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- जाने चीन के डाकघर व भारतीय कब...? कहा....? कितने....?
Posted by : achhiduniya
06 April 2015
इंडियंस आम
तौर पर बिजनेस करते हैं या...........
आज तकनीकी के युग मे जहा हम मोबाईल फोन,मैसेज,वाटसप,ईमेल
का इस्तेमाल
करते है वही आज भी डाक घर की सेवा व उसके महत्व को नकारा नही जा सकता।
बेशक चिट्ठी लिखने का दौर अब गुजरे जमाने की बात हो लेकिन आज भी डाकिए का
वर्चस्व कायम
है चाहे वह देश हो या विदेश तीन हजार वर्ष पहले चीन में ऐसी
व्यवस्था
मौजूद थी,जो विश्व में सबसे पुरानी है। आधुनिक डाक
सेवा का जन्म ब्रिटेन
में हुआ ।चीन में आधुनिक डाक सेवा सबसे पहले मार्च 1878 में उत्तर चीन के थ्येन
चिन शहर में शुरू हुई
।जुलाई 1878 में चीन के छिंग राजवंश ने पहली सेट वाली
डाक टिकटें जारी कीं ।लेकिन राष्ट्रीय डाक सेवा की शुरुआत वर्ष 1896 से हुई। चीनी
डाक की कुल
शाखाओं की संख्या 57,000 से ज्यादा है ,जो देश भर में
फैले हैं । इन
शाखाओं में से 41 हजार से ज्यादा
गावों में स्थित है ।चीनी डाक तरह-तरह की सेवाएं
प्रदान करता है ,जैसे मेल भेजना व पहुंचाना ,डाक टिकट जारी करना व बेचना
,पुस्तक व मैगजीन इत्यादि ।मैसेज व मेल भेजने की
व्यवस्था चीन में काफी पहले
शुरू हो चुकी थी । चीन में स्थाई रूप से रहने वाले इंडियंस आम तौर पर बिजनेस
करते हैं या नौकरी। जिनमें इंजीनियर, आईटी, फार्मा सेक्टर, बैंक आदि प्रमुख हैं। वहीं
चीनी
भाषा का अध्ययन करने वाले छात्रों की संख्या भी बहुत है। इधर के कुछ सालों
में चीन
भारत संबंधों के तेज विकास के साथ साथ दोनों देशों के बीच लोगों की
आवाजाही भी
तेजी से बढ रही है। स्थायी रूप से रहने वाले भारतीयों की संख्या 30
से 40 हज़ार के बीच बतायी जाती है।
अकेले राजधानी बीजिंग में ही 2 से 3 हज़ार
भारतीय लोग रहते हैं। हालांकि वर्ष 2010 की जनगणना के वक्त चीन में रहने
वाले
कुल भारतीयों की संख्या 15000 से ज्यादा थी। बीजिंग,क्वांगचो, शनचन व शांगहाई
जैसे बडे शहरो में
तमाम भारतीय रहते हैं, जिनमें
दक्षिण चीन के क्वांगचो शहर में
भारतीयों की संख्या सबसे ज्यादा है।[criआभार]