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- ऐसा होता तो........... अखबार में एड कैसे आती.........?
Posted by : achhiduniya
12 June 2015
यह केवल एक व्यंगात्म कविता..........किसी व्यक्ति विशेष का अपमान नही......
एक सिनेमा घर का मालिक गाँधी का बडा दिवाना था.........
इसलिए उसने अपने सिनेमा घर का नाम रखा
"गाँधी जी की धोती"
अब जब भी कोई नई फिल्म लगती तो अखबार में एड कैसे आती......
गाँधी जी की धोती में…………. 'आग का गोला'........
गाँधी जी की धोती में……………… 'शोले'......
गाँधी जी की धोती में...........शोला और शबनम........
"गाँधी जी की धोती"
अब जब भी कोई नई फिल्म लगती तो अखबार में एड कैसे आती......
गाँधी जी की धोती में…………. 'आग का गोला'........
गाँधी जी की धोती में……………… 'शोले'......
गाँधी जी की धोती में...........शोला और शबनम........
गाँधी जी की धोती में.........राम लखन........
गाँधी जी की धोती में.........बार्डर..........
गाँधी जी की धोती में……………. 'एनाकोंडा'......
गाँधी जी की धोती में………...... द ब्रनिंग ट्रेन.......
गाँधी जी की धोती में………...... द ब्रनिंग ट्रेन.......
गाँधी जी की धोती में……………..
रागिनी एम एम एस........
गाँधी जी की धोती में...........[केवल व्यसको
के लिए] नंगा बदन...........
गाँधी जी की धोती में....... चड़ती जवानी
छोरी मस्तानी ...[केवल व्यसको के लिए]...
गाँधी जी की धोती में.............काँटे........
गाँधी जी की धोती में…………..
बागबान........
गाँधी जी की धोती में...............जुल्म की
आँधी........