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- क्या है....? जी एस टी बिल [गुड्स सर्विस टैक्स] जाने कुछ बाते.....
Posted by : achhiduniya
14 May 2015
उपभोक्ताओं
यानी आपसे जुड़ी खबर.....
महाराष्ट्र
मे एल बी टी [लोकल बॉडी टैक्स] को लेकर सरकार और व्यापरियो मे घमासान के चलते सरकार ने पूरे देश मे एक ही कर व्यवस्था का विकल्प के रूप मे जी एस टी बिल [गुड्स सर्विस
टैक्स] बिल लाने का निर्णय लिया इस बिल को लेकर वित्त
मंत्री अरूण जेटली ने इस विधेयक को सदन में चर्चा के लिए पेश किया था। केंद्रीय
वित्त मंत्री अरूण जेटली ने संसद में कहा कि जीएसटी से कीमतें कम होंगी और
यह इकोनॉमिक ग्रोथ को भी बढ़ावा देगा।
जेटली ने कहा,
मुझे नहीं लगता कि जीएसटी के आने के बाद किसी भी राज्य के रेवेन्यू
में कोई कमी आएगी। लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि विधेयक जरूरत के
मुताबिक दो-तिहाई बहुमत से पारित हुआ है। अब जानते है,कि जी एस टी आखिर है क्या...? वस्तु एवं सेवा
कर (गुड्स ऐंड सर्विसेज़ टैक्स) को संक्षिप्त रूप में जी॰एस॰टी॰ कहते हैं।
गुड्स यानी
जिन सामानों का इस्तेमाल हम करते हैं, उसमें कोई भी पैकेज्ड
खाद्य सामग्री,शराब,सिगरेट पैकेट,
मोबाइल हैंडसेट,ट्रक से लेकर कार तक शामिल है।
सेवाओं में हम दूरसंचार सेवाओं का इस्तेमाल कर रहे हैं। इस पर 14 प्रतिशत के क़रीब कर लगता है।अस्पताल की सेवाएं, वकीलों
की सेवाएं ये सभी सेवाओं के दायरे में हैं। सामान और सेवाओं के कर की दर भारत में अलग-अलग
है। सेवाओं पर कर की दर 14 प्रतिशत है। वस्तुओं पर कर की दर अलग
है।
अब जीएसटी के ज़रिए वस्तु और सेवाओं की कर दर एक ही कर दी जाएगी,यानी जितना कर वस्तुओं पर होगा उतना ही सेवाओं पर भी लगेगा। इससे कर प्रशासन
आसान होगा। भारत में 20 प्रकार के कर लगते हैं और जीएसटी इन करों
की जगह ले लेगा। कर भुगतान हासिल करना आसान होगा। करदाताओं को फायदा मिलेगा,आख़िर में हर चीज़ का करदाता उपभोक्ता होता है। हम अब भी सेवा कर और उत्पाद
शुल्क चुकाते हैं,लेकिन जब कर व्यवस्था सही हो जाएगी तो इससे
उपभोक्ताओं को सहूलियत होगी।

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