगी। इससे पहले धारा 66A के तहत पुलिस को ये अधिकार था कि वो इंटरनेट पर लिखी गई
बात के आधार पर किसी को गिरफ्तार कर सकती थी।
सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिकाओं में
आईटी एक्ट की धारा 66A को चुनौती दी गई थी। कानून अभिव्यक्ति की आज़ादी और
व्यक्तिगत स्वतंत्रता के मौलिक अधिकारों के खिलाफ है, इसलिए यह असंवैधानिक
है। याचिकाओं में ये मांग भी की गई है कि अभिव्यक्ति की आज़ादी से जुड़े किसी भी
मामले में मजिस्ट्रेट की अनुमति के बिना कोई गिरफ़्तारी नहीं होनी चाहिए।