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- प्राकर्तिक सौंदर्य के साथ तीर्थों के दर्शन....
Posted by : achhiduniya
12 May 2015
गंगोत्री
और यमुनोत्री दोनों नदियों का उदगम.....
दोस्तों क्यों न इस वेकेशन पर ऐतिहासिक तीर्थ स्थल की सैर हो जाए जहाँ भगवान के दर्शन के साथ साथ प्राकृतिक सुंदरता को भी करीब से देखने का मौका मिलेगा। हिंदूओं के धार्मिक ग्रन्थ स्कंदपुराण के केदारखंड में भी उत्तरकाशी स्थान का उल्लेख मिलता है।
इस धार्मिक स्थल पर गंगा, यमुना दोनों नदियों का उदगम होता है।'उत्तरकाशी' को 'मंदिरों के नगर' के रूप में भी जाना जाता है। यह पवित्र तीर्थ स्थल गंगोत्री और यमुनोत्री के पास ही में पड़ता है। हिन्दुओं के बेहद महत्वपूर्ण तीर्थ स्थलों में से एक उत्तरकाशी उत्तराखंड का गढ़वाल जिला है।
उत्तरकाशी में मंदिरों की विशाल श्रंखला है जिनमे से कुछ मंदिर तो पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र हैं जैसे- विश्वनाथ मंदिर, पोखू देवता मंदिर, भैरव मंदिर, कुटेली देवी मंदिर, कर्ण देवता मंदिर, गंगोत्री मंदिर, यमुनोत्री मंदिर, और शनि मंदिर। भगवान शिव को समर्पित विश्वनाथ मंदिर लोकप्रिय मंदिरों में से एक है। यह तीर्थ स्थल अपनी तीनों ओर से तीर्थ स्थलों से घिरा हुआ है। उत्तरकाशी अपनें आकर्षक मंदिरों के लिए पर्यटकों के बीच खासा लोकप्रिय है जहाँ हर साल हज़ारों की तादाद में श्रद्धालु आते हैं।
हिमालय रेंज की तक़रीबन 1158 मीटर की ऊंचाई पर बसा हुआ है। जिसके कारण यह पर्यटकों के बाच खासा मशहूर है। ऋषिकेश से इसकी दूरी लगभग 145 किलोमीटर की पड़ती है। उत्तरकाशी पहुंचने के लिए निकटतम हवाई अड्डा है देहरादून में स्थित जॉली ग्रांट हवाई अड्डा,जो की 160 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।हवाई अड्डे से किराये की टैक्सियों द्वारा उत्तरकाशी पहुँच सकते हैं।
रेल मार्ग द्वारा ऋषिकेश और हरिद्वार उत्तरकाशी के निकटतम रेलखंड हैं। ये दोनों रेलखंड प्रमुख भारतीय शहरों मुंबई, दिल्ली, हावड़ा, और लखनऊ से नियमित गाड़ियों द्वारा जुड़े हुए हैं।सड़क मार्ग द्वारा- उत्तरकाशी देहरादून, ऋषिकेश, हरिद्वार और मसूरी जैसे शहरों से नियमित बसों द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। इन स्थानों से सरकारी और प्राइवेट बसें उत्तरकाशी के लिए उपलब्ध हैं।
दोस्तों क्यों न इस वेकेशन पर ऐतिहासिक तीर्थ स्थल की सैर हो जाए जहाँ भगवान के दर्शन के साथ साथ प्राकृतिक सुंदरता को भी करीब से देखने का मौका मिलेगा। हिंदूओं के धार्मिक ग्रन्थ स्कंदपुराण के केदारखंड में भी उत्तरकाशी स्थान का उल्लेख मिलता है।
इस धार्मिक स्थल पर गंगा, यमुना दोनों नदियों का उदगम होता है।'उत्तरकाशी' को 'मंदिरों के नगर' के रूप में भी जाना जाता है। यह पवित्र तीर्थ स्थल गंगोत्री और यमुनोत्री के पास ही में पड़ता है। हिन्दुओं के बेहद महत्वपूर्ण तीर्थ स्थलों में से एक उत्तरकाशी उत्तराखंड का गढ़वाल जिला है।
उत्तरकाशी में मंदिरों की विशाल श्रंखला है जिनमे से कुछ मंदिर तो पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र हैं जैसे- विश्वनाथ मंदिर, पोखू देवता मंदिर, भैरव मंदिर, कुटेली देवी मंदिर, कर्ण देवता मंदिर, गंगोत्री मंदिर, यमुनोत्री मंदिर, और शनि मंदिर। भगवान शिव को समर्पित विश्वनाथ मंदिर लोकप्रिय मंदिरों में से एक है। यह तीर्थ स्थल अपनी तीनों ओर से तीर्थ स्थलों से घिरा हुआ है। उत्तरकाशी अपनें आकर्षक मंदिरों के लिए पर्यटकों के बीच खासा लोकप्रिय है जहाँ हर साल हज़ारों की तादाद में श्रद्धालु आते हैं।
हिमालय रेंज की तक़रीबन 1158 मीटर की ऊंचाई पर बसा हुआ है। जिसके कारण यह पर्यटकों के बाच खासा मशहूर है। ऋषिकेश से इसकी दूरी लगभग 145 किलोमीटर की पड़ती है। उत्तरकाशी पहुंचने के लिए निकटतम हवाई अड्डा है देहरादून में स्थित जॉली ग्रांट हवाई अड्डा,जो की 160 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।हवाई अड्डे से किराये की टैक्सियों द्वारा उत्तरकाशी पहुँच सकते हैं।
रेल मार्ग द्वारा ऋषिकेश और हरिद्वार उत्तरकाशी के निकटतम रेलखंड हैं। ये दोनों रेलखंड प्रमुख भारतीय शहरों मुंबई, दिल्ली, हावड़ा, और लखनऊ से नियमित गाड़ियों द्वारा जुड़े हुए हैं।सड़क मार्ग द्वारा- उत्तरकाशी देहरादून, ऋषिकेश, हरिद्वार और मसूरी जैसे शहरों से नियमित बसों द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। इन स्थानों से सरकारी और प्राइवेट बसें उत्तरकाशी के लिए उपलब्ध हैं।