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- बुरा न मानो होली है........ होली मुबारक......
Posted by : achhiduniya
05 March 2015
सच्चाई की जीत का प्रतीक.....
वह अपने पिता को सही मार्ग दिखाने का प्रयास करने लगा। यह बात हिर्णया कश्यप को रास नही आई और उसने अपने पुत्र को मारने के सारे यत्न करने लगा।
हिर्णया कश्यप की बहन होलिका को वर था कि उसे अग्नि जला नही
सकती जिसके चलते होलिका प्रलहाद को गोद मे लेकर अग्नि मे बैठ गई।जैसे –जैसे अग्नि
प्रचंड रूप धारण करने लगी। हिर्णया कश्यप की बहन होलिका इस अग्नि की प्रचंडता को बर्दाश नही कर पाई और जल कर भस्म
हो गई।इस प्रकार ईश्वर ने भक्त की रक्षा की।
ईश्वर ने हिर्णया कश्यप को नरसिंह के रूप मे अवतार लेकर अंत कर सच्चाई को विजय दिलाई।तभी से होलिका दहन की प्रथा कायम हो गई। वैज्ञानिक दृष्टि से देखा जाये तो शरद की समाप्ति और ग्रीष्म ऋतु के प्रवेश का संकेत देती है होली। सूर्य अपनी पूरी रौ पर होता है और ऊर्जा देता है। पृथ्वी की उर्वरता भी बढ़ती है।
इस तरह से ऋतु, सूर्य, पृथ्वी की गंध से मनुष्य का हृदय पुलकित हो उठता है, उस पर होली का रंग सोने पे सुहागा का काम करता है। शास्त्री बताते है कि होली बंसत ऋतु के बाद आती है जो कि लोगो के सिर पर चढकर बोलती है।
जबकि सहित्य में भी राधाकृष्ण की हमजोली का वर्णन भी दिया हुआ है। होली मनुहार,खुशमिजाज,अठखेलियां करने का दिन होता है।
ईश्वर ने हिर्णया कश्यप को नरसिंह के रूप मे अवतार लेकर अंत कर सच्चाई को विजय दिलाई।तभी से होलिका दहन की प्रथा कायम हो गई। वैज्ञानिक दृष्टि से देखा जाये तो शरद की समाप्ति और ग्रीष्म ऋतु के प्रवेश का संकेत देती है होली। सूर्य अपनी पूरी रौ पर होता है और ऊर्जा देता है। पृथ्वी की उर्वरता भी बढ़ती है।
इस तरह से ऋतु, सूर्य, पृथ्वी की गंध से मनुष्य का हृदय पुलकित हो उठता है, उस पर होली का रंग सोने पे सुहागा का काम करता है। शास्त्री बताते है कि होली बंसत ऋतु के बाद आती है जो कि लोगो के सिर पर चढकर बोलती है।
जबकि सहित्य में भी राधाकृष्ण की हमजोली का वर्णन भी दिया हुआ है। होली मनुहार,खुशमिजाज,अठखेलियां करने का दिन होता है।