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- साथी हाथ बड़ाना.....साथी रे ....ज़ोर लगाके हईया....मिल के बोलो हईया......
Posted by : achhiduniya
14 June 2015
देश मे है हाई स्पीड ट्रेन,बुलेट ट्रेन महज एक सुनहरा सपना है या इसकी धरातल
पर भी कोई हकीकत क्योकि जिस तरह आए दिन गाड़ियो का पटरी से उतरना,आपस मे ट्रेनों की दुर्घटना होना।
यात्रियो को अच्छा भोजन- खाना ,स्वछय पानी जैसी बुनियादी सेवाओ से वंचित होने के साथ ट्रेने लेट और रद्द होना
जैसी समस्यायों से दो चार होना पड़ता है।
वही हाल ही घटना से लगता है की रेल्वे प्रशासन
के लिए यात्रीयो की कोई अहमियत नही। ग्वालियर
रेलवे स्टेशन से नैरोगेज ट्रेन रोज की तरह शुक्रवार को भी कैलारस-सबलगढ़ के लिए
रवाना हुई थी। जैसे ही ट्रेन रामदास घाटी पर चढ़ी तो इंजन गर्म होकर बंद हो गया और ट्रेन रुक गई। लगभग 1 घंटा ट्रेन वहीं खड़ी रही।
रेलवे की
ओर से जब कोई नहीं आया तो यात्रियों ने उतरकर खुद ही ट्रेन को धक्का लगाना शुरू कर
दिया। कुछ दूर सरकने के बाद इंजन फिर चालू हुआ और यात्रियों को लेकर सबलगढ़ के लिए
रवाना हो गया। इससे एक बात तो स्पष्ट है कि
रेल्वे आपकी संपत्ति है अपनी संपत्ति कि देखभाल आपको स्व्यम ही करनी है।