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- चले.... महाबलेश्वर की खूबसूरती, बेहतरीन नजारे, भव्य मंदिर और.........
Posted by : achhiduniya
14 April 2015
शिवाजी की 17 फुट ऊंची प्रतिमा देखने…..
आइए आज आप और हम महाराष्ट्र के सुप्रसिद्ध
मंदिर और इतिहास से जुड़े कुछ पहलुओ के साथ रूबरू होते हुए सैर करे। हिंदुओं के मशहूर मंदिर
महाबलेश्वर के नाम पर ही इस जगह का महाबलेश्वर नाम रखा गया। तीर्थयात्री यहां आकर पूजा-पाठ
करते हैं। महाबलेश्वर का इतिहास हमें 1215 की याद दिलाता है, जब देवगौरी के राजा सिंहण
यहां आए थे।
बाद में महाबलेश्वर पर मराठों का शासन हुआ और 16वीं शताब्दी में उन्होंने
महाबलेश्वर मंदिर का निर्माण करवाया। छत्रपति शिवाजी ने 1656 में मशहूर किला प्रतापगढ़
का निर्माण करवाया। यहां भवानी देवी का एक मंदिर भी है और साथ में शिवाजी की 17 फुट ऊंची प्रतिमा भी
स्थापित है। .jpg)
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मराठों के शासन के बाद अंत में महाबलेश्वर पर पेशवाओं की हुकूमत हुई
और यह करीब 19वीं
शताब्दी तक रही। यहां का वातावरण मन को शीतल
करता है। इस जगह जो भी आता है, वह खूबसूरत यादें लेकर यहां से जाता हैं। महाबलेश्वर की
खूबसूरती, बेहतरीन
नजारे, भव्य
मंदिर और आकर्षक दृश्य देशभर के पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करते हैं।
महाबलेश्वर का मौसम पूरे साल मनोहर रहता है इसलिए यहां किसी भी मौसम में जाया जा
सकता है। गर्मियों में यहां का तापमान 16 डिग्री से 20 डिगी के बीच होता हैं।
सर्दी में तापमान थोड़ा नीचे आ जाता हैं। गर्मियों में काटन के कपड़े और सर्दियों
में हल्के गर्म कपड़े ले जा सकते हैं। महाराष्ट्र के सतारा जिला स्थित यह जगह
ब्रिटिश शासकों के लिए गर्मी से बचने की जगह हुआ करती थी। ब्रिटिश अक्सर गर्मी के
दिनों में महाबलेश्वर ही आकर रहते थे।
महाबलेश्वर में देखने के लिए बहुत कुछ है। यहां
चारों तरफ हरियाली इस पर्यटन स्थल की खूबसूरती बढ़ा देती है। यहां बेहतरीन हिल स्टेशन
हैं जिन्हें बार-बार देखने की इच्छा होती है। माउंट मैकम, कैथलिक चर्च, महाबलेश्वर क्लब, मोराजी किलर और प्रतापगढ़
किला यहां की खास जगहों में शामिल हैं। .jpg)
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यहां कई दर्शनीय स्थल भी हैं जैसे लाडविक
प्वाइंट और कैरनैक प्वाइंट। विल्सन प्वाइंट महाबलेश्वर की सबसे आकर्षक चोटियों में
से एक है। यह चोटी आपको घाटी के बीचों-बीच ले जाकर अद्भुत नजारा दिखाती है। उत्तर
में यहां पुराना महाबलेश्वर और एल्फिस्टन प्वाइंट का नजारा देखा जा सकता है, तो पूरब में पांडवगढ़ और
कृष्णा घाटी का विहंगम दृश्य देख सकते हैं। मुंबई से 257 किलोमीटर दूर और पुणे से 120 किलोमीटर दूर और समुद्रतल
से 1,430 मीटर ऊपर महाबलेश्वर अपने खास मंदिर महाबलेश्वर मंदिर और कृष्णा
मंदिर के लिए प्रसिद्ध है।
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मंदिर से थोड़ी दूरी पर एक काला पत्थर है, जिसे वहां के लोग और आने
वाले तीर्थयात्री बेहद पवित्र मानते हैं। महाबलेश्वर अन्य शहरों से जुड़ा हुआ है
इसलिए यहां की खूबसूरती का बेहतरीन नजारा देखा जा सकता है।
महाबलेश्वर से पंचगनी
थोड़ी दूरी पर है। पंचगनी की खूबसूरत हरियाली और हरे-भरे ओक के पेड़ भी देखते ही
बनते हैं। यहां आप टैªकिंग
और हाइकिंग का भी मजा ले सकते हैं। यहां के ब्लैकबेरी, स्ट्राबेरी, फ्रूट जैम और जैली दुनिया
भर में मश्हूर हैं। महाबलेश्वर में आपको मन की शांति मिलती है।
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