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- सेहत से जुड़ी अहम जानकारी जरूर पड़े....
Posted by : achhiduniya
01 April 2015
मित्रो सेहत के प्रती
सजग रहना बहुत जरूरी है इसके लिए छोटे लेकिन
मोटे काम
के नुस्के जरूर आजमाने चाहिए।
आईए एक नजर डालते है इन पर @ 90 प्रतिशत
रोग केवल पेट से होते हैं। पेट में कब्ज नहीं रहना
चाहिए। अन्यथा रोगों की कभी
कमी नहीं रहेगी। @ कुल 13 अधारणीय वेग हैं @ 160 रोग
केवल मांसाहार से होते
है। @ 103 रोग भोजन के बाद जल पीने से होते हैं। भोजन के 1 घंटे बाद ही जल
पीना
चाहिये। @ 80 रोग चाय पीने से होते हैं। @ 48 रोग ऐलुमिनियम के
बर्तन या
कुकर के खाने से होते हैं। @ शराब, कोल्डड्रिंक और चाय के सेवन से हृदय रोग होता
है। @ अण्डा खाने से
हृदयरोग, पथरी और गुर्दे खराब
होते हैं। @ ठंडेजल (फ्रिज)और
आइसक्रीम से बड़ीआंत सिकुड़ जाती है। @ मैगी, गुटका, शराब, सूअर का माँस, पिज्जा,
बर्गर, बीड़ी, सिगरेट, पेप्सी, कोक से बड़ी आंत सड़ती है। @ भोजन के पश्चात्
स्नान
करने से पाचनशक्ति मन्द हो जाती है और शरीर कमजोर हो जाता है। @ बाल
रंगने वाले
द्रव्यों(हेयरकलर) से आँखों को हानि (अंधापन भी) होती है। @ दूध(चाय)
के साथ
नमक(नमकीन पदार्थ) खाने से चर्म रोग
हो जाता है। @ शैम्पू, कंडीशनर
और विभिन्न प्रकार के तेलों से बाल पकने, झड़ने और दोमुहें
होने लगते हैं। @ गर्म
जल से स्नान से शरीर की प्रतिरोधक शक्ति कम हो जाती है और शरीर कमजोर हो
जाता है। गर्म जल सिर पर डालने से आँखें
कमजोर हो जाती हैं। @ टाई बांधने से
आँखों और मस्तिश्क हो हानि पहुँचती है। @ खड़े होकर जल पीने
से घुटनों(जोड़ों) में
पीड़ा होती है। @ खड़े होकर मूत्रत्याग
करने से रीढ़ की हड्डी को हानि होती है।
@
भोजन पकाने के बाद उसमें नमक डालने से रक्तचाप (ब्लडप्रेशर)
बढ़ता है। @ जोर
लगाकर छींकने से कानों को क्षति पहुँचती है। @ मुँह से साँस लेने पर आयु कम
होती है। @ पुस्तक पर अधिक
झुकने से फेफड़े खराब हो जाते हैं और क्षय(टीबी)
होने का डर रहता है। @ चैत्र माह में नीम
के पत्ते खाने से रक्त शुद्ध हो जाता है
मलेरिया नहीं होता है। @ तुलसी के सेवन से
मलेरिया नहीं होता है। @ मूली
प्रतिदिन खाने से व्यक्ति अनेक रोगों से मुक्त रहता है। @ अनार आंव, संग्रहणी,
पुरानी खांसी व हृदय
रोगों के लिए सर्वश्रेश्ठ है। @ हृदयरोगी के लिए अर्जुनकी छाल,
लौकी का रस, तुलसी, पुदीना, मौसमी, सेंधा नमक, गुड़, चोकरयुक्त आटा, छिलकेयुक्त
अनाज
औशधियां हैं। @ भोजन के पश्चात् पान, गुड़ या सौंफ खाने से
पाचन अच्छा
होता है। अपच नहीं होता है। @ अपक्व भोजन (जो आग
पर न पकाया गया हो) से
शरीर स्वस्थ रहता है और आयु दीर्घ होती है। @ मुलहठी चूसने से कफ
बाहर आता
है और आवाज मधुर होती है। @ जल सदैव ताजा(चापाकल, कुएं आदि का) पीना
चाहिये, बोतलबंद (फ्रिज)
पानी बासी और अनेक रोगों के कारण होते हैं।
मित्र तरुण जी के व्यक्तिगत ज्ञान के आधार पर मेल से प्राप्त जानकारी।