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- कौनसे.....? पौधे घर पर उगाए...मच्छरो को दूर भागाए.........
Posted by : achhiduniya
21 September 2015
आज एक
मच्छर बहुत
भयानक
विलेन
का रूप
धारण कर पूरे
देश मे
अपने नेटवर्क को
फैलाने
की कोशिश
कर रहा
है। जिसका
सरगना
अपने आप
को डेंगू
या डेंगी
के रूप
मे प्रसारित
करके लोगो को
बीमार
करने और
जान से
खेलने
तक का
प्रयास
कर रहा
है। इससे
पहले की वह
अपने मकसद
मे कामयाब
हो सके
उसकी सलतनत
को खत्म
कर देना
चाहिए।
अधिकतर
इसके गुर्गे
यानी साथी
मच्छर
जमा गंदे
पानी के
साथ कचरे
के ढेरो
मे पाए
जाते है।
सबसे पहले
उनके इन
स्थानो
को खत्म
करना जरूरी
है। मार्केट
मे मिलने
वाले मच्छरों
को भगाने
के लिए
लोग केमिकल्स
भी इस्तेमाल
करते हैं, लेकिन
वह भी
स्वास्थ्य
और पर्यावरण
के लिए
नुकसानकारी
है।
यदि
आप प्राकृतिक
रूप से
मच्छरों
से छुटकारा
चाहते
हैं तो घर
पर कुछ
पौधो को
लगाकर
उन से
छुटकारा
पा सकते
है। आइए
जानते
है कैसे
.........?@ लैवेंडर
मच्छरों
को दूर
रखने के
लिए लैवेंडर
एक शानदार
पौधा है।
लैवेंडर
आसानी
से उग
जाता है
क्यों
कि इसे
ज्यादा
देखभाल
की जरूरत
नहीं होती
है। यह
4 फ़ीट की
हाइट पर
उगता है
और इसे
सूर्य
की धूप
की आवश्यकता
होती है।
केमिकल
फ्री मॉस्किटो
सोल्युशन
बनाने
के लिए
लैवेंडर
ऑयल को
पानी में
मिलाकर
सीधे स्किन
पर लगा
सकते हैं।
मच्छरों
पर नियंत्रण
करने के
लिए इस
पौधे को
बैठने
की जगह
लगाएं।
मच्छरो
को दूर
रखने के
लिए लैवेंडर
ऑयल को
गर्दन, कलाई
और घुटनों पर
भी लगा
सकते हैं।
@ सिट्रोनेला
ग्रास
मच्छरों
को दूर
करने का
अच्छा
स्त्रोत
है। यह
2 मीटर तक
बढ़ती है
और इसके
फूल लॅवेंडर
जैसे रंग
के होते
हैं। इस
ग्रास
से निकलने
वाला सिट्रोनेला
ऑयल मोमबत्तियों, परफ्यूम्स, लैम्प्स
आदि हर्बल
प्रोडक्ट्स
में इस्तेमाल
किया जाता
है। सिट्रोनेला
ग्रास
डेंगू
पैदा करने
वाले मच्छरों
(एडीज एजिप्टी)
को भी
दूर करती
है। मच्छरों
को दूर
करने के
लिए सिट्रोनेला
ऑयल को
बगीचे
में जलने
वाली कैंडल्स
और लालटेंस
में छिड़क
दें। सिट्रोनेला
ग्रास
में जीवाणु
रहित तत्व
(एंटी- फंगल
प्रॉपर्टी)
भी मौजूद
हैं। सिट्रोनेला
ग्रास
स्किन
के लिए
भी सुरक्षित
है और
लम्बे
समय तक
भी असरकारक
है। इसके
साथ ही
यह किसी
प्रकार
का नुकसान
भी नहीं
पहुंचाता
है।@हॉर्समिंट
भी मच्छरों
को दूर
करने में
मददगार
है। यह
एक बारहमासी
पौधा है
जिसे किसी
विशेष
देखभाल
की जरुरत
नहीं है।
इसकी गंध
सिट्रोनेला
जैसी ही
होती है।
ये पौधे
गर्म मौसम
में और
रेतीली
मिटटी
में उगते
हैं। इनके
फूल गुलाबी
होते हैं।
अपने ऑयल
में मौजूद
थाइमोल
जैसे एक्टिव
इंग्रीडेंट
के कारण
ये कवक
और बैक्टीरियानाशी
हैं। बुखार
के इलाज
में भी
इनका इस्तेमाल
होता है।
@ कैटनिप
एक औषधि
है जो
पोदीने
जैसी होती
है। हाल
ही में
इसे भी
मॉस्किटो
रिप्लीयन्ट
माना गया
है। हाल
ही में
किये गए
अध्ययन
के अनुसार
ये डीईईटी
से 10 गुना
ज्यादा
असरकारक
है। यह
एक एक
बारहमासी
पौधा है
जो धूप
में और
आंशिक
छायां
में बढ़ता
है। इसके
फूल सफ़ेद
और लॅवेंडर
कलर के
होते हैं।
मच्छरों
को दूर
रखने के
लिए इसे
घर के
पिछवाड़े
या छत
पर उगाएं।
बिल्लियों
को इसकी
सुगंध
अच्छी
लगती है
इसलिए
बाड़ लगाकर
इसका बचाव
करें।
इसकी मसली
हुई पत्तियां
या इसका
लिक्विड
स्किन
पर लगा
सकते हैं।
@ रोज़मेरी अपने आप में एक प्राकृतिक मॉस्किटो रिप्लीयन्ट है।
रोजमेरी
के पौधे
4-5 फ़ीट तक
लम्बे
होते हैं
और इनके
नीले फूल
होते हैं।
गर्म मौसम
में ये
बढ़ते हैं।
सर्दी
के मौसम
में ये
नहीं बचते
हैं और
इन्हे
गर्मी
की जरुरत
होती है।
इसलिए
रोजमेरी
को गमले
में उगाएं
और सर्दियों
में इन्हे
घर के
अंदर रखें।
रोजमेरी
का इस्तेमाल
मौसमी
कुकिंग
के लिए
भी होता
है। गर्मी
के दिनों
में रोजमेरी
प्लांट
के गमले
को बगीचे
में रखें।
रोजमेरी
मॉस्किटो
रिप्लीयन्ट
की 4 बूंदों
को 1 चौथाई
जैतून
के तेल
के साथ
मिलकर
भी लगाया
जा सकता
है लेकिन
इसे ठंडे
और सूखे
स्थान
पर रखें।
उसी प्रकार
तुलसी
का पौधा ।
गेंदे
का पौधा
। लेमन
बम का
पौधा लगाकर
आप घरेलू
तरीके
से मच्छरो
से अपने
परिवार
पर आने
वाले खतरो
से रक्षा
कर सकते है।