- Back to Home »
- State News »
- गौमांस प्रतिबंध पर अदालत और कारोबारी आमने सामने.......
Posted by : achhiduniya
30 April 2015
महाराष्ट्र पशु संरक्षण (संशोधन) कानून गाय, भैंस और बैलों के वध और इनके मांस को रखने एवं उसका उपभोग प्रतिबंधित करता है। याचिकाओं के अनुसार, यह मांस के आयात पर प्रतिबंध लगाता है।अदालत ने राज्य को निर्देश दिए हैं कि वह याचिकाओं के लंबित रहने तक या तीन माह तक उन व्यापारियों के खिलाफ कोई कड़ी कार्रवाई न करे, जिनके पास से गौमांस बरामद किया गया है या जो इसके परिवहन में शामिल रहे हैं।
वही बंबई हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र में गौमांस पर प्रतिबंध संबंधी कानून के कुछ प्रावधानों पर रोक लगाने से इनकार कर दिया, लेकिन साथ ही सरकार को ताकीद की कि वह इस मांस के साथ पाए जानेवाले लोगों के खिलाफ कोई आक्रामक कार्रवाई नहीं करे। इस कानून के अनुसार, इन जानवरों का वध राज्य से बाहर करके यहां लाने पर भी यह प्रतिबंध प्रभावी रहेगा।
अदालत ने कहा कि सरकार यह पता लगाने के लिए नागरिकों की निजता का हनन न करे कि उनके पास गौमांस या अन्य किसी तरह का मांस तो नहीं है। गोमांस विक्रेताओं का आरोप है कि राज्य सरकार के प्रतिबंध से इस कारोबार में लगे हजारों लोग बेरोजगार हो जाएंगे तथा बकरे का मांस, मुर्गे का मांस और मछली जैसे अन्य मांसाहारी उत्पादों के दाम बढेगे संबंधित कारोबारी प्रभावित होंगे।
इससे न केवल उपभोक्ताओं को नुकसान पहुंच रहा है बल्कि किसानों,
कारोबारियों, चमडा उद्योग और कई अन्य लोग भी इससे प्रभावित हो रहे हैं।
.jpg)
.jpg)
.jpg)
.jpg)
.jpg)