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- क्यू...? होती है पथरी.....[किडनी स्टोन]
Posted by : achhiduniya
18 March 2015
जिसके कारण किडनी में पथरी बनने का ख़तरा बढ़.......
शायद ही कभी हम पथरी को बढ़ते हुए तापमान और आद्रता से संबंधित करते हैं। गर्मियों में तापमान बढ़ने के कारण पथरी की बीमारी के मामलों में लगभग 60% तक की वृद्धि हो जाती है। जलवायु, तापमान और आद्रता के पथरी की समस्या को बढ़ाने में सहायक होते हैं। वे लोग जो गर्म वातावरण में काम करते हैं या ऐसा कुछ काम करते हैं जिसमें वे अधिक मात्रा में पानी नहीं पी सकते, उन्हें पथरी होने की संभावना अधिक होती है। विशेष रूप से जलवायु में परिवर्तन होने पर तापमान में 4 से 8 डिग्री की वृद्धि होने के कारण पथरी की समस्या 40% बढ़ जाती है। ऐसा देखा गया है कि जब लोग सामान्य तापमान के क्षेत्र से गर्म जलवायु के क्षेत्र में स्थानांतरित होते हैं तो पथरी होने की समस्या अधिक हो जाती है।
डिहाईड्रेशन के कारण भी पथरी की समस्या हो सकती है। डिहाईड्रेशन की तकलीफ तापमान बढ़ने के कारण ही होती है। ऐसा तब होता है जब पसीने के कारण शरीर से पानी बहुत अधिक मात्रा में निकल जाता है तथा शरीर में हुई पानी की इस कमी की पूर्ति के लिए लोग उचित मात्रा में पानी नहीं पीते। पानी की कमी के कारण मूत्र की सांद्रता बढ़ जाती है, जिसके कारण किडनी में पथरी बनने का ख़तरा बढ़ जाता है। दिन में तथा रात को सोने के पहले भरपूर पानी पीयें ताकि 24 घंटे आपका शरीर हाईड्रेटेड रहे।
यदि आप प्रत्येक दो घंटे में मूत्र त्याग नहीं करते तो इसका अर्थ है कि आप उचित मात्रा में पानी नहीं पी रहे हैं। नीबू का शरबत पीयें क्योंकि ऐसा देखा गया है कि इससे पथरी की संभावना बहुत कम होती है। उन पदार्थों का सेवन कम करें जिनमें ऑक्सालेट अधिक मात्रा में होता है। एक एसिड जिसके कारण कैल्शियम ऑक्सालेट किडनी स्टोन बनता है। इनमें पीने का सोडा, आइस टी, चॉकलेट, रुबाब एक प्रकार का फल, स्ट्रॉबेरीज़ और नट्स शामिल हैं। कैफ़ीन का सेवन कम करें क्योंकि भले ही आप ऐसा सोचते हैं कि आप बहुत मात्रा में तरल पदार्थ ले रहे हैं परन्तु अधिक कैफीन के कारण डिहाईड्रेशन हो सकता है।
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नमक का सेवन कम करें और इसे एक नियमित आदत बनायें। अपने डॉक्टर से उन दवाईयों के बारे में पूछे जो आपको पथरी से बचाने में सहायक हो। इसमें वे दवाईयां आती हैं जो मूत्र में एसिड, अल्कली और सिस्टइन को नियंत्रित करती हैं,ये सभी कारक किडनी में पथरी बनाने में सहायक होते हैं। ध्यान दें कि जानवरों से मिलने वाले प्रोटीन जिसमें मांस, अंडे और मछली शामिल हैं, आप कितनी मात्रा में ले रहे हैं।
इन खाद्य पदार्थों में प्युरीन्स होते हैं जो प्राकृतिक पदार्थ हैं तथा ये चयापचय की प्रक्रिया में यूरिक एसिड में टूट जाते है। सलाद अधिक मात्रा में खाएं क्योंकि इससे ठंडक का स्तर बना रहता है।
कसरत करें, वज़न कम करें तथा स्वस्थ रहें।जब भी आपको मूत्र त्यागने मे दर्द या ज्यादा दिक्कते आती है तो तुरंत डाक्टर से संपर्क करे।