- Back to Home »
- National News »
- पानी पाउच मिनिरल वॉटर या जहर........
Posted by : achhiduniya
18 June 2015
देश मे पानी पिलाना पुण्य का काम माना जाता है वही आज इसे बड़ी कंपनियो ने पैसा कमाने का बड़ा जरिया बना लिया है। आज भी बहुताय जगहों पर नि:शुल्क पानी वितरण किया जाता है। बड़े बड़े प्याऊ के रूप मे,छबीली के रूप मे,ठंडा-ठंडा पानी पियो जी के बोर्ड लगे होते है लेकिन फिर भी लोग उन्हे छोड़ कर पानी के पाउच और सील बंद बोतल के चक्कर मे पड़ कर अपनी सेहत के साथ खिलवाड़ करते है। अनेक शहरो में धडल्ले से 'डेथ पाउच' बेचे जा रहे हैं।
ये पाउच हैं पानी के जी हां, चिलचिलाती धूप हो या कोई भी मौसम में पैकेज्ड
ड्रिंकिंग वॉटर का बिजनेस दिन दूनी,
रात चौगुनी तरक्की कर रहा है।सफर के दौरान या किसी पर्यटन की सैर के वक्त कही भी बाहर जाने पर आपके पास इन पानी पाउच और बोतल बंद पानी के अलावा कोई भी विकल्प नही होता। ऐसे मे सवाल यह उठता है की इन की गुणवत्ता को कैसे जाने दरअसल गला तर करने के लिए
आप जिसे चिल्ड वॉटर बोलकर खरीद रहे हैं,
असल मे वो पाउच महीनों पहले पैक किए गए हैं।
यकीन नहीं आता तो पाउच पर गौर से पढिए न तो आपको पैकिंग डेट
नजर आएगी और न ही बैच नंबर हां,
यह जरूर है कि बकायदा इन पर 'बेस्ट बिफोर वन मंथ' लिखा होता है, लेकिन किस डेट में इसे पैक किया गया है, यह जानकारी ही इस पर लिखी नहीं जाती। जिससे इन पाउच के निर्माता
इस बात का फायदा उठा रहे हैं। वही प्रशासन ने भी जैसे
इन्हें लोगों की जान से खेलने की परमिशन दे रखी होती है। ज्यादातर पाउच
बनाने वाली कंपनी ऐसी हैं, जो मेन्युफेक्चरिंग डेट
ही पाउच पर प्रिंट नहीं करती। बल्क में
पाउच बनाकर दुकानों में सेलिंग के लिए भेज दिए जाते हैं। 60
रुपए की एक बोरी में करीब 80 पाउच होते हैं।
1
रुपए के लगभग कीमत के ये पाउच बाजार में 3 व 5 रुपए की कीमत पर बेचे
जा जाते हैं। जिन
पाउचया बोतल बंद का पानी आप प्यूरिफाइड और साफ सुथरा शुद्ध समझकर पी रहे है
उनमें से ज्यादातर ऐसे हैं जिसमें नलों, कुओं और बोर का पानी सीधे भरा जा रहा है। साफ-सफाई
न होने के कारण पानी पॉल्युटेड और जहरीला भी हो जाता है। कोल्ड प्लेस में न रखने की वजह से धूप में पानी
में प्लास्टिक की बदबू भी आने लगती है। बॉटल्स के भी यही हाल है आज कल विभिन्न कंपनियो के स्टिकर बनाकर पानी बेचने वाले खुद ही इन्हे चिपकाकर बस स्टैंड,रेलवे स्टेशनो,बगीचो,शापिंग माल के बाहर जहा भी अत्यधिक भीड़-भाड़ वाला इलाका या सैर सपाटे,चाट ठेले वाले होते है वही बेच कर मुनाफा कमाते है।
बस स्टेशन व कुछ इलाको में पानी की बोटलों में भी
यही हाल नजर आते हैं। इन बोटल्स पर डेट के
बराबर प्रिंट न करने के कारण लोग इसे समझ नहीं पाते। 10 रुपए की ऐसी बोटल्स 20 रुपए में आसानी से बेची जा जाती है। केवल चिल्ड,ठंडी होने के नाम पर लोग भी इसको खरीद रहे है। टैक्स
चोरी भी कई कंपनियों ने तो
सेल्स टैक्स डिपार्टमेंट में रजिस्ट्रेशन तक नहीं कराया होता है, जिससे गवर्नमेंट की जांच से बच सके अधिकतर ये फ्रॉड कंपनीया बच्चों से मजदूरी कराके पानी के ये पाउच बिकवाती है ज्यादातर भीड-भाड.वाले
इलाकों में बेचे जा जाते हैं कई व्यस्ततम इलाकों में नाबालिग बच्चे ये पाउच
बेचते नजर आते हैं।
बसों में भी इन बच्चों
के द्वारा यह 'डेथ पाउच' खुलेआम बेचे जा रहे है। कुछ लोग बोतल बंद पानी पीना स्टेट्स सिंबल मानते है। समय रहते आप
अपनी सेहत के प्रति सजग हो जाए,बाहर
जाने से पहले अपने साथ पानी की व्यवस्था जरूर रखे।