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- क्रोध और तनाव दूर करता है “शशांकासन”……… प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
Posted by : achhiduniya
10 June 2015
21 जून को योग दिवस के रूप मनाए जाने के लिए प्रधानमंत्री
नरेंद्र मोदी अपने ट्विटर एकाउंट पर लगातार योगासन और पर्यटन को बढ़ावा दे रहे है।
आज क्रोध और तनाव दूर करनेवाला योगासन 'शशांकासन' के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि तनाव और क्रोध को दूर करने के
लिए शशांकासन एक उपयुक्त आसन है। शशांकासन एक महत्वपूर्ण योगासन है जिसे करने से
तनाव दूर हो जाता है और मन को शांति मिलती है।
शशांकासन को वज्रासन की ही तरह
बैठकर किया जाता है। अक़्सर देखा गया है कि जब हम तनाव में होते हैं तो हमें भूख
नहीं लगती है। क्योंकि तनाव से पेट की मांसपेशियां सबसे पहले प्रभावित होती हैं।
इसलिए हमें कुछ ऐसे आसन भी करने चाहिए जिनसे पेट के मांसपेशियों की मालिश हो जाए। कंबल
या चादर,दरी को ज़मीन पर दोहरा बिछाएं। दोनों पैरों को
घुटनों से इस प्रकार मोड़कर बैठें जिससे आप पैरो की एड़ियो पर बैठ सके। दोनों हाथों को घुटनों पर रखें। कमर, गर्दन और रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें। शरीर को ढीला छोड़ दें और मन को
तनाव रहित रखें। सांस भरते हुए दोनों हाथों को सामने की ओर से सिर के ऊपर लेकर
आएं।
साथ ही अपने हाथ, सिर और धड़ को एक सीध में रखें। इसके
बाद सांस छोड़ते हुए कमर से आगे की ओर झुकें। पहले पेट, छाती
और कंधे को आगे की ओर झुकाएं और अंत में अपने सिर और हथेलियों को ज़मीन पर टिका
दें। फिर हाथों की ढीला कर दें जिससे कोहनियां ज़मीन को छू जाए। थोड़ी देर के लिए
आंखें बंद कर लें और पूरे शरीर को ढीला छोड़ दें। इस स्थिति में इस बात का ख़्याल
रखें कि आपका नितंब एड़ी से स्पर्श करेगा। 10 सेकेंड तक इस
अवस्था में रुके रहें। उसके बाद गहरी लंबी सांस लें और सांस छोड़ते हुए पूरे शरीर
को शिथिल कर दें।
शशांकासन करने से पेट के निचले भाग पर दबाव पड़ता है जिससे कब्ज़
दूर होती है। साथ ही शरीर की अतिरिक्त चर्बी भी इसे करने से घटती है। शशांकासन
एड्रीनल ग्रंथी से होने वाले स्राव को नियमित करता है व शरीर में शिथिलता लाता है।
इससे मानसिक शांति मिलती है और तनाव दूर होता है। इस आसन को करने से क्रोध पर नियंत्रण
पाया जा सकता है। शशांकासन में रुकने की अवधि को तीन से पांच मिनट तक बढ़ाते रहना
चाहिए। हाइ ब्लड प्रेशर और स्लिप डिस्क की समस्या वाले लोग शशांकासन का अभ्यास न
करें।