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- अश्रु-गैस और लाफिंग गैस...किसने की खोज....कैसे काम करती है.....?
Posted by : achhiduniya
25 September 2015
आपने अश्रु-गैस (टीयर गैस) के बारे में तो सुना ही
होगा। पुलिस द्वारा इसका प्रयोग अक्सर
किया जाता है। यह गैस लोगों की आंखों पर तेजी से इफेक्ट डालती है तथा उनमें से
आंसू बहने लगते हैं। इसलिए ही इसे अश्रु-गैस कहते हैं। टीयर गैस लोगों को रुलाती
है
वैसे ही लाफिंग गैस लोगों को हंसाने का काम करती है। सूंघने पर यह गैस हमारे रक्तमें
होकर दिमाग के हंसी-केंद्र को उत्तेजित कर
देती है। इसी उत्तेजना के कारण मनुष्य जोर-जोर से हंसने लगता है। लाफिंग-गैस
अर्थात हंसाने वाली गैस को नाइट्रस ऑक्साइड (N2O) कहते हैं।
कोई अधिक मात्रा में लाफिंग-गैस को
सूंघता है तो यह उसके लिए काफी डेंजरस हो सकता है।इससे हिस्टीरिया के हल्के दौरे
पड सकते हैं। लाफिंग-गैस की खोज का श्रेय
इंग्लैंड के वैज्ञानिक जोसफ प्रीस्टलै को जाता है।
उन्होंने इस गैस का इन्वेंशन 1772 ईस्वी में किया। जहां इस गैस का इफेक्ट शीघ्रता से
होता है, वहीं समाप्त भी जल्दी
होता है।