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- तकनीक से होगी पढ़ाई....स्कूल जाने की नही सहनी होगी कठिनाई....
Posted by : achhiduniya
15 May 2015
आज की तकनीक इतनी विकसित हो चुकी है,कि घर बैठे आपको खाने से लेकर नहाने तक,नाखून पालिश से
लेकर बालो की डाई तक,नाड़े से लेकर पैजामे तक,बच्चो की खिलौनो की कार से लेकर बड़ो की कार तक आप कोई भी चीज घर बैठे मँगवा
सकते है। माँ –बाप के लिए आज सबसे बड़ी चिंता होती है। सुबह बच्चो को तैयार करके स्कूल
भेजना,जिसमे बच्चे बड़े ही आनाकानी करते है इसके चलते माँ –बाप
गुस्सा होते है। कभी स्कूल बस या आटो का न आना गुस्से मे धी का काम करता है।
अब जल्द
ही इन परेशानियों से निजात मिल सकती है क्योकि जापान में पहली बार एक ऐसा
स्कूल शुरू किया गया है जहां विद्यार्थी और अध्यापक एक दूसरे से इंटरनेट पर
अपने-अपने अवतारों के जरिए एक दूसरे से संपर्क करते हैं। जापान का यह स्कूल ऐसे
लोगों को शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से खोला गया है जो एगोराफोबिया की तरह के
विकार से पीड़ित होते हैं और खुद को समाज से काट लेते हैं। ऐसे लोगों को जापान में
'हिक्कियोमोरी' कहा जाता है।
24 अप्रैल से शुरू इस स्कूल के
पहले बैच में 204 विद्यार्थियों ने दाखिला लिया है और पाठ्यक्रम के लिए शुल्क 180,000
येन (1,500 डॉलर) प्रतिवर्ष रखी गई है। इस
स्कूल से अध्ययन पाने के लिए विद्यार्थी अपने विशिष्ट अवतार बना सकते हैं, जिसके लिए अनगिनत हेयर स्टाइल
से लेकर वस्त्रों के चयन का विकल्प मौजूद है। हालांकि इस स्कूल में विद्यार्थियों
के लिए अपने अवतारों के जरिए ही नियमित उपस्थित होना अनिवार्य है। विद्यार्थियों
को इसके लिए अपने कंप्यूटर, टैबलेट या मोबाइल फोन पर एक
सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करना होता है।
इस सॉफ्टवेयर प्रोग्राम के जरिए विद्यार्थी अपने
अवतार को अध्ययन के लिए कक्षा भेजने का निर्देश दे सकता है। किसी ऑडियोविजुअल सामग्री या
ई-बुक का उपयोग कर सकता है, यहां तक कि अन्य विद्यार्थियों
और अध्यापकों के अवतारों से चैट इंटरफेस के जरिए संपर्क भी कर सकता है।
यह वर्चुअल
स्कूल चिबा क्षेत्र के मेइसेइ हाई स्कूल ने शुरू किया है। मेइसेइ हाई स्कूल लंबे
समय से दूरस्थ शिक्षा कार्यक्रम के जरिए स्नातक की शिक्षा देता रहा है।सब कुछ
ठीक रहा तो इसे आगे के देशो मे भी विकसित करने का प्रोग्राम है।