- Back to Home »
- Lifestyle / GreatAchievers »
- वैवाहिक जीवन बनाए सुखी...आपसी समझदारी से
Posted by : achhiduniya
04 June 2015
आज के मधुर वैवाहिक जीवन मे पति-पत्नी का एक दूसरे
रूठना और मनाना आम बात है,इससे एक तरफ प्यार तो बड़ता ही है,लेकिन अधिक मन मुटाव अलगाव का कारण भी बनता है। पति-पत्नी
रिश्ता
टूटने के बाद लोगों की सहानुभूति बटोरने के लिए तमाम बुराइयां दूसरों से कर बैठते हैं।
लेकिन इसके लिए सहयोगियों और दोस्तों-यारों को हिस्सेदार बनाना ठीक नहीं होता।
जब
आप खुद इस विषय पर चर्चा नहीं करेंगे तो लोग क्यों आपसे इस विषय पर बात करेंगे।
यदि आप अपनी सफाई में दोषारोपण करेंगे तो मुंह पर तो वे आपकी हां में हां मिलाएंगे, लेकिन पीठ पीछे आपकी बातें रस
ले-लेकर करेंगे। एक वैवाहिक संबंध टूटता है तो पत्नी के
साथ तो प्रायः सारा समाज होता है, लेकिन पति
के दिल पर क्या बीतती है इस पर कोई नहीं सोचता। बल्कि लोग उस पर दोषारोपण करने लग
जाते हैं। ऐसे में उसे तरह-तरह के कमेंटस सुनने को मिलते हैं।
अगर गलती उसकी नहीं
हो तो वह बहुत आतंकित हो जाता है और रिश्ता टूटने के बाद वह इस कदर टूट जाता है कि
समाज से तो कटकर ही रहने लगता है। कभी-कभी वह अपना करियर भी तबाह कर लेता है।
दोबारा शादी करने से तो डरने लगता ही है। ऐसा पुरुष दरअसल बेहद संवेदनशील हो जाता
है। ऐसा होने के बाद वह दिन-रात खुद को धिक्कारने लगता है। कई बार अपने माता-पिता या पत्नी के माता-पिता की वजह से
रिश्ता टूटता है तो कई पुरुष अपनी पत्नी को भूल नहीं पाते और गम गलत करने के लिए
पीने की लत पाल लेते हैं।
इसी नशे में वे बहुत बार देर रात को पत्नी के मायके में
उसको फोन कर डालते हैं, जिससे बात और बिगड़ जाती है।
कभी-कभी तो नशे में पुरुष अपनी पत्नी के मायके पहुंचकर झगड़ा तक करने लग जाते हैं।
कभी-कभी तो बात इतनी बढ़ जाती है कि पुलिस केस तक बन जाता है। वे दिल से तो चाहते
हैं कि पत्नी के साथ रिश्ता जोड सकें, लेकिन होता यह है कि और
ज्यादा नफरत का शिकार हो जाते हैं। खुद का भी आकलन करें और कहां
पर क्या गलती हुई इस पर विचार करें। दूसरी बार संबंध में यह गलतियां न हों
इस पर ध्यान दें। परिवार में अपना स्थान बनाने के तरीके भी उसको बताएं।
एक बार रिश्ता टूट जाए तो समझदार और परिपक्व बनकर फिर से एक साथ रिश्ते की नई डोर को मजबूत बनाने की कोशिश करें।वही पत्नी को भी अपने पति कि और पति को अपनी पत्नी कि गल्तियो को नजर अंदाज करके आपसी विचार विमश करके अपने कार्य क्षेत्र मे बड़ते तनाव से अवगत कराके एक दूसरे का साथ देने का भरोसा देना चाहिए।तभी वैवाहिक जीवन सुखी और संपन्न होगा।
एक बार रिश्ता टूट जाए तो समझदार और परिपक्व बनकर फिर से एक साथ रिश्ते की नई डोर को मजबूत बनाने की कोशिश करें।वही पत्नी को भी अपने पति कि और पति को अपनी पत्नी कि गल्तियो को नजर अंदाज करके आपसी विचार विमश करके अपने कार्य क्षेत्र मे बड़ते तनाव से अवगत कराके एक दूसरे का साथ देने का भरोसा देना चाहिए।तभी वैवाहिक जीवन सुखी और संपन्न होगा।