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- क्यू....? होते है मर्द बलत्कारी.....
Posted by : achhiduniya
04 March 2015
बलात्कार एक तरह की हिंसा..... अपनी ताकत
दिखाने जैसा....
दिन प्रतिदिन महिलाओ पर हो रहे अत्याचार के चलते सोशल मीडिया पर
महिलाओं ने यौन दुराचार और बलात्कार की बातें खुलकर साझा की जा रही है। बीबीसी
तुर्की ने तुर्की की मनोविज्ञान की प्रोफ़ेसर साहिका यूकसेल से बलात्कारी के यौन
व्यवहार पर बात की। यह मानना बिल्कुल गलत है कि मर्द अपने यौन जरूरतों के लिए
बलात्कार करते हैं। बलात्कार एक यौन क्रिया नहीं है। बलात्कार एक तरह की हिंसा है।
यह हावी होने के मकसद से किया जाता है। यह किसी चीज पर अपनी पकड़ मजबूत करने जैसा
है और इस सोच के तहत औरत एक सामान की तरह होती है।
यह अपनी ताकत दिखाने जैसा है और
बिल्कुल कुछ लोग ऐसे हो सकते हैं जिन्हें इसमें मजा आता है। असल में बलात्कार एक
संगीन अपराध है लेकिन सिर्फ यही एक जुल्म नहीं है जो मर्द, औरतों पर करते हैं। जब वे औरतों पर मानसिक और शारीरिक हिंसा करते हैं,
उन्हें आर्थिक रूप से दबाते हैं, उनका अपमान
करते हैं, उनके साथ भेदभाव करते हैं तो फिर आखिरकार बलात्कार
भी करते हैं। बच्चे अक्सर एक पुरुषवादी माहौल में पलते-बढ़ते हैं। एक औरत को उसके
पति की मनमानी माननी होती है। इसकी वजह से यह व्यवहार उनके बच्चों में भी दिखता
है।
वे लड़कियां जिनकी माएं घर के अंदर हिंसा की शिकार होती हैं वे भी अपने
वैवाहिक जीवन में अक्सर ऐसी हिंसा की शिकार होती हैं। जिन लड़कों की माएं घर में
पिता के हाथों हिंसा की शिकार होती हैं वे भी अपने वैवाहिक संबंध में हिंसक होते
हैं। समाज में लड़कों-लड़कियों का व्यवहार इससे तय होता है कि उनकी मांओं के साथ
उनके पिता कैसे पेश आते हैं। यह समस्या करीब-करीब पूरी दुनिया में एक जैसी ही है।कोई
भी इसे तब तक नहीं बदल सकता जब तक कि वह यह न माने कि उसने गलती की है और वे उस
गलती के लिए जिम्मेवार हैं। अगर वे ऐसे व्यवहार का दोषी पाया जाता है और कहता है
कि वह ऐसा नहीं करना चाहता था तो ऐसी हालत में वह कभी नहीं बदल सकता। ऐसे मर्दों
की तादाद बहुत कम है, जो बिना गलती किए अपने अंदर ऐसी
प्रवृत्ति को भांप लेते हैं और मदद की गुहार करते हैं।
हर किसी को सुधरने का और एक
सामान्य जीवन जीने का अधिकार है। इसके लिए दुनिया भर में कई सारे सुधार कार्यक्रम
हैं। उन लोगों में दुबारा यौन हिंसा करने की गुंजाइश कम होती है जो ऐसे
कार्यक्रमों में शामिल होते हैं। इस तरह के सुधार कार्यक्रम कम उम्र के यौन
अपराधियों के लिए विशेष तौर पर फायदेमंद हैं। मैं कहना चाहूंगी कि यौन अपराधियों
के लिए मौत की सजा मानवीय नहीं है। संयुक्त राज्य अमेरिका के जिन राज्यों में मौत
की सजा का प्रवधान है वहां ऐसा नहीं है कि अपराध दर कम है। हम अक्सर बलात्कार की
घटना के बाद ऐसी बातें सुनते हैं, लेकिन हमारा उद्देश्य एक
ऐसे समाज का निर्माण नहीं है जो बदले की भावना पर आधारित हो।
हमारा मकसद ऐसा समाज
बनाना है जो यौन अपराध और बलात्कार जैसी घटनाओं से मुक्त हो। ऐसे समाज में जहां
सेक्स पर पाबंदियां हों और शादी से पहले यौन संबंध की निंदा हो वहां यौन हिंसा की
कभी रिपोर्ट नहीं की जाती। एक बलात्कारी यह अच्छी तरह जानता है इसलिए वह औरत को
धमका सकता है, ब्लैकमेल कर सकता है। ऐसे में पीड़ित महिला को
कानून का सहारा लेना चाहिए। उसे अपने दोस्तों और नजदीकियों से बात करनी चाहिए। यह
नहीं कि ऐसी हिंसा पर चुप रहा जाए। यौन हिंसा की वजह से कई तरह की शारीरिक
समस्याएं, यौन संक्रामक रोग और गर्भ ठहरने जैसी समस्याएं हो
सकती है। इसलिए जरूरी है कि बलात्कार की शिकार महिला जल्द से जल्द कदम उठाए।साभार]