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- देश मे बड़ता नकल और फर्जी डिग्रीरियों का कारोबार........कौन जिम्मेदार.......?
Posted by : achhiduniya
30 April 2015
जिस देश के नेता ही फर्जी डिग्रीयों का सहारा लेंगे तो आने वाले समय मे देश को बैसाखी का सहारा लेना पड़ सकता है..........
हाल ही मे कुछ वक्त पहले यह खबरे बड़े चिंता और चिंतन का विषय बन गई थी की कैसे बिहार मे लोग अपने सगे संबधियों को स्कूल और कलेजो मे नकल पहुचाने के लिए इमारतों तक चड़ गए वो भी पुलिस की मिली भगत व प्रशासन को ठेंगा दिखाकर। बात नकल तक सीमित हो तो सक्ती से निपट कर समाधान निकाला जा सकता है लेकिन “[माली] बाग का रखवाला ही फूलो का दुश्मन बन जाए तो उस बाग को उजड़ने से कौन.....? बचा सकता है”।
कहने का मकसद ये है की विद्यार्थियो के भविष्य से अगर शिक्षक ही खिलवाड़ करे तो उस विद्यार्थी को कौन....? सही रास्ता दिखेगा। बिना पढाई के नकल से पास या बिना स्कूल या कॉलेज जाए अगर घर बैठे ही डिग्रीया मिले तो कौन बेवकूफ अपना समय पढाई करके बर्बाद करना पसंद करेगा। सिर्फ शिक्षको को दोष देना ठीक नही क्योकि खुद नेताओ की डिग्रीया फर्जी होने के कई मामले सामने आए है जैसे:- केंद्रीय मानव संसाधन विकास व शिक्षा मंत्री...स्मर्ति ईरानी, और हाल के ताजा खबर के अनुसार तिलका मांझी भागलपुर विश्वविद्यालय की लॉ की डिग्री की तरह ही दिल्ली सरकार के कानून मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर की बीएससी की भी डिग्री फर्जी है।
बीएससी की डिग्री में फर्जीवाड़े की पुष्टि साकेत महाविद्यालय के जनसूचना अधिकारी डॉ- उदय सिंह के पत्र से होती है। यहां डॉ- राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय से सम्बद्ध साकेत महाविद्यालय में वर्ष 1985 से 1992 तक के बीएससी प्रथम व द्वितीय वर्ष के प्रवेश रजिस्टर में तोमर का नाम ही नहीं दर्ज है।
आरटीआई कार्यकर्ता विनय प्रकाश सिंह की ओर से मांगी गई सूचना के जवाब में डॉ- उदय सिंह ने बताया है कि जितेंद्र सिंह तोमर पुत्र बलवीर सिंह तोमर ने बीएससी प्रथम व द्वितीय वर्ष में प्रवेश ही नहीं लिया था। उनकी ओर से स्नातक की परीक्षा उत्तीर्ण करने का कोई प्रश्न ही नहीं उठता है।जिस देश के नेता ही फर्जी डिग्रीयों का सहारा लेंगे तो आने वाले समय मे देश को बैसाखी का सहारा लेना पड़ सकता है।