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- जाने मुंगेरी लाल के हसीन सपनों की हकीकत........?
Posted by : achhiduniya
05 May 2015
मित्रो प्रमाण........चलिए आज आप और हम सपनो के
बारे मे जानने का प्रयास करते है,कि कैसे....?
क्यू....?और कब......? आते है या बनते
है सपने। एक तरफ सपने[ Dreams] मनुष्य के लिए बड़े
ही आकर्षक लुभावने और रहस्यमय होते है,वही डरावने और बुरे सपने [Dreams] जहां उसे भयभीत करते है,वहीं
दिलचस्प, मनोहारी और अच्छे सपने [Dreams] उसे आत्मविभोर और आत्मविश्वासी बना देते है। .jpg)
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मानव
मस्तिष्क अपनी इच्छाओं की पूर्ति करने के प्रयत्नों में सक्रिय है। परंतु जब किसी
भी कारण इसकी कुछ अधूरी इच्छाएं पूर्ण नहीं हो तो वह सपने [Dreams] का रूप लेती हैं।प्रायः यह माना जाता है कि
सपने आने का एक कारण नींद हो सकता है।
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विज्ञान मानता है कि नींद का हमारे मस्तिष्क
में होने वाले उन परिवर्तनों से संबंध होता है, जो सीखने और याददाश्त
बढ़ाने के साथ-साथ मांस पेशियों को भी आराम पहुंचाने में सहायक होते हैं। इस नींद
की ही अवस्था में मस्तिष्क की कोशिकाएं पुनः सक्रिय हो जाती हैं।
सपने आने का कोई ठोस प्रामाणिक
उत्तर आज तक खोजा नहीं जा सका है। वैज्ञानिक द्रष्टि कोण से देखा जाए तो मन कि
दो अवस्थाए होती है @एक जाग्रत मन और @दूसरा अर्धजाग्रत मन। अब जाग्रत मन और अर्ध जाग्रत मन कि
थोड़ी सी जानकारी लेते है। सपने मानव की दबी हुई
इच्छाओं का प्रकाशन करते हैं जिनको हमने अपनी जाग्रत अवस्था में कभी-कभी विचारा
होता है। अर्थात सपने हमारी वो इच्छाएं हैं जो किसी भी प्रकार
के भय से जाग्रत अवस्था में पूर्ण नहीं हो पाती हैं वह सपने [Dreams] में साकार होकर हमें मानसिक संतुष्टि व तृप्ति देती है।
मनुष्य के मस्तिष्क
के द्वारा दिन
भर विभिन्न स्रोतों से हमारे मन मस्तिष्क को संकेत [Signal] मिलते रहते हैं।
प्राथमिकता के आधार पर हमारा मन मस्तिष्क पहले उधर ध्यान दिलवाता है
जिसे करना अति आवश्यक होता है,तथा जिन संकेत [Signal] संदेशों की आवश्यकता
तुरंत नहीं होती उन्हें वह अपने में दर्ज कर लेता है। इसके अलावा प्रतिदिन बहुत सी
भावनाओं का भी हम पर प्रत्यक्ष प्रभाव पड़ता है। 

जो भावनाएं हम किसी कारण वश दबा
लेते हैं जैसे:-
गुस्सा,बदले
की भावना,अपमानित होना इत्यादी वह भी हमारे अवचेतन
मस्तिष्क यानी
अर्ध जाग्रत मन में दर्ज हो जाती हैं। रात को जब शरीर आराम कर रहा होता है तब भी मस्तिष्क अपना काम कर
रहा होता है।तब अर्ध जाग्रत मन अपनी डयूटी पर लग जाता है। इस वक्त वह उस जंगल
के खुले शेर की तरह होता है,जिसे किसी प्राणी का डर नही होता यानी
मनुष्य का मस्तिष्क वह सारी चीजों को करने मे अपने आप को स्वतंत्र महसूस करता है,जिसे वह जाग्रत यानी दिन के समय मे करने के लिए डरा-सहमा और चिंतित होता है।
नींद मे वह अपने बॉस से अपने जूते साफ करा सकता है,अपनी गर्ल
फ्रेंड के साथ डेट पर जा सकता है,नई गाड़ी,नया बंगला,हवाई जहाज का सफर,या
किसी के परीक्षा मे मेरिट मे आना,अच्छे काम करके दौलत और शौहरत
कमाना इत्यादी–इत्यादी इन के अलावा और भी बहुत कुछ जो वह जागते समय नही कर सकता उसे
सपने मे पूरा करने की कोशिश करता है।
लेकिन मित्रो बात यही पर खत्म नही होती जो सपने
आप रात के अंधेरों मे देखते है उसे दिन के उजालों मे पूरा करने का आप को अपने आप मे
हौसला और जस्बा जगाना होगा और वह होगा आपकी अच्छी यानी सकारात्मक सोच से,अच्छी बातो से,अच्छे व्यवहार-आचरण से.....इसलिए मित्रो
मुंगेरी लाल के हसीन सपनों से जागिए और उन्हे हकीकत मे पूरा करने के लिए प्रयास शुरू
कीजिए।
आपको हार्दिक शुभकामनाऍ। अगली बार कौनसे सपने से क्या ...?लाभ-हानी इस विषय को आपके सामने रखेंगे। आपका मित्र अनिल भवानी।