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- युवा करे पहल तो.......खेती के साथ पैसा भी......?
Posted by : achhiduniya
14 April 2015
कृषि क्षेत्र को अपना करियर विकल्प चुनकर मिट्ठी
की खुशबू के साथ......
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देश मे किसानो की दशा से कोई अनजान नही जहा
एक तरफ बे मौसम बारिश का कहर उस पर कर्जे के बोझ तले जीवन के कारण हो रही परेशानी
से आत्म हत्या के सिवा कोई विकल्प न सूझना ।
देश के युवाओ को इस ओर आने के लिए प्रोत्साहित करने की जरूरत है। भारत आज
भी एक कृषि प्रधान देश है, लेकिन ऐसा नहीं है कि कृषि
केवल पारंपरिक किसानों के लिए ही है। आज के युवा भी आधुनिक तरीके से खेती करके या
एग्रीकल्चर से जुड़े काम करके अच्छे पैसे कमा सकते हैं।
वैज्ञानिक तरीके से ऐसी
खेती करने से आत्म-सम्मान के साथ-साथ समाज में एक अलग पहचान और बेहतर मुनाफे के
रास्ते भी खुले हैं। देश की काफी बड़ी आबादी आज भी कृषि क्षेत्र से ही रोजगार पाती
है। कृषि क्षेत्र में मौजूद विकास की व्यापक संभावनाओं को भांपते हुए आईटीसी,
मोनसेंटो और रिलायंस जैसी बड़ी कंपनियां इस क्षेत्र में उतर चुकी
हैं। फसलों से जुड़े शोध कार्यक्रमों में भी कृषि विशेषज्ञों की मांग तेजी से बढ़
रही हैं।
ऐसे में इस कृषि क्षेत्र को अपना करियर विकल्प चुनकर मिट्ठी की खुशबू के साथ रहते हुए अपने करियर को सुगंधित
कर सकते हैं। पारंपरिक फसलों की जगह अगर नकदी फसलों का उत्पादन करते हैं तो उसे
आसानी से देश-विदेश में एक्सपोर्ट कर सकते हैं। सरकार द्वारा इसके लिए कई तरह की
कोशिशें की जा रही हैं। जरूरत है तो सिर्फ सही तरीके से उत्पादन और उसे सही बाजार
तक पहुंचाने की।
एक बार सही मार्केट का रास्ता मिल जाने के बाद उत्पाद हाथों-हाथ
बिक जाएगा। कृषि से आपको लगाव है लेकिन किसी वजह से इस क्षेत्र में आने से संकोच
कर रहे हैं, तो आप नए व आधुनिक तरीके से नकदी फसलों की खेती
कर कृषि उत्पादों की बेहतर मार्केटिंग व निर्यात करते हुए आकर्षक मुनाफे के
साथ-साथ कृषि क्षेत्र और अपने करियर को एक बेहतर आयाम दे सकते हैं।
पिछले कुछ समय
में ऑर्गेनिक खाद्य पदार्थों की काफी डिमांड बढ़ी है। डिमांड के मुकाबले काफी कम
उत्पादन हो रहा है। ऐसे में इस कार्य को करके आप बेहतर मुनाफा कमा सकते हैं। मशरूम
को सफेद सोना कहा जाता है। मशरूम का सफल
उत्पादन दो से तीन महीने में आसानी से हो जाता है।
मशरूम की बुआई से लेकर कटाई तक
में लगभग दो-तीन महीने का समय लगता है। इतने समय में इसका अच्छा उत्पादन किया जा
सकता है। मशरूम के कई प्रोडक्ट की मार्केट में काफी डिमांड है। मशरूम की खेती को
छोटी जगह और कम लागत में आसानी से शुरू किया जा सकता है और कम लागत में ज्यादा
मुनाफा कमाया जा सकता है। फूलों के बगैर कोई भी पार्टी या फंक्शन अधूरा-सा लगता
है। फूलों की मांग दिन-प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है। फूलों की बढ़ती मांग ने फूलों
के कारोबार को काफी विकसित किया है।
बीते कुछ सालों में इस क्षेत्र में काफी विकास
हुआ है। खुद की नर्सरी खोल कर अच्छी कमाई की जा सकती है। इसके अलावा फ्लोरल
डिजाइनर, लैंडस्केप डिजाइनर, फ्लोरीकल्चर
थेरेपिस्ट, फार्म या स्टेट मैनेजर, प्लांटेशन
एक्सपर्ट, प्रोजेक्ट कोआर्डिनेटर के साथ आप रिसर्च और टीचिंग
भी कर सकते हैं। लोगों का रुझान एक बार फिर से आयुर्वेद की तरफ बढ़ा है। नित नई
आयुर्वेदिक दवा कंपनियां खुल रही हैं, जिन्हें आयुर्वेदिक
औषधियों की हमेशा जरूरत रहती है।
आप चाहें तो नीम, तुलसी,
एलोवेरा, अश्वगंधा, मुलेठी
जैसे कई आयुर्वेदिक औषधियों की पैदावार कर बेहतर कमाई कर सकते हैं। वैश्विक समस्या
का रूप ले रहे खाद्यान्न संकट ने इस क्षेत्र को शोध संस्थाओं की प्राथमिकता का
केंद्र बना दिया है।
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद सहित देश की तमाम कृषि शोध
संस्थाएं कृषि उत्पादकता बढ़ाने वाली तकनीकें और फसलों की ज्यादा उपज देने वाली
प्रजातियां विकसित करने में जुटी हैं।