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- मिलवाना चाहते है माता-पिता से उनका खोया बच्चा....जाने कैसे...?
Posted by : achhiduniya
07 June 2015
बड़ाए मदद का हाथ दे माता-पिता को उनके खुशियो
का संसार.......
फर्स्टपोस्ट के मुताबिक
दिल्ली भारत में मानव तस्करी का गढ़ है। दिल्ली घरेलू कामकाज, जबरन शादी और छोटी लड़कियों के अवैध व्यापार
का हॉटस्पॉट है। लड़कियों की न सिर्फ देहव्यापार के लिए तस्करी की जाती है, बल्कि उन्हें उन इलाकों में बेचा जाता है जहां
लड़कियों का रेशियो लड़कों के मुकाबले बहुत कम है। 

देश में नशे के कारोबार और
हथियारों की तस्करी के बाद मानव तस्करी यानी ह्यूमैन ट्रैफिकिंग देश में तीसरी और
सबसे गंभीर समस्या है। आज दुनिया भर में 215 मिलियन ऐसे बच्चे हैं जिनकी उम्र 14 साल से कम है। इन मासूमों का समय स्कूल में
नहीं बल्कि होटलों,
घरों, उद्योगों में बर्तनों, झाड़ू-पोंछे और औजारों के बीच बीतता है। भारत
में हालत यह है कि दुनिया में सबसे ज्यादा बाल मजदूर यहीं है।
1991 की जनगणना के हिसाब से बाल मजदूरों का आंकड़ा 11.3 मिलियन था। 2001 में यह आंकड़ा बढ़कर 12.7 मिलियन पहुंच गया। बच्चों के लिये काम करने
वाले संगठनों की माने तो दुनिया भर में 80% से ज्यादा मानव तस्करी यौन शोषण के लिए की
जाती है,
और बाकी बंधुआ मजदूरी
के लिए। भारत को एशिया में मानव तस्करी का गढ़ माना जाता है। आंकड़ों के अनुसार
देश में हर 8
मिनट में एक बच्चा
लापता हो जाता है।
2011
में करीब 35,000 बच्चों के लापता होने की रिपोर्ट दर्ज हुई, जिसमें से 11,000 से ज्यादा पश्चिम बंगाल से थे। विशेषज्ञों की
मानें तो ऐसा कोई सर्वे नहीं किया गया जिससे तस्कर हुए बच्चों का सही आंकड़ा पता
चल सके। आंकड़ों के अनुसार, मानव तस्करी के आधे से ज्यादा मामले झारखंड, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडू, आंध्रप्रदेश, कर्नाटक और बिहार राज्यों से हैं।
वही इस गंभीर
समस्या को ध्यान मे रखते हुए केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने महिला व बाल विकास
मंत्रालय और सूचना टेक्नॉलजी मंत्रालय के सहयोग से तैयार किए गए वेब पोर्टल खोया-पाया [ www.khoyapaya.gov.in ] को लांच किया जिससे खोए और पाए हुए बच्चो की फास्ट ट्रेकिंग करके बच्चो को उनके
परिजनो से जल्द से जल्द मिलने का प्रयास किया जाएगा। इसमे कोई भी व्यक्ति बच्चा खोने
व पाने की जानकारी अपडेट कर सकता है।
अगर किसी के पहचान का कोई बच्चा खो गया हो या किसी
खोए हुए बच्चे की जानकारी हो जिस पर आपकी नजर पड़ी हो उसे आप उसके खोए हुए माता-पिता
से मिला सकते है।अधिक जानकारी के लिए आप www.khoyapaya.gov.in पर लाग इन कर सकते है।