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- टीवी, फ्रिज, वाशिंग मशीन, सोने के गहने नहीं एक रेडीमेड टॉयलेट चाहिए.......
Posted by : achhiduniya
24 May 2015
माता-पिता ने उपहारस्वरूप दहेज मे दिया रेडीमेट टॉयलेट......
कुछ सप्ताह पहले
अकोला की चैताली डी. गलाखे का विवाह यवतमाल के देवेंद्र मखोडे के साथ तय हुआ था। चैताली
को कहीं से यह पता चला कि उसके भावी ससुराल में शौचालय नहीं है। चैताली के पिता
किसान हैं और उनके घर में शौचालय है। उसने सीधे शब्दों में अपने परिवार वालों से
कहा,मुझे टीवी,
फ्रिज, वाशिंग मशीन, सोने के गहने
नहीं चाहिए.. मैं एक रेडीमेड टॉयलेट चाहती हूं, जिसे मैं अपने
साथ ससुराल ले जा सकूं। यह अनोखा मामला महाराष्ट्र
अकोला
जिले के बालापुर तहसील स्थित अंदुरा गांव में एक
शादी के दौरान सामने आया।
दुल्हन को शादी में शौचालय उपहारस्वरूप भेंट किया गया। जिस लड़की की शादी हो रही थी, उसके ससुराल में शौचालय नहीं था और
दुल्हन के माता-पिता ने उपहारस्वरूप अपनी बेटी को रेडीमेड टॉयलेट यानी पानी की
व्यवस्था वाली कोठरी में बना शौचालय, एक वाश
बेसिन और आईना उपहार में दिया। चैताली ने शादी
के दौरान अनोखा उपहार पाने के बाद वहां मौजूद संवाददाताओं को बताया, "शादी की बात पक्की करते समय मुझे पता नहीं था लेकिन बाद में पता चला
कि मेरे ससुराल में शौचालय नहीं है,तब मैंने अपने माता-पिता और बहनों से इस बारे में बात की।
शुरुआत में
तो चैताली के पिता दिलीप गलाखे को बेटी की मांग अजीब लगी और उन्होंने सोचा बेटी
सनकी हो गई है, लेकिन फिर मान गए। घरवालों ने फैसला किया कि चैताली की खुशी के लिए
उसकी बात मान ली जाए। उसके बाद चैताली के लिए एक स्थानीय मैन्युफैक्चरर कंपनी से
रेडीमेड शौचालय मंगवाया गया, जिसमें 18,000 रुपये के करीब लागत आती है। शिल्पकार ने जब रेडीमेड शौचालय की जरूरत
के बारे में जानना चाहा,
तो उन्हें कारण जानकर बेहद खुशी हुई।
और सिर्फ शुद्ध लागत का खर्च जोड़कर 12,000 में लड़की के
परिवार को सौंप दिया।
अकोला जिले के बालापुर तहसील स्थित अंदुरा गांव की चैताली
गलाखे के प्रेरणादायी कदम की सराहना करते हुए सुलभ इंटरनेशनल ने आज उसके लिए 10 लाख रूपये के नकद
पुरस्कार की घोषणा की। इसकी घोषणा करते हुए प्रख्यात स्वच्छता विशेषज्ञ और सुलभ
इंटरनेशनल के संस्थापक बिंदेश्वर पाठक ने चैताली को एक महान स्वच्छता प्रेरक और
संदेशवाहक बताया।